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      Home Media Study Material

      Shutter Speed

      by Dr. Arvind Kumar Singh
      3 years ago
      in Media Study Material, Photography
      0

      Shutter Speed is one important factor in controlling light in camera. This article explains about the functioning of Shutter and meaning Shutter Speed in detail.

      शटर गति Shutter Speed

              एक अच्छा फोटो लेने के लिए प्रकाश का सही ढंग से उपयोग किया जाना आवश्यक है। कैमरे में प्रकाश नियंत्रक होते है। फोटोग्राफी में प्रकाष को नियंत्रित करने के लिए तीन सबसे महत्वपूर्ण सेटिंग्स होते है। इसमें से एक नियंत्रक शटर स्पीड भी है। इसके अतिरिक्त अन्य दो कारक अपर्चर और आईएसओ होते हैं। शटर गति की मदद से किसी भी फोटो में ब्राइटनेस को कम या अधिक करते है। इसके अतिरिक्त इसकी मदद से और फ्रीजिंग का कार्य या धुंधली गति से नाटकीय प्रभाव पैदा जाता है। शटर गति कैमरा शटर के कैमरा सेंसर के सामने एक पर्दा है। जब कैमरा आन नही रहता एवं उपयोग नही किया जाता तो यह यह बन्द रहता है। जब कैमरा आन होता है, तो शटर खुलता है और कैमरा लेंस से गुजरने वाले प्रकाश कैमरा सेंसर तक जाता है। यह एक निर्धारित अवधि के लिए ही खुलता है, उसके बाद शटर बन्द हो जाता है। कैमरे में शटर दिये गये अवधि तक प्रकाश के पहुॅंचने के बाद प्रकाश जाना बन्द हो जाता है। शटर प्रकाश को कैमरे के सेंसर तक निर्धारित अवधि के बाद जाने से रोकता है। कैमरे को सक्रिय करने वाले बटन को ‘‘शटर‘‘ या ‘‘शटर बटन‘‘ भी कहा जाता है, क्योंकि यह शटर को खोलने और बंद करने के लिए ट्रिगर करता है। यहाॅं आगे शटर से सम्बन्धित महत्वपूर्ण पहलूओं के बारे में चर्चा की जा रही है।

      शटर गति Shutter Speed definition

                  यह वह अवधि या समय है जिस दौरान के लिए कैमरा का शटर खुला रहता है, और वह कैमरा में स्थित सेंसर पर प्रकाश गिरता है। कैमरा फोटो लेने में जो समय लगता है, उसका फोटो पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ता है। इस प्रकार यह महत्वपूर्ण बात है कि शटर गति किसी प्रकार के गति न बता करके सेंसर पर गिरने वाले प्रकाष की अवधि को बताता है। इस सन्दर्भ में लम्बी शटर गति एवं धीमी शटर गति एक ही पहलू को व्यक्त करने के लिए इस्तेमाल किया जाता हैं। अर्थात् शटर देर तक खुला हुआ रहता है।

            जब एक लंबी या धीमी शटर गति उपयोग करते हैं, तो इससे सेंसर अधिक अवधि के लिए प्रकाशित होती हैं। इसके एक बहुत ही महत्वपूर्ण पहलू बड़ा प्रभाव मोशन ब्लर होता है। फोटो में गतिमान वस्तु गति की दिशा में गतिमान धुंधला दिखाई देता है। इस प्रकार का प्रभाव विज्ञापन में कारों और मोटर बाइकों के गतिमान वस्तुओं के दर्शाने के लिए उपयोग किया जाता है। इसमें दर्शकों को जानबूझकर गाड़ी की चलती पहियों को धुंधला करके दिखायी  जाती है। ऐसे फोटो कुछ खास प्रकार के उद्देश्य को ध्यान में रख करके लिए जाते हैं।

      इसे भी पढ़ें Aperture

      धीमी एवं तीव्र शटर गति का उपयोग- Uses Slow and fast Shutter Speed

      कैमरे में शटर की गति धीमी या तेज हो सकती है। जब हम धीमी शटर गति कहते हैं तो फिर इसका आशय कैमरे के शटर को देर तक खुला रहता है। किन्तु जब कैमरा का शटर देर तक खुलता है तो कैमरा को उस दौरान स्थिर भी रहना चाहिए। ऐसा न होने पर भिन्न समय पर सेंसर पर भिन्न भिन्न जगह या वस्तुओं का फोटो आयेगा। ये सब फोटो एक दूसरे को ओवर लैप करते हुए दिखेंगें।

