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      Home Media News & Updates

      How to check fake news

      by Dr. Arvind Kumar Singh
      2 years ago
      in Media News & Updates
      0

      Fake news can be checked through several methods. this article describes some important measures to check fake news.

      How to check fake news फेक कन्टेन्ट की जॉंच कैसे करें

      वर्तमान में फेक समाचार बहुत ही आम बात हो गयी है। विविध प्रकार के सोशल मीडिया पर फेक समाचार तो दिये ही जाते है किंतु डिजिटल माध्यम पर बहुत से ऐसे अन्य प्लेटफार्म भी है जहां इस प्रकार के फेक समाचार दिये जाते हैं। फेक समाचार विविध कारणों से दिये जाते हैं। विविध प्रकार के फेक समाचार को पहचानना और फिर उस के नकारात्मक प्रभाव से बचना बहुत ही आवश्यक है। प्रायः फेक समाचार को लोग सोशल मीडिया पर फॉरवर्ड भी कर देते हैं। किन्तु किसी भी प्रतिक्रिया करने से पहले समाचार की जॉच कर लेनी चाहिए कि कहीं यह झूठा एवं मनगढंत तो नही है। यहां पर एक समाचारों के जानने के कुछ सामान्य तौर तरीकों के बारे में जानकारी दी गई है । इसे एक व्यक्ति को जानना अति आवश्यक है ।

      इसे भी पढ़ें- क्या है फेक समाचार

      आलोचनात्मक नजरिया अपनाएं-

      किसी भी समाचार देखते, पढ़ते, सुनते समय एक सजग आलोचनात्मक मस्तिष्क बनाए रखना चाहिए। प्रत्येक समाचार पर सीधे विश्वास कर लेना वर्तमान सूचना तकनीकी युग में एक भूल ही होती है। समाचार भिन्न भिन्न अंदाज में इस तरीके से लिखे रहते हैं जिससे कि लोग उस पर विश्वास कर लें। लेकिन उस समाचार पर विश्वास करने से पहले उसका विश्लेषण और आलोचनात्मक नजरिये से देख लेना चाहिए कि कहीं वह किसी एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए तो नही लिखा गया है। उस वेबसाइट पर दिए गए उसके अन्य समाचारों को पढ़ करके यह अंदाजा लग सकता है कि उस पर किस प्रकार के समाचार दिए जाते रहे हैं।


      स्रोत की जॉंच –

      कोई भी समाचार किस स्रोत से दिया गया है, यह समाचार की विश्वसनीयता का एक बहुत ही महत्वपूर्ण आधार होता है। जब भी कोई महत्वपूर्ण समाचार दिया गया रहता है तो सामान्यताया उसके साथ स्रोत का भी वर्णन होता है। यदि समाचार के स्रोत का कोई वर्णन नहीं किया गया है, तो ऐसी स्थिति में उसकी विश्वसनीयता कम हो जाती है। समाचार के साथ दिये गये यूआरएल से उसके वेबसाइट पर जा करके उसे देखा जा सकता है। किंतु यह भी ध्यान रखना है कि बहुत सी साइट ऐसी हैं जो कि विश्वसनीय साइट से मिलते जुलते यूआरएल देकर के बनाए गए रहते हैं। उसमें स्पेलिंग की त्रुटि होती है या फिर उसमें ऐसे एक्सटेंशन यूज किए जाते हैं जो बहुत कम इस्तेमाल होते हैं। उस साइट के एबाउट्स की भी जांच करनी चाहिए कि वहां पर कुल मिलाकर की क्या बातें बताई गई हैं।


      लेखक के बारे में जानकारी लें –

      किसी समाचार या लेख को किसने लिखा है, लेखक की विश्वसनीयता क्या है, यह भी फेक समाचार जॉंच करने का एक बहुत ही महत्वपूर्ण साधन है। ऐसे लेखकों की संख्या काफी अधिक होती है जिनके द्वारा लिखे गए कोई समाचार अक्सर विश्वसनीय होते हैं , किंतु बहुत से लेखकों का अपना कोई मंतव्य या एजेंडा होता है, और उसे ध्यान में रखते हुए उसे लिखते हैं। इसी तरह से कुछ पत्रकारों की अपनी खास विचारधारा होती है, वे उसे ध्यान में रख करके बातें लिखते है। इसकी भी जांच कर लेनी चाहिए कि इस तरह से दिए गए लेख का क्या उद्देश्य हो सकता है।


      दूसरे स्रोतों की जांच करें –

      जो भी समाचार दिया गया रहता है, उसे देखने के बाद उसे दूसरे समाचार स्रोतों को भी देख लेना चाहिए। क्या दूसरे स्रोत पर भी उसके बारे में समाचार दिया गया है ? उसके बारे में किस ढंग से बातें कही गई हैं, इसके द्वारा भी समाचार की सत्यता की जांच की जा सकती है। यदि कोई सत्य समाचार है और वह महत्वपूर्ण है तो उसे अन्य स्रोतों और समाचार प्लेटफार्म पर भी दिया जाता है।


