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      Home Media Study Material Graphic Design

      Line : Element of Design डिजाइन का तत्व : रेखा

      by Dr. Arvind Kumar Singh
      3 years ago
      in Graphic Design, Media Study Material
      0

      Line in design is primary element of design , Different shapes are formed with the help of this basic element of design. This article discusses in detail about line as a element line in design .

      डिजाइन के तत्व –   रेखा Line

       परिचय – डिजाइन के विभिन्न तत्वों की पहचान की गयी है। इसमें विन्दु , रेखा, आकार , आकृति, रंग मुख्य तौर पर लिये जाते है। विन्दु किसी भी प्रकार की ग्रैफिक डिजाइन का सबसे प्राथमिक तत्व के तौर पर देखा जाता है। जब भी विन्दु से आगे बढ़ते हैं तो फिर अगला तत्व रेखा ही आता है। फिर रेखा से ही विभिन्न आकार आकतियों का निर्माण किया जाता है। अतः डिजाइन के इस प्राथमिक तत्व के उपयोग, स्वभाव की समझ रखना किसी भी ग्रैफिक डिजाइनर के लिए बहुत ही आवश्यक है। यदि वह डिजाइन के इस तत्व रेखा के मनोविज्ञान से अच्छी प्रकार से  परिचित हो जाता है तो फिर वह डिजाइन के अन्य तत्वों के सही उपयोग करने के तरीके से भी परिचित हो सकेगा। यहाॅ पर आगे रेखा के बारे में चर्चा किया गया है। 

      विन्दुओं को मिलने से रेखा का निर्माण होता है। यही इसकी सर्वाधिक प्रचलित परिभाषा है। हम यह भी कह सकते हैं कि एक लाइन विन्दुओं का अनगिनत श्रृंखला है। एक रेखा में लम्बाई तो होती है, सैद्धान्तिक तौर पर एक आदर्श रेखा में चौड़ाई नही होती है। यह कहा जा सकता है कि यह दो विन्दुओं को मिलाने वाली रेखा है अथवा यह गतिशील विन्दु का पथ है। यह किसी वस्तु के उस किनारों पर दिखता है, जहाॅ पर कि दो सतह मिलते है। व्यवहार में ग्रैफिकली रेखा कई भार में पाये जाते है।  इसके विजुअल उपस्थित को इसकी चैड़ाई, टैक्स्चर एवं पथ द्वारा निर्धारित होता है। लाइन को पेन, पेन्सिल, ब्रष की मदद से हाथ से बनाते हैं। किन्तु कम्प्यूटर आदि पर समुचित साफ्टवेयर का उपयोग करके माउस के माध्यम से या फिर डिजिटल कोड के माध्यम से व्यक्त करते हैं।  Principle of repetition in design डिजाइन में पुनरावृति का सिद्धांत

             डिजाइन के एक प्राथमिक तत्वों में रेखा की गणना की जाती है। यह आवष्यकतानुसार भिन्न भिन्न मोटाई एवं लम्बाई की होती है। किन्तु जब इसकी मोटाई या फिर चैड़ाई अधिक होती है, तो फिर वह रेखा के बजाय प्लेन या सतह के रूप में जानी जाती और फिर उसके इसी नाम से जाना जाता है। इसी प्रकार से जब एक से अधिक रेखाओं का इस्तेमाल किया जाता है , उस समय यह आकार, टैक्स्चर को व्यक्त करता है।

                    लाइन का गुण स्वयं अपने आप में एक भाषा के तौर पर प्रस्तुत होता है। इस प्रकार से व्यक्त किये गये भाव को किसी अन्य तत्व द्वारा व्यक्त कर पाना संभव भी नही है। इसके द्वारा व्यक्त किये जाने वाले कुछ मनोभाव तो इतने सर्वव्यापी हैं कि इसे काफी गहराई तक महसूस किया जाता है। बगैर किसी खास अध्ययन के रेखाओं के तौर तरीके को देख करके उससे काफी हद तक अर्थ निकाले जा सकते हैं। Elements of design : Points in design

