Interpretative Journalism and Explanatory Journalism इंटरप्रिटेटिव जर्नलिज़्म(Interpretative Journalism) और एक्सप्लैनेटरी जर्नलिज़्म(Explanatory Journalism) दोनों ही व्याख्यात्मक पत्रकारिता की श्रेणी में आते हैं, लेकिन इनके उद्देश्य और प्रस्तुति में स्पष्ट अंतर होता है। इंटरप्रिटेटिव जर्नलिज़्म में पत्रकार तथ्यों के साथ उनका अर्थ, संदर्भ और व्यापक प्रभाव प्रस्तुत करता है। इसमें घटनाओं का विश्लेषण और मूल्यांकन किया जाता है ताकि पाठक यह समझ सके कि किसी घटना का समाज, राजनीति या अर्थव्यवस्था पर क्या महत्व है। इसमें पत्रकार की अकादमिक समझ और अनुभव आधारित व्याख्या दिखाई देती है। इसके विपरीत, एक्सप्लैनेटरी जर्नलिज़्म का मुख्य उद्देश्य घटनाओं को सरल भाषा में समझाना होता है। इसमें यह बताया जाता है कि कोई घटना क्यों हुई, कैसे हुई और उसके तत्काल परिणाम क्या हैं। यह शैली जटिल मुद्दों को आम पाठकों के लिए स्पष्ट करने पर केंद्रित होती है और आधुनिक डिजिटल मीडिया तथा नीति-संबंधी समाचारों में अधिक प्रचलित है। संक्षेप में, इंटरप्रिटेटिव जर्नलिज़्म “घटना का अर्थ” समझाता है, जबकि एक्सप्लैनेटरी जर्नलिज़्म “घटना की प्रक्रिया और कारण” स्पष्ट करता है।
व्याख्यात्मकसमाचार: अर्थ(Meaning) Interpretative Journalism and Explanatory Journalism
व्याख्यात्मक समाचार वह समाचार शैली है जिसमें केवल यह नहीं बताया जाता कि क्या हुआ, बल्कि यह भी स्पष्ट किया जाता है कि वह घटना क्यों हुई, उसका अर्थ क्या है और उसका समाज पर क्या प्रभाव पड़ेगा। इसमें समाचार को पृष्ठभूमि, कारणों, संदर्भों और परिणामों के साथ प्रस्तुत किया जाता है। व्याख्यात्मक समाचार पाठक को घटना की गहरी समझ देता है, ताकि वह केवल सूचना का उपभोक्ता न रहे, बल्कि उस सूचना का अर्थ भी समझ सके। इस प्रकार यह समाचार को सतही विवरण से ऊपर उठाकर अर्थपूर्ण ज्ञान में बदल देता है।
व्याख्यात्मक पत्रकारिता की अवधारणा (Concept)
व्याख्यात्मक पत्रकारिता की अवधारणा इस विचार पर आधारित है कि कोई भी समाचार एक अकेली घटना नहीं होता, बल्कि वह घटनाओं की एक निरंतर श्रृंखला का हिस्सा होता है। इसलिए समाचार को समझने के लिए उसके ऐतिहासिक, सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक संदर्भों को जानना आवश्यक है। इस पत्रकारिता में रिपोर्टर अपने अध्ययन, अनुभव, शोध और विशेषज्ञों की राय के आधार पर यह स्पष्ट करता है कि घटना के पीछे कौन-से कारण सक्रिय हैं और आगे इसके क्या परिणाम हो सकते हैं। प्रथम और द्वितीय विश्व युद्ध के समय इस प्रकार की पत्रकारिता का विकास हुआ, जब लोगों को केवल घटनाओं की सूचना नहीं, बल्कि उनके कारणों की व्याख्या की आवश्यकता महसूस हुई।
व्याख्यात्मक पत्रकारिता की मुख्य विशेषताएँ (Main Characteristics)
