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      Home Media Study Material Communication

      Johari Window जौहरी विंडो

      by Dr. Arvind Kumar Singh
      3 years ago
      in Communication
      0

      Johari window is a tool to describe self in communication. This article discusses various self of Johari window in detail. जौहरी विंडो

      2 संचार हमारे जीवन का एक बहुत ही महत्वपूर्ण कार्य है । हमारा आपका अन्य सभी प्रकार के क्रियाकलाप काफी हद तक एक अच्छे संचार पर ही निर्भर करते हैं। संचार के स्तर को हर तरह से बेहतर करना हमारे लिए बहुत ही आवश्यक होता है। यह हमारे लिए यह उचित होगा कि हम अपने जीवन में लोगों के साथ हर अवसर पर अच्छे प्रकार से संचार करें। सही संचार करने के संदर्भ में आम तौर तरीके अपनाते हैं और इस संदर्भ में कई प्रकार के टूल भी विकसित किए गए हैं जिनकी मदद से हम लोगों के साथ संचार को सही करने के लिए प्रयास करते हैं। इस क्रम में जोहरी विंडो मॉडल भी एक महत्वपूर्ण मॉडल है। यह संचार को बेहतर करने के संदर्भ में कई प्रकार की आवश्यक बातों को बतलाता है।


      3 जौहरी विंडो Johari window को सबसे पहले 1955 में दो अमेरिकी मनोवैज्ञानिक जोसेफ और हैरिंग्टन ने प्रस्तुत किया था। यह मॉडल लॉस एंजेलिस स्थित यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया में एक रिसर्च के दौरान तैयार किया था। जौहरी विंडो मॉडल आत्म जागरूकता या सेल्फ अवेयरनेस को व्यक्त करने और उसे बेहतर करने के लिए एक उपयोगी टूल कहा जा सकता है और इसी के साथ ही यह लोगों के बीच में संचार के माध्यम से बेहतर समझ विकसित करने के लिए भी बहुत उपयोगी जानकारी प्रस्तुत करता है। इसके लिए उसने विभिन्न प्रकार के सेल्फ का उपयोग किया है । यह चार प्रकार भाग में विभाजित किए गए हैं । प्रत्येक वर्ग एक खास सेल्फ व्यक्त करता है जिसकी विवेचना हम आगे करने जा रहे हैं
      4 यहाॅं पर जो पिक्चर दिखाया गया है, यह जौहरी विंडो माडल के तौर पर प्रस्तुत किया गया है।


      5 जौहरी विंडो मॉडल में व्यक्ति के व्यक्तित्व के पहलू को कई भागों में विभाजित किया गया है । ऐसा माना जाता है कि व्यक्ति का व्यक्तित्व कई वर्गों में विभाजित होता है। इन्हें हम सेल्फ की मदद से व्यक्त करते हैं।

      Interpersonal communication
      6 यहां पर सेल्फ का आशय वह चेतना है कि जो कि यह बताता है कि हम कौन हैं । इस प्रकार से अपने स्वयं की पहचान ही सेल्फ के रूप में परिभाषित किया गया है । जब कभी भी हम दूसरे को अपने बारे में अच्छी तरीके से जानकारी देते हैं तो हम एक प्रकार से अपने सेल्फ को ही उन्हें बताते हैं। इसी प्रकार से सेल्फ अवेयरनेस का आशय किसी व्यक्ति द्वारा स्वयं को करके स्वयं अपने ज्ञान और स्वभाव चरित्र अनुभव के बारे में सचेत होना से लिया जाता है।

      Intrapersonal communication
      7 अब हम इस बात की चर्चा करते हैं कि जोहरी विंडो का क्या उपयोग है । जौहरी विंडो वास्तव में एक ऐसा संचार माडल है जो कि लोग स्वयं अपने बारे में और दूसरे के बारे में सोचने की बात करता है। इसी के साथ ही यह स्वयं अपने बारे में दूसरे लोग कैसे देखते हैं, उस पहलू को सोचने समझने का अवसर प्रदान करता है।