             रेखा डिजाइन का एक ऐसा तत्व है जो कि अपने दिशा के साथ साथ  भार एवं अपनी दिशा में विविधता के अनुसार लोगों पर मनोवैज्ञानिक प्रभाव डालता है। किसी भी ग्रैफिक उपकरण का यह एक बहुत ही महत्वपूर्ण है और इसे दृष्य के साथ साथ वर्बल ढंग से संचार करने के लिए भी इस्तेमाल किया जाता है। एक तरफ यह प्रतीकात्मक भाषा के तौर पर इस्तेमाल किया जाता है, वहीं पर यह अपने गुण एवं दिशा की स्थिति के अनुसार भाव भी व्यक्त करता है। किन्तु सभी प्रकार की रेखाएं अपने आप में स्पश्ट नही होती है। वहीं, बहुत सी रेखाएं अपने आप में जटिल होती हैं और उनसे कुछ पता भी नही चलता है। रेखाओं को मिला करके आकार एवं मूल्य बनता है। जो कि डिजाइन के अन्य तत्व के तौर पर व्यक्त होते हैं। 

          लाइन प्रायः कृत्रिम तौर पर ही बनायी जाती ही है। किन्तु प्रकृति में एक स्वाभाविक तौर पर भी बनी हुई दिखती है। इसके तमाम उदाहरण दिये जा सकते हैं जिसमें कि रेखा के रूप में विविध प्रकार की वस्तुए दिखती हैं। बहुत से जीव ऐसे हैं, जिनके शरीर पर इस प्रकार की रेखाएं बनी होती हैं। चीता, घोघा, जेब्रा इस प्रकार के जीव हैं। रेखा के माध्यम से यह भी संभव है कि जो कौन सा कार्य वास्तविक एवं क्या काल्पनिक अन्दाज से प्रस्तुत किये जा रहे हैं।    

      रेखा सम्बन्धी मुख्य बातें –Main points about line in design

      -रेखा सीधी अथवा वक्र हो सकती है। यह भारी, हल्की, साफ्ट, कठोर अथवा इन सबका मिला जुला रूप हो सकती है।

      – लाइन  किनारा, पैटर्न, टोन, सतह, रंग आदि बन करके किसी आकार को भी व्यक्त कर सकती हैं।

      -यह किसी कन्टूर एवं आउटलाइन को व्यक्त कर सकता है।

      -लाइन विभिन्न पक्षों एवं प्रक्रियाओं में उसके लय को व्यक्त करती हैं।

      -लाइन गति को व्यक्त कर सकती है।

      -यह टेक्स्चर व्यक्त करती हैं।

      -यह विविध प्रकार के मनोभावों को व्यक्त करती हैं। 

      -इसका इस्तेमाल विविध प्रकार के संकेत देने में भी किया जाता  है।

      -विविध प्रकार के अन्य तरीके से इसके मौलिक उपयोग किये जा सकते हैं।

      रेखा का डिजाइन में इस्तेमाल करने के संदर्भ में बातें– Points about use of line in design

      किसी भी डिजाइन में रेखा इस्तेमाल करने के संदर्भ में पहले विचार कर लिया जाना चाहिए कि इसमें किस प्रकार की रेखा का इस्तेमाल किया जाना है। यह मोटी, पतली, बिंदुदार गैस रूप में हो सकती है । हर प्रकार की लाइन अपने अपने ढंग से अलग अलग प्रकार के संदेश एवं भाव को व्यक्त करती हैं।  डिजाइन में किसी रेखा का विविध उद्देश्य हो सकता है। अतः यह देख लेना चाहिए कि क्या यह भिन्न-भिन्न विषय वस्तु को जोड़ने के लिए इस्तेमाल की जा रही है अथवा उन्हें अलग दिखाने के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है। ग्रिड का इस्तेमाल किया जा रहा है, तो यह ध्यान देना चाहिए कि उपयोग में लाए जाने वाले लाइन ग्रिड को मजबूती देने के लिए काम कर रही हैं अथवा वे ग्रिड को तोड़ने का काम कर रही हैं, दोनों अपने अपने ढंग से सही हो सकते हैं। किंतु यह स्पष्ट होना चाहिए कि लाइन किस संदर्भ में इस्तेमाल की जा रही है। किसी प्रकार के टेक्स्चर बनाने के लिए एक से अधिक लाइन का इस्तेमाल किया जाता है। पतले हेयर लाइन बैकग्राउंड टेक्स्चर के लिए इस्तेमाल किया जाता है। किन्तु किसी सूचना को ध्यान में रख करके ही लाइन को नहीं दे देना चाहिए, यदि उसकी आवश्यकता नहीं है, तो उसको नहीं दिया भी जाना चाहिए ।