व्याख्यात्मक पत्रकारिता की सबसे प्रमुख विशेषता यह है कि यह तथ्यों के साथ उनके अर्थ को भी प्रस्तुत करती है। इसमें रिपोर्टर केवल स्रोतों पर निर्भर नहीं रहता, बल्कि स्वयं अध्ययन और विश्लेषण करता है। यह पत्रकारिता घटनाओं को व्यापक संदर्भ में रखकर प्रस्तुत करती है, जिससे पाठक को संपूर्ण चित्र दिखाई देता है। इसमें विशेषज्ञों की राय, आँकड़ों की व्याख्या और ऐतिहासिक पृष्ठभूमि का प्रयोग किया जाता है। इसके अतिरिक्त, व्याख्यात्मक पत्रकारिता पूर्वाग्रहों और रूढ़ धारणाओं से मुक्त होकर तर्कसंगत दृष्टि अपनाने पर बल देती है। यह समाचार के छिपे हुए महत्व को उजागर करने का प्रयास करती है।
व्याख्यात्मक पत्रकारिता की आवश्यकता (Need)
आधुनिक समाज में घटनाएँ अत्यंत जटिल होती जा रही हैं। केवल यह बताना कि क्या हुआ, अब पर्याप्त नहीं है। लोगों को यह जानने की आवश्यकता होती है कि घटनाएँ क्यों घट रही हैं और उनका उनके जीवन पर क्या प्रभाव पड़ेगा। व्याख्यात्मक पत्रकारिता इस आवश्यकता को पूरा करती है। लोकतांत्रिक व्यवस्था में नागरिकों को सूचित और जागरूक बनाना आवश्यक है, और यह कार्य व्याख्यात्मक समाचार के माध्यम से ही संभव है। जब समाचार के कारण, प्रभाव और संभावित परिणाम समझ में आते हैं, तभी नागरिक सही निर्णय ले सकते हैं।
व्याख्यात्मक पत्रकारिता का महत्त्व (Importance)
व्याख्यात्मक पत्रकारिता का महत्त्व इस बात में है कि यह समाज को गहराई से सोचने के लिए प्रेरित करती है। यह पाठकों को केवल सूचना नहीं देती, बल्कि उन्हें विश्लेषण करने और प्रश्न उठाने की क्षमता प्रदान करती है। यह लोकतंत्र को मज़बूत करती है क्योंकि यह सत्ता, नीतियों और सामाजिक परिवर्तनों की आलोचनात्मक व्याख्या प्रस्तुत करती है। इसके माध्यम से पत्रकारिता “चौथे स्तंभ” की भूमिका निभाती है और शासन तथा समाज के बीच सेतु का कार्य करती है। यद्यपि इस पर पक्षपात के आरोप भी लगते हैं, फिर भी इसका उद्देश्य समाज को अधिक जागरूक बनाना होता है।
व्याख्यात्मक पत्रकारिता के उदाहरण (Examples)
यदि किसी देश में महँगाई बढ़ने की खबर दी जाए, तो साधारण समाचार केवल दरों में वृद्धि बताएगा। लेकिन व्याख्यात्मक समाचार यह बताएगा कि महँगाई क्यों बढ़ी, इसके पीछे आर्थिक नीतियाँ क्या हैं और आम जनता पर इसका क्या प्रभाव पड़ेगा। इसी प्रकार, यदि किसी फिल्म या टीवी कार्यक्रम का युवाओं पर प्रभाव बताया जाए, तो व्याख्यात्मक पत्रकारिता यह स्पष्ट करेगी कि यह प्रभाव मानसिक, सामाजिक और व्यवहारिक स्तर पर कैसे काम करता है। महामारी, युद्ध, चुनाव, शिक्षा नीति या आर्थिक सुधार जैसे विषयों पर की गई गहन रिपोर्टिंग व्याख्यात्मक पत्रकारिता के प्रमुख उदाहरण हैं।
निष्कर्ष Interpretative Journalism and Explanatory Journalism
व्याख्यात्मक समाचार पत्रकारिता की वह शैली है जो समाचार को गहराई, अर्थ और संदर्भ प्रदान करती है। यह केवल सूचना देने तक सीमित नहीं रहती, बल्कि समाज को समझने और सोचने की दिशा देती है। यद्यपि इसे लेकर निष्पक्षता और पक्षपात पर बहस होती रही है, फिर भी आधुनिक जटिल दुनिया में इसकी आवश्यकता और महत्त्व लगातार बढ़ रहा है। व्याख्यात्मक पत्रकारिता पत्रकारिता को अधिक जिम्मेदार, सार्थक और लोकतांत्रिक बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
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