                   धीमी शटर गति का उपयोग फोटोग्राफी में कई प्रकार से किया जाता है। बहती नदियों और झरनों में गति की भाव दर्षाने, लैंडस्केप फोटोग्राफी, रात में आकाशीय पिंडो के अतिरिक्त अन्य प्रकार की धीमी वस्तुओं का फोटो लेने के लिए किया जाता है। इस दौरान कैमरा को स्थिर रहना चाहिए। इसलिए इसमें ट्राइपाॅड का इस्तेमाल करके फोटोग्राफी की जाती है।

              दूसरी ओर, तेज शटर गति का उपयोग गतिमान वस्तुओं का फोटो लेने के लिए किया जाता है। इससे गति फ्रीज भी किया जा सकता है। तेज शटर गति का उपयोग से तेज गति वाली वस्तुओं का किसी क्षण विशेष का फोटो ले सकते है। तेज शटर गति का उपयोग तीव्र गति के वाहन या अन्य प्रकार की गतिशील वस्तुओं की तस्वीरें लेते समय करते हैं। इससे तेज गति की वस्तुओं के स्थिर फोटो को तेज शटर गति का करके प्राप्त किए जाते हैं। संक्षेप में, तेज शटर गति किसी गतिशील वस्तु को स्थिर रूप में फोटो लेती है, जबकि शटर की गति बढ़ा देते है तो फिर जब गतिमान वस्तुओं की तस्वीर लेते हैं तो उसमें गति का प्रभाव पैदा होता दिखता है।

      शटर गति का मापन Measurement of Shutter Speed

                जैसा कि पहले बताया गया है कि शटर गति कैमरा के शटर के खुलने के अवधि को व्यक्त करता है। इसे आमतौर पर एक सेकंड के भागों में मापा जाती है जब वह एक सेकंड से कम होती हैं। उदाहरण के लिए,1/2 का अर्थ एक सेकंड का एक आधा और 1/4 का अर्थ है एक सेकेंड का चैथाई, जबकि 1/250 का अर्थ है, एक सेकंड का एक-दो-सौ-पचासवां भाग होता है। इसे यदि मिली सेकेंड में व्यक्त किया जाये तो एक सेकेंड में 1000 मिली सेकंड होता है। इस तरह आधा सेकेंड 500 मिली सेकेंड एवं 1/250 सेकेंड 4 मिली सेकेंड के बराबर होता है।

             वर्तमान सेकेंड के हजारवें भाग के लिए मापन के लिए कैमरे आ गये हैं। इसमें सेकेंड के हजारवें हिस्से की अवधि के लिए शटर खुल सकते हैं। उदाहरण के लिए आधुनिक डीएसएलआर और मिररलेस कैमरे में एक सेकेंड के 1/2000, 1/4000 एवं 1/8000वें हिस्से की शटर गति खोलने वाले वाले कैमरे आ गये हैं, वहीं दूसरी ओर, अधिकांश डीएसएलआर या मिररलेस कैमरों पर सबसे लंबी अवधि के लिए शटर खुल सकता है। अब शटर गति आमतौर पर 30 सेकंड होती है। किन्तु इसे और अवधि के लिए भी खोला जा सकता है। भिन्न भिन्न कैमरे में शटर के न्यूनतम एवं अधिकतम समय भिन्न भिन्न मान हेतु निर्धारित हो सकती है।

