Variables in Research शोध (Research) किसी भी वैज्ञानिक अध्ययन का केंद्र चर (Variables) होते हैं, क्योंकि इन्हीं के आधार पर शोधकर्ता किसी घटना या व्यवहार में होने वाले परिवर्तन को समझता और मापता है। चर वे तत्व, गुण या विशेषताएँ हैं जिनमें परिवर्तन संभव होता है और जिनका प्रभाव अध्ययन किए जाने वाले परिणामों पर पड़ता है। चर के विभिन्न प्रकार—जैसे Independent, Dependent, Intervening, Control, Moderating, Extraneous, Confounding, Continuous, Discrete और Attribute variables—शोध को दिशा देते हैं और उसे संरचित बनाते हैं। इन चर की पहचान, मापन और नियंत्रण किसी भी शोध की विश्वसनीयता (reliability), मान्यता (validity) और वैज्ञानिकता निर्धारित करते हैं। इसलिए Variables को समझना, वर्गीकृत करना और उनके पारस्परिक संबंधों को स्पष्ट करना किसी भी सफल शोध प्रक्रिया का अनिवार्य अंग है। यहां पर आगे प्रमुख प्रकार के चर के बारे में चर्चा की गई है ।
1. Independent Variable (स्वतंत्र चर)
स्वतंत्र चर वह चर है जिसे शोधकर्ता जानबूझकर बदलता, नियंत्रित करता या निर्धारित करता है, ताकि देखा जा सके कि उसके बदलने से दूसरे चर में क्या परिवर्तन आता है। इसे शोधकर्ता अपने अनुसार निर्धारित करता है—जैसे मात्रा, प्रकार, स्तर या समय को बढ़ाकर–घटाकर। इसीलिए इसे Manipulated Variable भी कहा जाता है। यह शोध का “कारण” (Cause) या “वह तत्व जो प्रभाव पैदा कर सकता है” माना जाता है। उदाहरण के लिए यदि शोध का विषय है—“कॉफी पीने का ध्यान पर प्रभाव”, तो कॉफी की मात्रा स्वतंत्र चर होगी, क्योंकि शोधकर्ता उसी को बदलकर देखता है कि ध्यान (एकाग्रता) कितना बदलता है। इसी तरह “सोशल मीडिया उपयोग का तनाव पर प्रभाव” में सोशल मीडिया उपयोग का समय स्वतंत्र चर होगा। संक्षेप में, Independent Variable वह तत्व है जिसे शोधकर्ता बदलता है ताकि अन्य चर में उसके परिणाम दिख सकें ।
2. Dependent Variable (आश्रित / निरपेक्ष चर) Variables in Research
Dependent Variable वह चर है जो Independent Variable पर निर्भर होता है और जिसका प्रभाव शोधकर्ता मापता है। यह शोध का “परिणाम” (Effect) या “प्रतिक्रिया” (Response) होता है। इसका मान स्वतंत्र चर के बदलने पर बदलता है, इसलिए इसे Outcome Variable भी कहा जाता है। प्रायः शोध का मुख्य उद्देश्य इसी आश्रित चर में होने वाले परिवर्तन को समझना होता है। उदाहरण के लिए—“कॉफी का ध्यान पर प्रभाव” में ध्यान (एकाग्रता) आश्रित चर है क्योंकि कॉफी बदलने से एकाग्रता बदल सकती है। “सोशल मीडिया उपयोग और तनाव” में तनाव आश्रित चर है क्योंकि सोशल मीडिया उपयोग की मात्रा बढ़ने या घटने से तनाव का स्तर बदलता है। संक्षेप में, Dependent Variable वह परिणाम है जिसे शोधकर्ता मापता और विश्लेषित करता है।
3. Intervening Variable (मध्यस्थ / हस्तक्षेप करने वाला चर)
Intervening Variable वह चर है जो Independent Variable और Dependent Variable के बीच मध्यस्थ, पुल या छिपे हुए तंत्र (hidden mechanism) की तरह काम करता है। यह बताता है कि कोई प्रभाव “क्यों” और “कैसे” होता है। यह अक्सर मानसिक, व्यवहारिक या सामाजिक कारकों से जुड़ा होता है, जिन्हें शोधकर्ता सीधे माप भी सकता है या कभी-कभी अनुमानित कर सकता है। उदाहरण के लिए—यदि शोध कहता है कि “सोशल मीडिया उपयोग तनाव बढ़ाता है”, तो बीच में “नींद की कमी” वह कारक है जो सोशल मीडिया उपयोग (Independent Variable) और तनाव (Dependent Variable) के बीच संबंध पैदा करता है। इसी प्रकार “कम आय → शिक्षा में कमी” के बीच “संसाधनों की कमी” एक Intervening Variable है। यह चर शोध को गहराई देता है और वास्तविक प्रक्रिया (mechanism) समझने में मदद करता है।