             लाइन का स्वरूप डिजाइन के आकार को निर्धारित करता है। इसकी मदद से किसी भी प्रकार के स्पेस को विभाजित करने, आंख को निर्देशितकरने एवं विभिन्न प्रकार के रूप, आकार को खीचने का कार्य किया जाता है। इसी तरह, इसका इस्तेमाल समाचारपत्र एवं पत्रिकाओं के पेज पर विभिन्न प्रकार की विषयवस्तु को एक दूसरे से अलग करने के लिए भी किया जाता है। वेब पेज पर भी इस रूप में इसका बहुत ही बृहद् ढंग से इस्तेमाल किया जाता है। 

              एक स्वतंत्र रेखा अपने आप में सीधी, वक्र या फिर टेढ़ी मेढ़ी एवं विन्दुदार के साथ साथ पतली या फिर मोटी हो सकती है। किसी भी वस्तु के जो किनारे होते हैं, वे किसी न किसी रूप में कोई रेखा ही होते हैं। ये रेखायें एक दूसरे को ओवरलैप करके वस्तु का आकार बनाती हैं। रेखाओं को मिला करके विभिन्न प्रकार के समूह को तैयार किये जा सकते हैं, जिससे कि भिन्न प्रकार के भाव पैदा किये जा सकते हैं। अतः रेखाओं का स्वरूप भिन्न भिन्न प्रकार के भाव प्रेषित करते हैं।

        रेखाओं का मनोवैज्ञानिक प्रभाव –Psychological effect of line in design

      अब रेखाओं के विविध प्रकार के मनोवैज्ञानिक प्रभाव की चर्चा की जा रही है। सीधी रेखा ज्यादा प्रभावी एवं गतिशीलता के भाव का बोध कराती है। इसमे किसी न किसी  प्रभाव का भाव दिखता है। किन्तु मुड़ी हुई रेखाएं व्यक्ति, वस्तु के लचीलेपन के स्वभाव को व्यक्त करती है। टुटी-फुटी रेखाएं जीवन, परिवेश के छिन्न-भिन्न स्वरूप को व्यक्त करती है। इसी प्रकार, रेखाओं का अन्य स्वरूप दूसरे प्रकार के भाव पैदा करते हैं। रेखाओं के एक समान पैटर्न एवं स्वरूप उसके संगठन एवं  व्यवस्थित रूप को बताते है। किन्तु रेखाओं का असमान पैटर्न किसी प्रकार के अव्यस्थित रूप को व्यक्त करता है।

                  रेखाओं के माध्यम से गमन के दिशा को भी व्यक्त किया जाता है। विभिन संस्कृतियों में रेखाओं के विविध ढंग के समन्वय के माध्यम भिन्न प्रकार के संदेश प्रेषित किये जाते रह है। क्षैतिज रेखाएं शान्त भाव को प्रेषित करती हैं। वे वस्तुएं जो कि पृथ्वी के सापेक्ष क्षैतिज हैं वे ज्यादा टिकाऊ रूप में दिखती हैं। इस प्रकार शान्त व स्थिर भाव के लिए दृष्य में क्षैतित रूप में वस्तु को दिखाना सही होता है।

      व्यावहारिक जीवन में रेखाओं द्वारा विविध प्रकार के संदेश Various kinds of messages by line in practical life