      यह Johari window सेल्फ अवेयरनेस के संदर्भ में फीडबैक मॉडल भी है। इस टूल की मदद से हम सेल्फ अवेयरनेस को और बेहतर कर सकते हैं और उन पहलुओं की खोज कर सकते हैं जिसके माध्यम से दूसरे के साथ हमारा संचार अच्छा से अच्छा हो। जब हम अपने बारे में अच्छी तरीके से जानेंगे तो फिर हम दूसरे के साथ संचार करने में भी ध्यान रखेंगे और इसके द्वारा दूसरे के साथ विचार करने के कार्य को अच्छा करने के लिए उपयोग किया जाता है । यह एक प्रकार से साधन है जिनका कि उपयोग समूह में और संगठन में भी लोगों के साथ सही तरीके से संचार करने के लिए किया जाता है ।


      8 जौहरी विंडो का इस्तेमाल सबसे अधिक अंतर व्यक्ति संचार की प्रक्रिया के संदर्भ में किया जाता है । इसे बेहतर करने के संदर्भ में इसमें कई प्रकार की बातों की जानकारी दी गई है । हम यदि अपने बारे में लोगों के साथ अधिक से अधिक सूचनाओं का आदान प्रदान करें तो वे भी अपने बारे में बतलाने के लिए प्रेरित होते हैं। इस प्रकार से जब लोग आपस में एक दूसरे से भी अधिक अच्छे तरीके से समझ बना लेते है तो फिर वे एक दूसरे को ध्यान में रखकर के बेहतर ढंग से बात करते हैं।


      9 जौहरी विंडो सचेत और अचेतन पूर्वाग्रह को समझने के लिए एक ढांचा है जो आत्म-जागरूकता और दूसरों की हमारी समझ को बढ़ाने में मदद कर सकता है। जौहरी विंडो मॉडल दो चीजों पर आधारित है – दूसरों को अपनी जानकारी बताकर उनका विश्वास हासिल करना और दूसरों द्वारा फीडबैक के माध्यम से अपने बारे में सीखना रहता है। अब आगे हम एक-एक सेल्फ के बारे में चर्चा करने जा रहे हैं
      ओपन सेल्फ Open self in Johari window

      जौहरी विंडो का यह सबसे चर्चित है सेल्फ है। इसे हम ओपन एरिया के नाम से जानते हैं इसे फ्री एरिया भी कहते हैं । इसके अंतर्गत किसी व्यक्ति के व्यक्तित्व के वे सभी पहलू आते हैं जिसे कि व्यक्ति स्वयं अपने बारे में तो जानता ही है किंतु उसी के साथ दूसरे लोग भी उसके व्यक्ति के उन सभी बातों को जानते हैं । इसमें व्यक्ति के बारे में बहुत ही सामान्य सूचना से ले करके बहुत ही विशिष्ट प्रकार की सूचनाएं आती हैं । इसमेंव्यक्ति के उम्र, शिक्षा, नाम पता , व्यवसाय, माता-पिता की पृष्ठ भूमि से लेकर के उसके व्यवहार, नजरिया आदि सभी बाते इसमें समाहित हैं

      जब व्यक्ति समूह में शामिल होकर के दूसरे से संपर्क करता है तो आरंभ में यह ओपेन एरिया छोटा होता है । किंतु जैसे जैसे वह किसी व्यक्ति के करीब होता जाता है, उसी के साथ-साथ ओपेन एरिया भी बढ़ता जाता है और इसका आकार काफी हद तक व्यक्ति के व्यक्तित्व पर भी निर्भर करता है । व्यक्ति किसी के समक्ष कितना खुल करके बातें करता है ,उसके अनुसार ही उसका ओपन सेल्फ बढ़ता जाता है । व्यक्ति के अपने संबंधों के अनुसार भिन्न-भिन्न व्यक्तियों के संदर्भ में उसका ओपन सेल्फ अलग-अलग आकार का हो सकता है। किसी व्यक्ति के समक्ष का आकार बहुत ही छोटा हो सकता है। किंतु जिनमें वह बहुत खुल करके स्वच्छंद होकर करके बातें करता ह, उसके समक्ष उसका ओपन सेल्फ एक दूसरे के लिए बड़ा हो सकता है। जो लोग सार्वजनिक जीवन जीते हैं उन सभी के लिए यह सेल्फ प्रायः बड़ा होता होता है। यहां तक कि उनके निजी जीवन के उन पहलुओं के बारे में जो लोग जानते हैं जिसे कि निजता के अधिकार के अंतर्गत माना जाता है।