4. Control Variable (नियंत्रित चर)
Control Variables वे चर होते हैं जिन्हें शोधकर्ता समान (constant) रखता है ताकि वे शोध के परिणाम पर प्रभाव न डालें। शोधकर्ता इन चर को बदलने नहीं देता, क्योंकि यदि वे बदल जाएँ तो Independent और Dependent Variable के बीच का संबंध प्रभावित या भ्रमित हो सकता है। इन्हें स्थिर रखने का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि परिणाम केवल स्वतंत्र चर के प्रभाव से ही आए। उदाहरण के तौर पर—यदि शोध “कॉफी का ध्यान पर प्रभाव” पर है, तो कमरे का तापमान, नींद का समय, विषय, उम्र आदि को नियंत्रित रखना पड़ता है ताकि ध्यान में आने वाले बदलाव का कारण केवल “कॉफी” हो, कोई अन्य तत्व नहीं। Control Variables शोध की सत्यता (validity), विश्वसनीयता (reliability) और वैज्ञानिक सटीकता को मजबूत करते हैं।
5. Moderating Variable (संयमक / परिवर्तनकारी चर) Variables in Research
Moderating Variable वह चर है जो Independent और Dependent Variable के संबंध की तीव्रता, दिशा या शक्ति को बदल देता है। इसका काम प्रभाव को “बढ़ाना”, “कम करना” या “बदल देना” होता है। यह नहीं बताता कि प्रभाव क्यों होता है (यह Intervening का कार्य है), बल्कि यह बताता है कि “किस परिस्थिति में या किन लोगों में प्रभाव अधिक या कम दिखेगा।” उदाहरण—यदि शोध है “मोबाइल उपयोग तनाव बढ़ाता है”, तो यह प्रभाव लड़कियों में अधिक और लड़कों में कम हो सकता है। इस स्थिति में लिंग Moderating Variable होगा। इसी तरह “शिक्षण पद्धति का प्रभाव” विद्यार्थियों की बुद्धि (IQ) के अनुसार अधिक या कम हो सकता है; अतः IQ एक Moderating Variable हुआ। यह चर वास्तविक जीवन के शोध में बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि मानव व्यवहार विभिन्न परिस्थितियों में अलग-अलग प्रतिक्रिया देता है।
6. Extraneous Variable (बाह्य / अप्रासंगिक चर) – Extraneous Variable वे चर हैं जो शोध के मुख्य उद्देश्य से सीधे संबंधित नहीं होते, पर उनका प्रभाव Dependent Variable पर पड़ सकता है। ये चर शोधकर्ता के नियंत्रण में नहीं होते, लेकिन यदि ध्यान न दिया जाए तो यह परिणामों को प्रभावित कर सकते हैं। इन्हें nuisance variables भी कहा जाता है। शोधकर्ता को इनका प्रभाव कम करने के लिए sampling, matching, randomization या statistical controls का उपयोग करना पड़ता है। उदाहरण—“पढ़ाई का समय और परीक्षा प्रदर्शन” के अध्ययन में शिक्षकों की गुणवत्ता, घर का वातावरण, मानसिक तनाव, स्वास्थ्य आदि extraneous variables हैं। यदि इन्हें ध्यान में न रखा जाए, तो शोध के परिणाम वास्तविक नहीं होंगे। इस कारण extraneous variables की पहचान, सूचीकरण और नियंत्रण शोध की गुणवत्ता बनाए रखने में आवश्यक है।
7. Confounding Variable (भ्रमित करने वाला चर)- Confounding Variables extraneous variables का अधिक खतरनाक रूप हैं, क्योंकि ये Independent और Dependent Variables के बीच गलत संबंध बनाते हैं और शोध को भ्रमित कर देते हैं। Confounding Variable अक्सर वह होता है जो Independent Variable में परिवर्तन के साथ-साथ बदलता है, और परिणाम पर इसका प्रभाव इतना अधिक होता है कि असली कारण पता ही नहीं चलता। उदाहरण—यदि शोध “व्यायाम स्वास्थ्य सुधारता है” कहता है, तो यहाँ आहार (Diet) एक confounding variable हो सकता है, क्योंकि जो लोग व्यायाम करते हैं वे अक्सर अच्छा भोजन भी खाते हैं। इसलिए असली कारण व्यायाम है या भोजन, यह स्पष्ट नहीं रहता। Confounding Variables की पहचान कठिन होती है, पर इनका नियंत्रण शोध की विश्वसनीयता के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।