              व्यावहारिक जीवन में रेखाओं द्वारा विविध प्रकार के संदेश व्यक्त किये जाते हैं। कुछ प्रकार के संकेत तो काफी अधिक प्रचलित हैं। वही पर, कुछ रेखाओं द्वारा व्यक्त किये जाने वाले संकेत स्थान, संस्कृति, संगठन विशेषमें खास प्रकार के अर्थ देने के लिए इस्तेमाल किये जाते है। यातायात में तो रेखाओं द्वारा व्यक्त किये गये संकेत वाहन चालकों के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण दिशा निर्देशका कार्य करते हैं। रेखाओं के माध्यम से बने एक ही प्रकार के संकेत भिन्न भिन्न संस्कृतियों एवं संगठनों में भिन्न भिन्न प्रकार से संकेत देते हैं। लाइनों का विविध प्रकार से संयोजन करके कई प्रकार के संकेत दिये जाते हैं। कुछ प्रकार की रेखाएं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर स्वीकृत संकेत के तौर पर कार्य करती हैं।

                   लेखन में शब्दों की बहुत ही प्रस्तुति होती है। इसमें इस्तेमाल किये जाने वाले इमैज मुख्यतः रेखाओं के संयोजन से ही बनाये गये होते हैं। आधुनिक कलाकारों द्वारा लेखन से जुड़ करके इस्तेमाल किये जाने वाले विविध प्रतीकों को प्रायः इस्तेमाल किया जाता रहा है। इसके माध्यम से वे संदेश देने की कोशिश करते है।

            इंटिरियर डिजाइन में रेखाओं के इस्तेमाल का विशेष महत्व होता है। रेखाओं को भिन्न भिन्न प्रकार से इस्तेमाल करके भिन्न भिन्न प्रकार से इस्तेमाल किया जाता है। इंटिरियर डिजाइनर को रेखाओं द्वारा विविध प्रकार की भावों को व्यक्त करने के सन्दर्भ में समझ होना आवश्यक है।

              नक्शे में रेखाओं का इस्तेमाल सर्वविदित है। विभिन्न स्थानों को व्यक्त करने के लिए इसका इस्तेमाल किया जाता है। यह किसी प्रकार का स्थान हो सकता है। मैप में रेखाओं के इस्तेमाल के सन्दर्भ में कई प्रकार के मानक एवं नियम भी बने हुए हैं। यह विविध स्थानों के बीच सम्बन्धों को व्यक्त करती है। इसमें खास ढंग से खींची जाने वाली रेखाओं का खास प्रकार का अर्थ होता है। इस प्रकार क प्रतीक कही पर भी इस्तेमाल करने पर उसका वही अर्थ लिया जाता है। ये रेखाएं मैप रीडर के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण एवं उपयोगी होता है।

              फ्लोर प्लेन वह खास प्रकार का नक्शा होता है जो कि  किसी बिल्डिंग के बारे में वर्णन करता है। इसके माध्यम से किसी भवन के सकारात्मक एवं नकारात्मक पक्षों के बारे में जाना जा सकता है।

              ग्रैफ सूचना व्यक्त करने एक बहुत ही महत्वपूर्ण साधन है । यह विविध प्रकार की गणनात्मक सूचनाओं को देने एवं विविध सम्बन्धों को बताने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। यह विविध रूपों में इस्तेमाल किया जाता है। इसका इस्तेमाल मात्रात्मक सूचनाओं को देने एवं एक-दूसरे का सम्बन्ध दिखाने के लिए किया जाता है। रेखाएं अपने स्वभाव एवं दिषा के माध्यम से भाव एवं मनःस्थिति को भी व्यक्त करती हैं। रेखाओं में होने वाला अथवा किया जाने वाला बदलाव के माध्यम से प्रायः वही  भाव एवं सन्देष  दिखाया जाता है, जिसे कि हम सामान्यतौर पर महसूस करते रहते है। 

