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      Home Media Study Material Communication

      Color communication

      by Dr. Arvind Kumar Singh
      3 years ago
      in Communication, Human Communication
      0

      Color is one important means of communication in our life. This article discusses various aspects of color communication .

      इसे भी पढ़ें- Touch communication क्या होता है स्पर्श संचार

      https://mediastudyworld.in/touch-communication-communication-smell-communication/

      रंग और संचार color communication


      संचार के लिए वैसे तो विभिन्न प्रकार के साधनों का इस्तेमाल किया जाता है, किंतु इसमें कुछ ऐसे भी तत्व हैं जो कि अपने अपने ढंग से संचार को प्रभावित करते हैं। वे स्वयं अपने स्तर से संचार भी करते हैं। इसमें से एक बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाला एक तत्व रंग है। यह संचार का एक बहुत ही शक्तिशाली साधन कहा जा सकता है। विभिन्न प्रकार के स्थानों पर रंगों का इस्तेमाल हम संदेश संप्रेषण के लिए जो करते हैं, वह अपने आप में इस बात का द्योतक है कि कैसे रंग बहुत ही सरल तरीके, किन्तु प्रभावी रूप में संदेश संप्रेषित करते हैं। रंग हमारे भीतर विविध प्रकार के भावों को भी उत्पन्न करता है। ट्रैफिक सिग्नल में रंगों का इस्तेमाल किया जाना इस बात का परिचायक है कि कैसे भिन्न-भिन्न रंग बहुत ही स्पष्ट एवं प्रभावी तौर पर ट्रैफिक संचालन में अपनी भूमिका निभाते हैं। जीवन के विविध क्षेत्र मे रंग कई प्रकार से संचार की भूमिका निभाता है।

      हम विभिन्न प्रकार की रंगों की दुनिया में रहते हैं और हमारे परिवेश में चारों तरफ जो रंग दिखते हैं वे हमें प्रेरित भी करते हैं। हमें प्रकृति के इन रंगों से विभिन्न प्रकार की प्रेरणा मिलती है। भिन्न भिन्न मौसम में विभिन्न प्रकार के रंगों के डिजाइन हमें प्रति दिन देखने को मिलती है। ये रंग हमें बहुत तरह के मौलिक डिजाइन तैयार करने की आईडिया देते हैं। वसंत ऋतुमें हम प्रकृति में चारो तरफ रंग बिरंगी परिवेष को देखते हैं। इसी प्रकार बरसात के मौसम चारों तरफ फैली हरियाली भी हमें प्रेरित करते हैं।

      रंग का मनःस्थिति पर प्रभाव Effect of color communication on psychology


      जिस प्रकार से विभिन्न प्रकार के दृश्य देख करके या विभिन्न प्रकार के आवाज, ध्वनि सुन करके हमारे मन में विविध भाव पैदा होते हैं, उसी तरीके से इन रंगों को भी देख करके हमारे मन में विविध प्रकार के भाव पैदा होते हैं। तो अब हम रंगों का हमारे संचार में कैसे प्रभाव डालता है और संचार में उसकी क्या भूमिका होती है, इसके बारे में चर्चा करने जा रहे हैं। सबसे पहले हम देखते हैं कि रंग हमारे मन पर क्या संदेश देते हैं।


      कुछ रंग ऐसे होते हैं जो कि हमें काफी अधिक पसंद होते हैं और वहीं पर कुछ रंग हमें अच्छे नहीं लगते हैं। प्रायः सभी लोगों का अपना एक बहुत ही पसंदीदा रंग होता है, जिसको कि वह अपने जीवन में सभी अवसरों पर पर प्राथमिकता देते हैं। वे जब भी कभी कोई वस्तु खरीदते हैं, तो प्रायः उनके उस खास पसंद वाले रंग की वस्तु उनकी खरीदारी में प्राथमिकता में होता है। यह कहा जा सकता है कि व्यक्ति अपने आसपास उन रंगों को वरीयता के तौर पर रखता है, जिसे कि वह पसंद करता है।
      कुछ रंगों को गर्म या वार्म कलर माना जाता है। लाल, पीला एवं नारंगी आदि रंग इस समूह में आते हैं। ये रंग हमारे मन में उत्साह, उमंग एवं खुषी का भाव पैदा करते हैं। लाल रंग को उर्जा, संकल्प, उत्तेजना पैदा करता है, वहीं पर पीला रंग खुशी, प्रसन्नता एवं सकारात्मकता का भाव भरता रता है। नारंगी रंग हमारे भीतर महत्वाकांक्षा दीप्तिमान एवं यौवन का भाव भरता है। गुलाबी एवं बैगनी रंग वार्म एवं कूल रंग के बीच आतंे हैं। ये हल्के रंग है। ये रोमांटिक एवं बहुत ही साफ्ट रंग के तौर पर जाने जाते हैं। नीला हरा रंग कूल या शान्त रंग के अन्तर्गत आते हैं। जैसा कि नाम से स्पष्ट है कि ये शान्त रंग कहलाते हैं। जैसा कि हम जानते है कि काला कोई रंग नही है बल्कि यह रंग की अनुपस्थिति है। यह शक्ति एवं रहस्य का द्योतक एवं भाव उत्पन्न करने वाला है। यह नकारात्मकता के लिए उपयोग किया जाता है। सफेद रंग को शुद्धता शान्ति, शोक, उदासी का प्रतीक है। सफेद रंग खालीपन,राहत एवं विरक्ति का भी प्रतीक है।