           10  ओपन  सेल्फ की कई सकारात्मक नकारात्मक पहलू भी है । जब यह सेल्फ बड़ा रहता है तो लोगों को उसके साथ संवाद करने में एक  सहूलियत होती है और व्यक्ति बातचीत करते समय उस सेल्फ को ध्यान में रखकर के बातें करता है । वह कोई ऐसी बातचीत नहीं करता है जिससे कि दोनों में कोई समस्या उत्पन्न हो। लोग एक दूसरे के प्रति गलत होने वाली बातों से बचते हैं । इसी के साथ जो बातें व्यक्ति को पसंद होती है, उसे उसके समक्ष कही जाती है  । ऐसे व्यक्ति एक तरीके से अच्छे नजरिए से भी देखे जाते हैं क्योंकि उनका पारदर्शी व्यक्तित्व होता है। 
      
        वहीं दूसरी तरफ जब यह सेल्फ छोटा होता है तो संचार में दिक्कतें हो सकती हैं। संचार रुक जाता है क्योंकि व्यक्ति के बारे में सीमित बातें पता रहती हैं । इसलिए लोग उस व्यक्ति से बच कर के बात करना चाहते हैं  उसे इस बात का डर रहता है कि पता नहीं किस बात से समस्या उत्पन्न हो जाए । संवाद में एक खुलापन का भाव समाप्त हो जाता है। जिन व्यक्तियों के ओपन सेल्फ छोटा होता है, उसको कई बार संदेह की या नजर से भी देखा जाता है। विभिन्न संदर्भों में उसे उससे बचने का संवाद से बचने का प्रयास किया जाता है । और इसी तरीके से उस व्यक्ति के स्वभाव के सभी पहलूओं के बारे में जानकारी न होने से उसे कहीं पर जोड़ने या कहीं पर उचित स्थान देने से बचते हैं

      11 ब्लाइंड सेल्फ Blind Self in Johari window
      दूसरे सेल्फ को ब्लाइंड सेल्फ ब्लाइंड स्पॉट भी कहा जाता है । इसके अंतर्गत व्यक्तित्व के वे पहलू आते हैं जिसे कि सामने वाला उस व्यक्ति के संदर्भ में तो जानता है किंतु स्वयं उस व्यक्ति को ही अपने बारे में उन बातों की जानकारी नही रहती है। उदाहरण के लिए व्यक्ति के बहुत से ऐसी आदते और तौर तरीके होते हैं और वह उसे व्यक्ति से ध्यान नहीं दे पाता है । किंतु दूसरे लोगों का उस पर विशेष रूप से ध्यान रहता है और वे उसे अच्छी तरीके से परिचित रहते हैं। इसमें बोलने का तरीका, व्यक्ति के शरीर से कपड़े से निकलने वाले गंध, व्यक्ति के पास उठने बैठने का तरीका आदि पहलू है जोकि इसके अंतर्गत आते हैं जिन पर वह ध्यान नहीं देता है और दूसरे लोगों की नजर रहती है।


      ब्लाइंड सेल्फ का काफी भाग काफी हद तक अवचेतन मन से नियंत्रित होता है । व्यक्ति का व्यवहार अनजाने में होता है या वह उसके प्रति अनजान रहता है ,किंतु इस व्यवहार के बहुत से ऐसे पहलू होते हैं जिसमें संवाद का तौर तरीका तरीका भी है जो कि दूसरे के लिए समस्या के रूप में हो सकता है या कई बार उन्हें मानसिक रूप से चोट भी पहुंचा सकता है और स्वयं व्यक्ति को उसकी खबर नहीं होती है


      12 ब्लाइंड सेल्फ का सकारात्मक पहलू बहुत ही कम या नहीं के बराबर होता है । जब यह सेल्फ काफी बड़े आकार का होता है तो इसका आशय यही है कि व्यक्ति को अपने बारे में बहुत कम है समझ और जानकारी है अथवा अथवा आत्म जागरूकता बहुत कम रखता है । ऐसी स्थिति में व्यक्ति के साथ संवाद सही तरीके से करने में दिक्कत होती है क्योंकि उसे अपने तौर-तरीके के बारे में नहीं पता रहता है । उसके इस अज्ञानता के कारण से वह फिर उस पर ध्यान नहीं दे पाता है । उसके ब्लाइंड एरिया में जो भी नकारात्मक पहलू हैं उसे दूर करने के लिए वह प्रयास नहीं करता है । दूसरी तरफ, जब यह बहुत ही छोटा होता है तो इसका आशय यह है कि व्यक्ति बहुत अत्यधिक है आत्म जागरूकता है। वह बहुत ही संवेदनशील है और अपने बारे में अच्छी जानकारी रहता है।