      ऊर्ध्वाधर सीधी रेखा Vertical straight line in design

              ऊर्ध्वाधर रेखाएं बुलंदी एवं अध्यात्म का भाव व्यक्त करती हैं। बिल्कुल सीधी रेखाएं ऊपर की तरफ उठती प्रतीत होती हैं, जो कि व्यक्ति की पहुॅच से बाहर हैं। अक्सर यह पाया गया है कि प्रभावी भवन बहुत ही अधिक ऊॅचाई में बने होते हैं। ये अन्य सामान्य भवन की तुलना में काफी लम्बे होते हैं।  बहुत अधिक ऊॅची रेखा षान षौकत के तौर पर दिखती हैं।  

                  क्षैतिज रेखाएं आराम, विराम का भाव व्यक्त करती हैं। इसका कारण यह है कि पृथ्वी के गुरूत्व के सापेक्ष क्षैतिज स्थित में रहने वाली वस्तुएं विराम की स्थिति में होती है। इसलिए वह संरचना  जिसमें कि क्षैतिज रेखाएं ज्यादा प्रभावी होती है, वह साउंड एवं विराम का भाव व्यक्त करती हैं। बहुत से आर्किटेक्चरल स्टाइल में क्षैतिज तत्वों को काफी अधिक दिया जाता है । वह उसका जमीन से काफी अधिक मजबूत सम्बन्ध दिखता है।      

      तिर्यक  रेखाएं Oblique line

            तिर्यक रेखाएं दिशाव तेज गति का भाव पैदा करती है। ये पृथ्वी के गुरूत्वाकर्षण की तुलना में अस्थिर भाव पैदा करते हैं। द्विविमीय कम्पोजिषन में तिरछी रेखाएं गहराई, गति व क्रियाषीलता का भाव जगाती हैं। तिर्यक रेखाएं पृथ्वी के सापेक्ष न तो उध्र्वाधर हैं और न ही क्षैतिज अवस्था में हैं । वह गिरने की स्थिति में महसूस होती हैं। यह गति का भाव पैदा करती है अथवा वे गति की स्थिति में होती हैं। नर्तकों द्वारा  नृत्य आदि करने में इस प्रकार की स्थित उत्पन्न होती हैं। द्विविमीय रेखाचित्र की स्थिति का इस्तेमाल गहराई एवं प्वाइंट आफ व्यू दिखाने के लिए किया जाता है। इसका अन्य प्रकार के मनोभावों को व्यक्त करने के लिए भी किया जाता है। अतः जब कभी भी गति एवं क्रियाषीलता का भाव दिखाना रहता है, तो फिर इस प्रकार की स्थिति में रेखाओं को व्यक्त किया जाता है।

      क्षैतिज एवं ऊर्ध्वाधर रेखाओं का संयोजन Combination of vertical and horizontal line in design

              क्षैतिज एवं ऊर्ध्वाधर रेखाए मिल करके स्थायित्व, विश्वसनीयता एवं मजबूती व्यक्त करती हैं। रेखीय रूप में बनी ये रेखाएं जहाॅ कहीं पर भी दिखती है उससे एक मजबूती का भी व्यक्त होता है। घरों के निर्माण एवं छज्जों आदि के निर्माण के दौरान इसी आकार में लोहे की छड़ों को लगाया जाता है, जिससे कि उनके भीतर सीमेंट कंक्रीट को मजबूती के साथ भरा जा सके। यह एक जालीनुमा आकार बनाता है और इससे मजबूती का आभास मिलता है।  

            गहरी एवं काफी तीक्ष्ण वक्र रेखाएं भ्रम, उथल पुथल आक्रोष के भव को व्यक्त करती है । यह इसी प्रकार से है जैसे आंधी में कोई शक्तिशाली लहर उत्पात, विध्वंस  दर्शाती हैं या फिर गुॅथे हुए धागे की पेचीदगी होती है या फिर कोई पॅक्ति में किसी प्रकार की व्यवधान को दर्षाया जाता है।