      इसी प्रकार से नीला रंग अलौकिकता , अध्यात्म तेजस्विता एवं राजसी का भाव जगाते हैं। यह ज्ञान, उम्मीद का भी प्रतीक है। हरा रंग ताजगी, वृद्धि एवं प्रकृति का एहसास कराता है। नीला एवं हरा रंग हमें शांति प्रदान करता है। सही बात तो यह है कि चिकित्सा की दुनिया में नीले रंग का इस्तेमाल रक्तचाप को कम करने की भूमिका के रूप में भी देखा जाता है।
      रंगों का सांस्कतिक महत्व cultural importance of color communication

      रंगों का संबंध उन विभिन्न प्रकार की सभ्यता संस्कृतियों से भी बहुत ही करीब से जुड़ा हुआ है। इसलिए भिन्न-भिन्न रंग भिन्न-भिन्न जगहों पर विभिन्न प्रकार के अर्थ के रूप में ये इस्तेमाल किए जाते हैं। उसका सांस्कृतिक तौर पर काफी अधिक महत्व होता है। जब कोई व्यक्ति किसी समाज में रंग का इस्तेमाल कर रहा होता है, तो उसके माध्यम से कैसे संचार किया जाता है, उसे इसकी अच्छी समझ होनी चाहिए अन्यथा लोगों पर उसका उल्टा प्रभाव पड़ सकता है। जो रंग पश्चिम में राजशाही शाम शौकत ऐश्वर्य का प्रतीक माना जाता है। कुछ देशों में शोक व्यक्त करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है।


      पश्चिम के संस्कृति में काले रंग को शोक का प्रतीक माना जाता है। वहीं जापान में यह सम्मान का प्रतीक है और सफेद रंग शोक का प्रतीक है। लाल रंग पश्चिम में लगाव, प्रेम, प्यार के भाव के साथ खतरे का प्रतीक है। भारतीय संस्कृति में लाल रंग शुद्धता का प्रतीक है। चाइनीज संस्कृति में यह अच्छे भाग्य का प्रतीक है। दक्षिण अफ्रीका में यह शोक का प्रतीक है। जापान में पीला रंग साहस का प्रतीक है। मिस्र में यह शोक का और पश्चिम में आशा का प्रतीक है।


      रंगो का राजनीतिक सरोकार एवं संदेश Political implication of color communication


      कई रंग राजनीतिक दलों द्वारा राजनीतिक पहचान एवं संदेश के रूप में उपयोग किए जाते हैं। विभिन्न राजनीतिक दल किसी खास रंग को किसी तरीके से अपने साथ प्रतीकात्मक रूप से जोड़ दिया है । जब कभी भी राजनीतिक तौर पर किसी रंग को देखा जाता है तो उसी के साथ उस पार्टी का ध्यान आ जाता है। दुनिया के कई देशों में रंगों का इस्तेमाल विभिन्न राजनीतिक दल अपने-अपने अनुसार इसका उपयोग करते हैं। भारत में राजनीतिक दल भिन्न-भिन्न रंगों को अपने झंडे एवं प्रतीक चिह्नों में इस्तेमाल करते हैं। भिन्न भिन्न देषों में इन रंगों को राजनीतिक सन्दर्भ में इस्तेमाल किया गया है। ब्रिटेन देष में लेबर पार्टी लाल रंग, कंजरवेटिव पार्टी नीले रंग का तो वहीं पर लिबरल डेमोक्रेट्स पीला रंग और ग्रीन पार्टी हरा रंग का इस्तेमाल करती है। जब कोई रंग किसी खास पार्टी से जोड़ करके देखा जाता है तो विभिन्न जगहों पर उस रंग का तौर तरीका उस पार्टी के संदर्भ में उपयोग किया जाता है।


      रंग संचार एवं धर्म religion and color communication


      रंगों को विविध धर्मो से भी उपयोग किया जाता है। कुछ रंग विशेष अर्थ के रूप में भी इस्तेमाल किए जाते हैं। उदाहरण के लिए हिंदू धर्म में भगवा रंग को अच्छा माना जाता है। इस रंग के वस्त्र आदि का इस्तेमाल विविध प्रकार के धार्मिक अवसरों पर किया जाता है। वहीं पर हिन्दू धर्म इस धर्म में देवी देवताओं का रंग नीला रखा गया है। सफेद को बहुत से धर्मों में शांति से जोड़ करके देखा जाता है। इस्लाम धर्म में हरे रंग को पवित्र माना गया है। अधिकतर धर्मों में सफेद शांति का प्रतीक माना जाता है।