      तथ्यों की जांच करें Check facts in fake news

      – यदि किसी समाचार में विभिन्न प्रकार के तथ्य और आंकड़े दिए गए हैं तो उन आंकड़ों के संदर्भ में संबंधित स्रोतों से भी उसकी जांच की जा सकती है, जिससे यह पता चल सकता है कि वह क्या वास्तव में जो कुछ प्रस्तुत किया गया वह सही है। इस तरह के आंकड़े के साथ-साथ विभिन्न विशेषज्ञों के विचार राय भी दिए जा सकते हैं। अतः ऐसे व्यक्तियों के बारे में भी देख लेना चाहिए। कई बार पुराने समाचारों को नए संदर्भ में प्रस्तुत किया जाता है। उस समय को बदल दिया जाता है और उस विषय से संबंधित जब भी कोई घटना होती है तो फिर पुराने समाचार को एक नए अंदाज में प्रस्तुत कर दिया जाता है।


      अपने विचारों पर नजर रखें

      यह बात लेख एवं विचार आधारित सामग्री पर विशेष तौर पर लागू होती है। हमें भिन्न-भिन्न प्रकार के विचारों को देखने सुनने आदत होनी चाहिए। यह किसी फेक समाचार जांच में मदद करती है। किसी प्रकार के फेक न्यूज की जांच करते समय यह भी जांच कर लेनी चाहिए कि उसके प्रति हम कितने ईमानदारी से देख रहे हैं । प्रत्येक व्यक्ति न कुछ निशान नजरिया रखता है। कई बार यह भी हो सकता है कि जो कुछ मीडिया में दिया गया है हम अपने विचार ध्यान में रखकर उसे दूसरी तरीके से देख रहे होते हैं।

      इसे भी पढ़ें- क्या होता है डीप फेक How to check fake news
      व्यंग्यात्मक लेख की जांच –

      कई बार कोई फेक समाचार किसी वेबसाइट से लिए जाते हैं, जहॉ पर वे वास्तव में एक व्यंग्य आदि के रूप में लिखे गए रहते हैं। किंतु बहुत से लोग उसे एक वास्तविक समाचार बना करके प्रस्तुत करते हैं। अतः इस बात की जांच करनी चाहिए कि कहीं यह कोई मजाक आदि के रूप में लिखा गया तो नहीं है।

      इसे भी पढ़ें- https://timesofindia.indiatimes.com/times-fact-check

      इमैज की जॉंच करें-

      झूठे समाचार के साथ विभिन्न प्रकार के इमैज भी दिए जाते हैं। ये इमेज भी बदल कर बिल्कुल संपादित नये वांछित रूप में प्रस्तुत किए जा सकते हैं। गूगल रिवर्स इमेज टूल का उपयोग करके हैं कि इसकी जॉच की जा सकती है। इससे पता चलता है कि कोई छवि कहां से उत्पन्न हुई है और क्या इसे बदल दिया गया है। वर्तमान में इतने प्रकार के टूल्स आ गए हैं जिससे कि किसी इमेज को बहुत ही वास्तविक रूप में बना करके प्रस्तुत करना आसान हो गया है। एक फेक इमैज में कई तरह के ऐसे निशान होते हैं जिससे उनकी पहचान की जा सकती है। कई बार सही इमेज एक गलत संदर्भ में भी प्रस्तुत किए जा सकते हैं।


      फैक्ट चेकिंग साइट का उपयोग करें –

      वर्तमान में बहुत बड़ी संख्या में आनलाइन फैक्ट चेकिंग साइट उपलब्ध हो गये है। इसका इस्तेमाल करके किसी भी प्रकार के समाचार के बारे में जॉच की जा सकती है। इसके लिए सम्बन्धित समाचार के की वर्ड को इसमें डाल करके उसकी सत्यता के बारे में जानकारी प्राप्त की जा सकती है। किसी भी प्रकार के झूठे एवं फेक समाचार के प्रतिक्रिया देने एवं शेयर करने से बचना चाहिए। झूठे समाचार का अस्तित्व कुछ भी नही होता है। यदि इसे आगे न बढ़ाया जाये तो फिर यह लोगों के बीच में जा ही नहीं सकता है।
      वर्तमान में विविध प्रकार के फेक समाचार की बढ़ती संख्या देखते हुए यह आवश्यक है कि फेक समाचार के पहचान की एक समझ सभी हो जिससे कि उससे बचने के लिए आवश्यक उपाय अपनाया जा सके।

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      Dr. Arvind Kumar Singh

      Dr. Arvind Kumar Singh

      Media Specialist and Writer , UGC NET and JRF, SRF Fellow, Ph.D. in Mass Communication and Journalism subject (Area -Development communication) from BHU in 1997. Experience of Teaching in Various Universities and other academic Institutions including BHU as UGC JRF and SRF fellow, Lucknow university as guest faculty and Allahabad university as visiting fellow. Members of various Media professional organizations. Participation in various national and international Seminar and Conferences. Written several books on electronic and digital media

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