                 सरल ढंग से खींचीं गयी वक्र रेखाएं कई प्रकार के अर्थ व्यक्त कर सकती हैं। हल्की या साफ्ट एवं कम वक्र रेखाएं आराम, सुरक्षा, सुपरिचय एवं रिलैक्स का भाव व्यक्त करती हैं।  इसका कारण यह है कि एक आराम ले लेटा हुआ व्यक्ति के वक्र स्थिति की याद दिलाता है। इसलिए एक आनन्दायक स्थिति को व्यक्त करता है। कुछ जानवरों के शरीर पर बनी रेखाएं तो खास अर्थ में उपयोग भी लायी जाते हैं। इस प्रकार  रेखाएं अन्य डिजाइन तत्वों के बगैर भी स्वतंत्र तौर पर कार्य कर सकती हैं और इससे किसी प्रकार का आकार परिलक्षित्र होता है। इसे विभिन्न डिजाइन में देखा जा सकता है। 

                   लाइन को मिला करके टैक्सचर एवं पैटर्न बनता है। नक्काशी एवं पेन ड्राइंग  में   इसे बहुत ही सहजता से देखा जा सकता है। रेखाओं का समूह में इस्तेमाल आकार एवं वैल्यु बनाता है। ये डिजाइन के अन्य तत्व के रूप में भी जाने जाते हैं।   

       रेखाओंओ कीअस्पष्टता Unclarity of line in design

               जैसा कि पहले बताया गया है कि सभी रेखाएं हमेशा कोई अस्पष्ट भाव, संदेश नही व्यक्त करती हैं। कई बार यह किस प्रकार से एवं किसके द्वारा खींची गयी हैं, उसके आधार पर अपने आप में कुछ खास अर्थ  समाहित  किये रहती हैं। उदाहरण के लिए बचपन में हम कुछ खास ढंग से रेखाओं को खींच करके आकाश, नदी, पेड़ एवं इस प्रकार की अन्य वस्तुओं बनाते हैं, जो कि कई बार बहुत स्पष्ट नही होते हैं। यह बाद में समझ होता है कि इसका वास्तविक स्वरूप क्या है। कई बार बहुत स्पष्ट रेखा न होने के बावजूद उन जगहों पर उस समय रेखा मान लिया जाता है, जब उसमें किसी प्रकार से रंग परिवर्तन होता है। उदाहरण के लिए यदि कहीं पर कोई रंग बदलाव होता है, तो फिर उस जगह पर जहाॅ से रंग का परिवर्तन होता है उसके अनुसार हम उसे एक रेखा मान लेते है।

      वे रेखाएं जो कि किसी प्रकार से तिर्यक रूप में होती हैं, वे और अधिक गति का एहसास कराती हैं। किन्तु कई बार ये अस्थिरता का भाव भी जगाती है। इससे असन्तुलन की अवस्था में देखा जाता है। वे रेखाएं जो कि किसी प्रकार के आकार के किनारों को व्यक्त करने के लिए इस्तेमाल में लाई जाती हैं, उन्हे कन्टूर कहते हैं।

                   सेट डिजाइनिंग से लेकर अन्य प्रकार के डिजाइनिंग में रेखाओं (line in design) का विविध प्रकार से इस्तेमाल किया जाता है। वे रेखाएं जो कि किसी प्रकार की गति को और अधिक स्पष्ट रूप में व्यक्त करती हैं, उसे जेस्टर रेखा कहते हैं। इसी प्रकार जब  दो या दो से अधिक रेखाएं एक दूसरे को काटती हैं, तो बीच वाले भाग को और गाढ़ा करके उसके वैल्यु को बढ़ाया जा सकता है। इससें वह त्रिआयामी एहसास देता है। डिजाइन साफ्टवेयर में रेखाओं को भिन्न भिन्न प्रकार से खीचनें के लिए टूल दिये गये होते है। इसकी मदद से विविध आकार प्रकार वाली रेखाओं को बहुत ही आसानी के साथ खींचा जा सकता है। 