      आर्थिक जगत मे रंग संचार Color communication in economic world –

      रंगों का मनाभावों पर पड़ने वाले प्रभाव के कारण ही इसका विविध प्रकार के आर्थिक उत्पादों के रंगों के सन्दर्भ में भी इस्तेेमाल किया जाता है। काले रंग को विलासिता एवं शक्ति के लिए इस्तेमाल किया जाता है। लाल रंग ध्यान आकृष्ट करने के सन्दर्भ में इस्तेमाल किया जाता है। कपड़ों, वाहन, एवं खिलौनों की दुनिया में रंगों के इस्तेमाल का काफी महत्व है।


      रंग संचार एवं डिजाइन color communication and design


      रंगो का डिजाइन में बहुत ही कुशलता के साथ उपयोग किया जाता है। यह डिजाइन का एक बहुत ही महत्वपूर्ण तत्व है। समय के साथ सामाजिक और सांस्कृतिक बदलाव के कारण भी लोगों के रंगों की प्राथमिकता बदलती रहती है। इसी कारण से उनकी विविध वस्तुओं के रंग चुनाव की भी प्राथमिकता बदलती रहती है। इस प्रकार के बातों को ध्यान में रख करके डिजाइनर को किसी भी डिजाइन में रंगों के इस्तेमाल करने की आवश्यकता होती है। वह समय, काल, स्थिति अपने संभावित ग्राहक के सब कुछ जान ध्यान में रखकर के रंगों का इस्तेमाल करना चाहिए जिससे कि किसी प्रकार की कोई समस्या न हो और दूसरी तरफ से उसका अधिक से अधिक लाभ मिल सके।


      उम्र एवं रंग – Age and color communication


      अध्ययन में यह भी सामने आया है कि भिन्न-भिन्न उम्र में भिन्न-भिन्न प्रकार के रंगों की शौक और प्राथमिकता बदल़ जाती है। उम्र के हिसाब से भी रंगो का मनोभाव पर प्रभाव पड़ता है। सामान्यतया चटक रंग बच्चों को आह्लादित एवं प्रफुल्लित करता है। वहीं पर हल्के रंग का इस्तेमाल बुजुर्ग एवं मरीज आदि को शांति की अनुभूति कराने के लिए किया जाता है। इसीलिए बुजुर्ग आदमी प्रायः गाढ़े रंग की तुलना में हल्के रंग का इस्तेमाल करते हैं। इसी तरह से घरों में दीवार और फर्श को भी ऐसा रंग देते हैं जो मन कि मन को एक शांति की अनुभव कराता है। दूसरी तरफ, विद्यालय आदि जैसे जगहों पर गाढ़े एवं चटक रंग का इस्तेमाल किया जाता है, जो कि बच्चों को अपने ढंग से प्रभाावित करता है। बचपन में हम जिस रंग को अच्छा मानते हैं, बाद में हम दूसरे प्रकार के रंगों में अधिक रूचि लेने लगते हैं और वे हमें अच्छे लगते हैं। बच्चों को पीला रंग अच्छा लगता है। किंतु बाद के समय में यह रंग कम अच्छा लगता है।

      निष्कर्ष

      कुल मिलाकर के यह कहा जा सकता है कि रंगों का संचार का दायरा बहुत ही व्यापक होता है । इसका उपयोग एवं प्रभाव भिन्न भिन्न क्षेत्रों में भिन्न भिन्न प्रकार से होता है। किन्तु रंग के उपयोग एवं संचार के बारे में एक समझ होनी चाहिए जिससे कि कोई भी व्यक्ति उसका एक अच्छे ढंग से उपयाग कर सके।

      यह भी पढ़ें The role of Smile in communication

      इसे भी पढ़ें – https://mediastudyworld.in/smile-message-in-smile-communication-and-smile/


      इसे भी पढ़ें Telepathy communication

      इसे भी पढ़ें Dress communication

      इसे भी पढ़ें Eye Communication आंख संचार



      Tags: Communicationcommunication skillscommunication. Importance of communication
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      Dr. Arvind Kumar Singh

      Dr. Arvind Kumar Singh

      Media Specialist and Writer , UGC NET and JRF, SRF Fellow, Ph.D. in Mass Communication and Journalism subject (Area -Development communication) from BHU in 1997. Experience of Teaching in Various Universities and other academic Institutions including BHU as UGC JRF and SRF fellow, Lucknow university as guest faculty and Allahabad university as visiting fellow. Members of various Media professional organizations. Participation in various national and international Seminar and Conferences. Written several books on electronic and digital media

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