      शटर स्पीड और प्रकाश एक्सपोजर Shutter Speed and light exposure

                    शटर गति का प्रभाव पिक्चर के एक्सपोजर पर भी होता है। हालांकि, शटर गति के साथ साथ ही किसी इमेज की ब्राइटनेस को कैमरे का एपर्चर और आईएसओ भी प्रभवित करता है। इसलिए, जब हम शटर गति पर निर्णय लेते हैं तो इसे सेट करने के लिए अन्य विकल्प भी होते हैं,। अन्य सेटिंग्स को सावधानी से चुनने की आवश्यकता होती है। जब शटर अधिक अवधि के लिए खुलता है, तो फिर कैमरें के सेंसर पर अधिक देर तक प्रकाश पड़ता है। इससे फोटो अधिक प्रकाशमान होता है। इसके विपरीत जब कैमरा का शटर बहुत ही अल्प समय के लिए खुलता तो कम मात्रा में ही प्रकाश कैमरे के सेंसर पर जाता है और अधिक गहरा फोटो होता है। इस प्रकार एक प्रकार के प्रकाश होने पर फोटो की चमक शटर की गति पर निर्भर करता है। इस दौरान अन्य कारक जैसे अपर्चर एवं आइसो स्थिर रहने चाहिए।

                फोटोग्राफी करते समय उचित ब्राइटनेस वाली फोटो आवश्यक है और उचित ब्राइटनेस की फोटो खींचने के लिए कैमरे की शटर गति का सही होना आवश्यक है। जब बहुत तेज धूप वाले दिन होते हैं तो फिर कैमरें का शटर को तेज गति का उपयोग करने की आवश्यकता हो सकती है जिससे कि कम समय के लिए ही प्रकाश कैमरे में प्रवेश करे। इससे फोटो अधिक प्रकाशित नही हो पाती है। उसमें अनावश्यकक ब्राइटनेस नही होती है।

             इसके विपरीत यदि फोटोग्राफी करते समय कम प्रकाश है या यदि अंधेरा है, तो सही फोटो लेने लिए एक लंबी या धीमी शटर गति आवश्यक हो सकती है। इस प्रकार से फोटो में सही चमक के बनाने के लिए उचित शटर गति करना आवश्यक है। कैमरे के मोशन ब्लर की से बचना भी बहुत आवश्यक हैं। अधिक देर तक शटर खुलने के दौरान कैमरे के हिलने का डर रहता है और पिक्चर में ब्लर होता है। वह धुॅधला दिखता है। इसलिए इस स्थिति से बचने के लिए टाइपाॅड या तिपाई की आवश्यकता हो सकती है।

      तेज, धीमी और लंबी शटर गति का उपयोग Uses of fast and slow Shutter Speed

                  एक तेज शटर गति आमतौर पर तेज गति से चलने वाली वस्तु की स्थिर पिक्चर लेने के लिए इस्तेमाल  किया जाता है। उदाहरण के लिए पक्षियों या इस गति के बराबर चलने वाली वस्तुओं की तस्वीरें लेने के लिए 1/1000 वां सेकंड  हो सकता है। दूसरी तरफ, धीमी गति से चलने वाले विषयों की सामान्य फोटोग्राफी के लिए 1/200वें सेकंड, 1/100वें सेकंड या उससे भी अधिक समय का उपयोग किया जा सकता है । इसमें मोशन ब्लर नही होता है।

           जब हम लम्बी शटर गति की बात कहते है तो फिर लंबी शटर गति आमतौर पर 1 सेकंड से अधिक होती है। किन्तु इस स्थिति में फोटोग्राफी करने हेतु ट्राइपोड के उपयोग करने की आवश्यकता होती है। तभी ब्लर से बचा जा सकता है। इस प्रकार की फोटोग्राफी उस समय की जाती है जब कम रोशनी या फिर रात की फोटोग्राफी करनी होती है। इसी प्रकार से  जानबूझकर चलायमान वस्तु की गति को कैमरे में पकड़ने के लिए लंबी या धीमी शटर गति का उपयोग करेंगे। लंबी शटर गति का उपयोग करते हैं तो दृश्य में कुछ भी चल रहा है, यह बहुत धुंधला दिखाई देता है। 

      इसे भी पढ़ें camera mode

      1 सेकंड से 1/100 सेकंड तक की शटर गति अपेक्षाकृत धीमी मानी जाती है। इस दौरान यदि हाथों से कैमरा इस्तेमाल किया जा रहा है तो फिर कैमरा के हिलने की आशंका होती हैं, खासकर एक सेकेंड के फोटो लेने के दौरान तो कैमरे के हिलने की आषंका बहुत अधिक हो जाती है। इसलिए कैमरे को स्थिर रखने के लिए विशेष उपाय किये जाते हैं।