      विविध प्रकार की रेखाएं  Various kinds of lines

             रेखाओं के आकार, मोटाई, लम्बाई आदि के हिसाब से उन्हे भिन्न भिन्न नामों से जाना जाता है। इसमें पतली रेखा, मोटी रेखा, असमान, छोटी, लम्बी, सतत, टुटी-फुटी, क्षैतिज, उध्र्वाधर, तिर्यक, वर्क, लम्बवत, समान्तर, रेडियल, तीक्ष्ण , धुॅधला, अनियमित, प्वाइंटी, जिग जैग, जैग्ड, ग्रेसफुल, चिकने रूप में बनाया गया है। भिन्न भिन्न प्रकार की रेखाओं का आवश्यकतानुसार विविध प्रकार के संदेश मनोभाव व्यक्त करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है।

      रेखाओं का मिलना Meeting of line in design- विभिन्न रेखाएं एक दूसरे से किस प्र संदेशकार से मिलती हैं, उससे भी विविध प्रकार के सकेत मिलते हैं, और वे लोगों में खास प्रकार के मनोभावों व्यक्त करते है। रेखाओं को मिलाने के तौर तरीके के साथ जब रंग को भी षामिल कर दिया जाता है तो फिर वह अपने ढंग से अलग प्रभाव उत्पन्न करता है। 

      क्षैतिज एवं ऊर्ध्वाधर रेखाएं-क्षैतिज व ऊर्ध्वाधर रेखाओं का संयोग एकता मजबूती स्थिरता का बोध कराती हैं। यह विश्वास का भाव पैदा करती है। इसकी सघनता एवं विरलता के अनुसार इससे भाव उत्पन्न होता है ।

      टैक्स्ट में रेखाओं का इस्तेमाल – टैक्स्ट में रेखाओं को विविध प्रकार से इस्तेमाल किया जाता है। जब किसी किसी टैक्स्ट के साथ अंडारलाइन का इस्तेमाल किया जाता है, तो फिर वह टैक्स्ट अन्य से अलग दिखने लगता है और उसका महत्व अलग से हो जात है। इस प्रकार से यह षीर्शक एवं मुख्य बाॅडी से अलग हो करके दिखती है। इसी प्रकार से टैक्स्ट में अन्य प्रकार से भी रेखाओं का इस्तेमाल किया जाता है। इसके अपने सकारात्मक एवं नकारात्मक पक्ष है।

      ग्रैफिक हेतु रेखा Lines for graphics

                 रेखाओं को खींचने के लिए पारम्परिक तौर पर पेंसिल एवं स्केल का इस्तेमाल किया जाता रहा है। अतः हाथ की कुषलता बारीक रेखा खीचने के लिए आवश्यक रहा है। किन्तु कम्प्यूटर के आ जाने के साथ ही ग्रैफिक डिजाइन के क्षेत्र में कई प्रकार के साफ्टवेयर का भी इस्तेमाल किया जाने लगा है। इसमें दिये गये विविध प्रकार के टूल के माध्यम से अब रेखाओं का बहुतायत इस्तेमाल किया जा रहा है। वर्तमान में विविध प्रकार के ग्रैफिक डिजाइन के लिए रेखा एवं अन्य आकार बनाने के लिए इन सब उपकरणों का ही इस्तेमाल किया जाता है।  एक कुशल डिजाइनर बनने के लिए रेखा आदि खीचने के लिए डिजाइनर को इन साफ्टवेयर का इस्तेमाल करना आना आवश्यक है। इस प्रकार के साफ्टवेयर में टूल उपलब्ध होते है। इससे किसी भी प्रकार के रेखा खींचना बहुत ही आसान हो गया है ।

      Tags: Element of design
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      Dr. Arvind Kumar Singh

      Dr. Arvind Kumar Singh

      Media Specialist and Writer , UGC NET and JRF, SRF Fellow, Ph.D. in Mass Communication and Journalism subject (Area -Development communication) from BHU in 1997. Experience of Teaching in Various Universities and other academic Institutions including BHU as UGC JRF and SRF fellow, Lucknow university as guest faculty and Allahabad university as visiting fellow. Members of various Media professional organizations. Participation in various national and international Seminar and Conferences. Written several books on electronic and digital media

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