      13 अब यहां पर यह आवश्यक है कि व्यक्ति अपने ब्लाइंड सेल्फ के आकार को अगर बड़ा है, तो कम करें । इसके लिए वह उचित प्रयास करें और अपने ब्लाइंड सेल्फ को कम करने के संदर्भ में लोगों से अपने बारे में प्रतिक्रियाएं प्राप्त करना एक उपाय हो सकता है। अपने सभी मित्र, दोस्त ,परिवार के सदस्य, शिक्षक इस ब्लाइंड सेल्फ को कम करने में मददगार साबित हो सकते हैं । हर व्यक्ति अपने अपने स्तर से व्यक्तित्व के अलग-अलग पदों के बारे में जानकारी दे सकता है जिससे कि वह अपने उस स्वभाव को कम करें या हटाए और दूसरों को बढ़ाएं । विभिन्न प्रकार के पुस्तकों का अध्ययन, शिक्षण, प्रशिक्षण आदि का सहारा लेकर ब्लाइंड सेल्फ को कम किया जा सकता है।

      हिडेन सेल्फ Hidden self in Johari window
      14 जौहरी विंडो का तीसरा महत्वपूर्ण सेल्फ हिडेन सेल्फ जिसके अंतर्गत सभी लोग आते हैं जिससे कि व्यक्ति स्वयं तो जानता है लेकिन सामने वाले लोग नहीं जानते हैं क्योंकि व्यक्ति उसे लोगों के समक्ष प्रस्तुत नहीं करता है । इसमें वे सारी बातें होती हैं जिन्हें हम दूसरे के साथ भागीदारी करने में सहायता और आराम नहीं महसूस करते हैं । इसके अंतर्गत सामान्य तौर पर व्यक्तित्व के ऐसे पहलू आते हैं जिसमें कि उसके विचार, पूर्वाग्रह उसके जीवन में घटे घटनाक्रम, दुखद पहलू ,अनुभव, व्यक्तित्व के कमजोरी आदि के रूप में होते हैं जिन्हें कि वह लोगों को नहीं बताना चाहता है। वहीं पर ओपन सिर्फ की तरह ही यह भी सेल्फ अलग अलग व्यक्ति के स्थित में अलग-अलग आकार का होता है ।किसी व्यक्ति से के संदर्भ में इसका आकार बड़ा हो सकता है , तो वहीं पर किसी दूसरे व्यक्ति के संदर्भ में छोटा भी हो सकता है ।


      हिडेन एरिया के अंतर्गत है वे सभी स्थितियां होती हैं जिनसे कि व्यक्ति जाता है । इसी प्रकार से कई ऐसे एजेंडे हो सकते हैं जिससे व्यक्ति छुपा कर रखना और वह उसके मैनिपुलेटिंग इरादे भी हो सकते हैं । ऐसे कोई भी वह अपनी बात हो सकती है जिसे कि व्यक्ति दूसरे को नहीं बताना चाहता है । इसमें उसके उसके अपने निजी जीवन की सूचनाएं सकती है और अपमानजनक स्थितियों का सामना किए गए पल भी हो सकते हैं । सामान्य स्थिति में हिडेन एरिया का छोटा बड़ा होना बहुत मायने नहीं रखता है । किंतु यह भिन्न-भिन्न स्थितियों में यह व्यक्ति को अटपटे स्थिति में रख सकता है। वहएक कन्फ्यूजन की स्थिति खड़ा कर सकता है क्योंकि लोगों को उसके बारे में जानकारी नहीं होती है और फिर वह उसके अनजान हो कर के उसके साथ व्यवहार करते हैं
      16 जब हिडेन ऐरिया छोटा होता है उस स्थिति में यह कहा जा सकता है कि व्यक्ति के व्यक्तित्व का बहुत ही कम ऐसे पहलू होते है जिसे कि उसे छुपाना है। किंतु यह एरिया जब बहुत बड़ा होता है तो व्यक्ति के लिए स्वयं कई तरीके की समस्याएं होती है । वह सभी स्थितियों में उन एरिया के हिडेन होने कारण से स्वयं को व्यक्त नहीं कर पाता है और एक तरीके से सामाजिक तौर पर वह अलग अलग होता है, क्योंकि वह सही प्रकार से संचार भी नहीं करता है और इससे व्यक्ति को एक प्रकार की समस्या होती है ।