                  कुछ कैमरो में लेंस के भीतर विशिष्ट फोटो स्थिर करने की तकनीक होती हैं। यह फोटोग्राफर को बहुत धीमी शटर गति रख करके सही ढंग से फोटो  लेने में मदद कर सकती हैं। जिसे ‘‘कंपन कमी‘‘ के रूप में भी जाना जाता है । इस स्थिति में कैमरे को हाथ से पकड़े हुए फोटो लेने है तो कैमरे के हिलने पर वह सी फोटो लेने के लिए ऐडजस्ट कर लेता है। इसमें कैमरा शेक का इस्तेमाल किया जाता है। किन्तु यह आवश्यक नही है कि सभी कैमरे में लेसों कंपन कमी करने की व्यवस्था हो। इसलिए इसे सही निर्धारित करने के लिए यह ध्यान देना चाहिए कि कैमरा का शटर गति उचित हो जिससे कि वह कैमरा शेक न हो। और फोटो में धुंधलापन न हो। कुल मिला करके यह कहा जा सकता है कि  फोटोग्राफी में सही प्रकार से कैमरा होल्ड करना चाहिए। 

      शटर स्पीड  सेट करना Setting Shutter Speed

              कैमरे की शटर गति सही प्रकार से सेट करने की आवश्यकता होती है।  बहुत से कैमरे डिफॉल्ट रूप से शटर गति को आटो रूप में होता हैं। जब कैमरा इस मोड पर सेट होता है, तो कैमरे स्वयं शटर गति का निर्धारण करता है। । किन्तु जब कैमरे के षटर की गति को निर्धारण करना आवश्यक होता है तो इसके शटर गति को मैन्युअल रूप से सेट करते हैं। इस प्रकार कैमरे को ‘‘शटर प्राथमिकता‘‘ मोड पर करके शटर गति चुना जा सकता हैं। इस स्थिति में कैमरा स्वचालित रूप से अपर्चर का चयन करता है। इसी प्रकार से कैमरे को ‘‘मैनुअल‘‘ मोड पर सेट किया जाता है तो शटर गति और एपर्चर दोनों को मैन्युअल रूप से चुना जा सकता हैं। इन दोनों मोड में, मैन्युअल रूप से या स्वचालित रूप से आईएसओ सेट कर सकते हैं। कई मामलों में, कैमरा को ही फोटो के लिए सही शटर गति का चयन करने देते है। कुल मिला करके यह सुनिश्चित किया जाता है कि किसी फोटो में बहुत अधिक मोशन ब्लर न हो। 

      शटर स्पीड को देखना Viewing Shutter Speed

             यदि कैमरा आपरेट करते समय हमें यह ज्ञात करना है कि शटर की गति कितनी है तो इसे आसानी के साथ ज्ञात किया जा सकता है। जिन कैमरों में एक शीर्ष पैनल होता है, शटर गति आमतौर पर शीर्ष बाएं कोने पर स्थित होती है। बहुत से कैमरे में टाॅप एलसीडी नही होता है। फिर व्यूफाइंडर के माध्यम से इसे देख सकते हैं, इसमें  नीचे-बाईं ओर शटर स्पीड दिखाई देती है। किन्तु जब कैमरे में न तो शीर्ष एलसीडी है और न ही दृश्यदर्शी तो फिर कैमरा परसन बैक स्क्रीन को देखकर अपनी शटर गति देख सकते हैं। सामान्यतौर पर कैमरों पर, शटर गति सीधे एक सेकंड के अंश के रूप में नही होती है उसकी जगह पर यह आमतौर पर एक नियमित संख्या होती है। जब शटर गति एक सेकंड से अधिक या उसके बराबर होती है, तो  1” या 2” जैसा कुछ दिखाई देगा।

               यदि शटर गति ज्ञात हो पा रहा है, तो कैमरे को ‘‘अपर्चर प्राथमिकता‘‘ मोड पर सेट करके यह सुनिश्चित किया जाता  ‘‘ऑटो आईएसओ‘‘ बंद कर दिया है। फिर, अपने कैमरे के चारों ओर अंधेरे से उज्ज्वल क्षेत्रों की ओर इशारा करना शुरू किया जाता है। इस समय जो नंबर बदलेगा वह कैमरे के शटर की स्पीड होती है।