8. Continuous Variable (सतत चर)
Continuous Variable वह चर होते हैं जिनका मान किसी भी बिंदु तक निरंतर बदल सकता है, जिनमें दशमलव (decimal) और अनंत संभावित मान (infinite possible values) हो सकते हैं। यह चर मापन योग्य होते हैं और इनका उपयोग अक्सर वैज्ञानिक, मनोवैज्ञानिक और सांख्यिकीय शोध में होता है। लंबाई, वजन, तापमान, आय, रक्तचाप आदि Continuous Variables हैं, क्योंकि ये किसी भी छोटे से छोटे अंतर में बदल सकते हैं—जैसे 165.5 से 165.6, या 45.2 से 45.25। Continuous Variables के कारण शोध अधिक सटीक (precise) होता है क्योंकि मापन विस्तार और विविधता अधिक होती है। यह सांख्यिकीय परीक्षणों जैसे mean, SD, correlation में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
9. Discrete Variable (विच्छेद / असतत चर)- Discrete Variable वे चर हैं जिनका मान निश्चित, पूर्ण संख्याओं में होता है और ये “गिने” जाते हैं, मापे नहीं जाते। इनमें दशमलव नहीं आता। यह चर गणना आधारित (countable) और सीमित मानों वाले होते हैं। उदाहरण—परिवार में सदस्यों की संख्या, बच्चों की संख्या, मोबाइल फोन की संख्या, कक्षा में विद्यार्थियों की उपस्थिति आदि। Discrete Variables शोध के डेटा वर्गीकरण (classification), श्रेणीकरण (categorization) और सरल सांख्यिकीय कार्यों में अत्यधिक उपयोगी हैं। इनकी प्रकृति वस्तुनिष्ठ होती है और इन्हें Nominal या Ordinal Scale पर मापा जा सकता है।
10. Attribute Variable (गुणसूचक / अपरिवर्तनीय चर)
Attribute Variables वे चर होते हैं जो किसी व्यक्ति या समूह की आंतरिक, जन्मजात या स्थिर विशेषताएँ होती हैं, जिन्हें शोधकर्ता बदल नहीं सकता। ये चर केवल मापे जा सकते हैं, बदले नहीं जा सकते—जैसे आयु, लिंग, जाति, धर्म, जन्मस्थान, व्यक्तित्व (introvert/extrovert), सामाजिक पृष्ठभूमि आदि। Attribute Variables सामाजिक विज्ञान, मनोविज्ञान और शिक्षा जैसे शोधों में अत्यधिक महत्वपूर्ण हैं, क्योंकि मानव व्यवहार और निर्णय अक्सर इन्हीं व्यक्तिगत विशेषताओं पर आधारित होते हैं। उदाहरण—यदि शोध है “समाचार उपभोग की आदतों का अध्ययन”, तो उम्र और लिंग जैसे Attribute Variables उसके परिणामों को प्रभावित कर सकते हैं। ये variables sampling, grouping और analysis में आधार बनते हैं।
चर (Variables) शोध की रीढ़ होते हैं और किसी भी अध्ययन के परिणाम इन्हीं के सही चयन, नियंत्रण और विश्लेषण पर निर्भर करते हैं। Independent Variables जहां कारण या प्रभाव उत्पन्न करने वाले कारक होते हैं, वहीं Dependent Variables उन प्रभावों का परिणाम प्रस्तुत करते हैं। Intervening और Moderating Variables संबंधों की गहराई और विविधता को प्रकट करते हैं, जबकि Control, Extraneous और Confounding Variables शोध की शुद्धता बनाए रखने में भूमिका निभाते हैं। Continuous, Discrete और Attribute Variables शोध के डेटा को अलग-अलग स्वरूप प्रदान करते हैं। स्पष्ट रूप से कहा जाए तो Variables वह ढांचा हैं जिनके माध्यम से शोधकर्ता जटिल घटनाओं का वैज्ञानिक विश्लेषण कर पाता है। अतः चर की सही समझ और सटीक उपयोग शोध को विश्वसनीय, तार्किक और सार्थक बनाते हैं। Variables in Research
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