      अननोन या अज्ञात सेल्फ Unknown self in Johari window

      17 जौहरी विंडो चैथा महत्वपूर्ण सेल्फ अननोन या अज्ञात सेल्फ है जो कि व्यक्ति के व्यक्तित्व के सभी पहलू आते हैं जिसे व्यक्ति स्वयं नहीं जानता है। इसी प्रकार उसके साथ रहने वाले या उसके सामने वाले व्यक्तियों को भी उसको भी कोई जानकारी नहीं रहती है। उसके अवचेतन मन में समाहित रहता है और जब किसी प्रकार की स्थितियां उत्पन्न होती हैं तो उस समय यह प्रकट हो करके सामने आता है। उदाहरण के लिए ऐसी स्थिति का उत्पन्न होना जिसमें व्यक्ति बहुत ही विचित्र ढंग का व्यवहार करता या व्यवहार सकारात्मक व नकारात्मक दोनों तरीके का हो सकता है अथवा ऐसे स्थिति होना जिसमें कि व्यक्तित्व का कोई ऐसा पहलू सामने आता है जो कि बहुत ही सुंदर होता है और न तो व्यक्ति को पता है और दूसरों को भी नहीं पता होता है।


      18 व्यक्ति के व्यक्तित्व का जो भी पहलू अज्ञात रूप में होता है, उसे सामने लाने के लिए कुछ उपाय भी हैं, जिन्हें करके व्यक्ति के अंदर की उस क्षमता व ज्ञान व कुशलता व भाव को प्रकट किया जा सकता है, जिन्हें हम कभी न देखे थे न ही व्यक्ति को भी पता था। इसके लिए उचित तौर तरीके विकसित किए गए हैं जो कि भिन्न-भिन्न रूपों में होते हैं।
      19 अज्ञात सेल्फ के संदर्भ में कोई बहुत ज्यादा सकारात्मक नकारात्मक बातें स्पष्ट तौर पर नहीं है । किंतु कई बार व्यक्ति इस सेल्फ के कारण से समस्याओं का सामना करता है क्योंकि जब व्यक्ति किसी खास तरीके के व्यवहार करता है दूसरे को उसके बारे में नहीं पता है और स्वयं उसे नहीं पता है तो उसे उसे भी दिक्कत होती होगी दिक्कत होती है । इस सेल्फ के बारे में पता लगा कर के उसके अनुसार आवश्यक है कार्य करना सही होता है।
      20 इस प्रकार से हम देखते हैं कि जोहरी विंडो Johari window हमारे एक बहुत ही महत्वपूर्ण पहलू है और हम में से सभी व्यक्तियों के जोहरी विंडो का रूप आकार जिंदगी में भिन्न-भिन्न तरीके का हो सकता है और हम में से प्रत्येक व्यक्ति का यह सामान्य प्रयास किया जाना चाहिए कि वह अपने बारे में अच्छी तरीके से जानकारी रखें और जोहरी विंडो का विश्लेषण अपने व्यक्तित्व के और संचार के सुधार के लिए किया जाना चाहिए।

      Tags: Agenda setting theory Communication theoryBlind selfCommunicationHidden selfJohari modelOpen self
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      Dr. Arvind Kumar Singh

      Dr. Arvind Kumar Singh

      Media Specialist and Writer , UGC NET and JRF, SRF Fellow, Ph.D. in Mass Communication and Journalism subject (Area -Development communication) from BHU in 1997. Experience of Teaching in Various Universities and other academic Institutions including BHU as UGC JRF and SRF fellow, Lucknow university as guest faculty and Allahabad university as visiting fellow. Members of various Media professional organizations. Participation in various national and international Seminar and Conferences. Written several books on electronic and digital media

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