      विविध धीमी एवं तेज शटर गति Different Slow and fast Shutter Speed

             कैमरे के शटर गति को अधिक एवं धीमी शटर गति के तौर पर जानते है। आमतौर अधिक धीमी शटर गति  लगभग 1 सेकंड और इससे भी लंबी 2 सेकेंड या फिर 5 सेकेड होती है। इसकी तुलना में, धीमी शटर गति एक सेकंड के अंश को संदर्भित कर सकती है, जैसे कि 1/2 या 1/4 संकेंड आदि।  एक तेज शटर गति को अक्सर शटर गति के रूप में संदर्भित किया जाता है जो किसी गतिमान को स्थिर रूप में फोटो लेने के लिए पर्याप्त तेज होती है। आमतौर पर, फोटोग्राफर एक सेकंड के छोटे अंशों का उल्लेख करते हैं, जैसे कि एक सेकंड का 1/250वां या 1/500 वां समय तेज शटर गति होता है। इसी प्रकार से 1/1000, एवं 1/2000  एवं उससे भी छोटा समय बहुत तेज शटर गति के तौर पर जाना जाता है।

              कैमरे में शटर  गति अक्सर  कैमरे के शीर्ष या पीछे के एलसीडी पर एक संख्या या अंश के रूप में प्रदर्शित होती है। यदि शटर रिलीज को आधा दबा कर कैमरे को एक उज्जवल क्षेत्र की ओर ले जाते हैं जो संख्या बदलती है वह आमतौर पर शटर गति होती है। कैमरे के आधार पर, सबसे धीमी शटर गति जिसे रिमोट शटर रिलीज का उपयोग किए बिना उपयोग करने की अनुमति है, सामान्तौर  पर 30 सेकंड होता है। इसी प्रकार से कैमरे में  सबसे तेज शटर गति यह कैमरे की क्षमता पर निर्भर करता है। अधिकांश डीएसएलआर और मिररलेस कैमरे मैकेनिकल शटर का उपयोग करके एक सेकंड के  1/4000 जितनी तेजी से शूट कर सकते हैं। कुछ अधिक उन्नत कैमरे यांत्रिक शटर के साथ एक सेकंड के 1/8000 जितनी तेजी से शूट कर सकते हैं।  इलेक्ट्रॉनिक शटर का उपयोग करते समय भी तेजी से शूट कर सकते हैं।

             शटर गति हमेशा सेकंड या एक सेकंड के अंश में लिखी जाती है। उदाहरण के लिए,1 सेकंड की शटर गति को आमतौर पर एकल संख्या के रूप में प्रदर्शित किया जाता है जो कि उद्धरण चिह्न या उसके अंत में ‘‘ चिन्ह होता है, जैसे कि 1‘‘ या 1। जबकि एक सेकंड का एक अंश जैसे सेकेड का सौवां भाग आमतौर पर 1/100 या केवल 100 के रूप में अधिकांश कैमरों पर प्रदर्शित होता है। सही गति इस बात पर निर्भर करता है कि क्या फोटो लिया जाना है। यदि तेज गति के वस्तु की स्थिर फोटो लेना रहता है तो फिर शटर की स्पीड को तेज कर देते हैं। किन्तु इसका उपयोग तब करते है जब कि गतिमान वस्तुओं का फोटो लेने का प्रयास किया जाता हैं।          

      इस प्रकार से कैमरे का शटर गति को सही प्रकार से इस्तेमाल करके फोटो में सही चमक या ब्राइटनेस एवं ब्लर से बचाव करते हैं। इसके बारे में नियमित तौर पर फोटोग्राफी करने से एक अच्छी समझ बन जाती है।

      Tags: communication skillsImportance of photorapgy
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      Dr. Arvind Kumar Singh

      Dr. Arvind Kumar Singh

      Media Specialist and Writer , UGC NET and JRF, SRF Fellow, Ph.D. in Mass Communication and Journalism subject (Area -Development communication) from BHU in 1997. Experience of Teaching in Various Universities and other academic Institutions including BHU as UGC JRF and SRF fellow, Lucknow university as guest faculty and Allahabad university as visiting fellow. Members of various Media professional organizations. Participation in various national and international Seminar and Conferences. Written several books on electronic and digital media

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