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      Home Media Study Material Radio

      Radio Documentary Programme रेडियो डॉक्यूमेंट्री कार्यक्रम

      by Dr. Arvind Kumar Singh
      3 years ago
      in Radio
      0

      Radio Documentary Programme रेडियो डॉक्यूमेंट्री कार्यक्रम

      रेडियो डॉक्यूमेंट्री मूलतः आवाज के माध्यम से प्रस्तुत किया गया एक नान फिक्शनल नैरेटिव कार्यक्रम है जिसे कि रेडियो माध्यम या फिर ऑनलाइन वेबसाइट पॉडकास्ट माध्यमों से प्रसारित किया जाता है । रेडियो डॉक्यूमेंट्री किसी किसी भी विषय के एक या एक से अधिक पहलू पर तैयार की जा सकती है या फिर यह बिल्कुल नया विषय भी ले सकती है। उसे अंतर्गत इतिहास, भूगोल, पर्यावरण, विज्ञान आदि विषयों को लेकर के इस पर रोचक डॉक्यूमेंट्री बनाई जा सकती है इसी प्रकार से विभिन्न प्रकार के सामाजिक सांस्कृतिक राजनीतिक मनोवैज्ञानिक आदि विषयों के विविध पक्षों पर भी रेडियो डॉक्यूमेंट्री कार्यक्रम बनाया जा सकता है

      रेडियो डॉक्यूमेंट्री का उद्देश्य Objectives of Radio Documentary
      रेडियो डॉक्यूमेंट्री का मुख्य उद्देश्य किसी भी विषय घटना के बारे में विषय, घटना, लाइव रिज जीवन के बारे में तथ्यों के साथ जानकारी प्रदान करना है । इसी के साथ यह है किसी विषय पर उसके एक या एक से अधिक वाहनों के संदर्भ में कुछ इस तरह से विचार व्यक्त करता है जिससे कि वह अपने अनुसार श्रोताओं को भी सोचने विचारने के लिए मजबूर करता है । रेडियो डॉक्यूमेंट्री के माध्यम से संबंधित विषय के एक या एक से अधिक पहलुओं पर कुछ इस तरीके से प्रकाश डाला जाता है जिससे कि वह श्रोताओं को उसके बारे में एक खास तरीके से सोचने के लिए विवश करें। यह उन्हे मोटिवेट करने से ले करके जागरूक करने, सूचित, षिक्षित करने का कार्य कर सकता है।


      रेडियो डॉक्यूमेंट्री का महत्त्व Importance of Radio Documentary


      अन्य कार्यक्रमों की तरह ही रेडियो डॉक्यूमेंट्री कार्यक्रम का भी अपना विशेष महत्व है । यह है श्रोताओं को किसी खास तरीके से सोचने और दृष्टिकोण विकसित करने के लिए प्रेरित करता है क्योंकि इसमें जो भी बातें कही जाती हैं वह तथ्यों के साथ प्रस्तुत होती हैं । इसलिए यह कहीं ज्यादा विश्वसनीय वास्तविक कार्यक्रम के रूप में परिलक्षित होती है और किसी भी विषय पर प्रभावी तरीके से बातों को कहने के लिए डॉक्यूमेंट्री के रूप में उसे प्रस्तुत करना एक महत्वपूर्ण तरीका है। इससे लोगों के बीच किसी विषय पर जागरूकता उत्पन्न करने का कार्य किया जा सकता है।


      एक अच्छी डॉक्यूमेंट्री की विशेषताएं


      किंतु रेडियो डॉक्यूमेंट्री का महत्व तभी साबित हो सकता है जब उसे अच्छी तरीके से तैयार किया जाए और इस संदर्भ में यह आवश्यक है कि उसके सभी तथ्यों को सही एवं सुसंगठित तरीके से प्रस्तुत किया जाए । इसमें जो भी बातें प्रस्तुत की जा रही हैं वह तर्कपूर्ण नाटकीय स्वरूप लिए हुए भावनात्मक प्रवाह के साथ दिया जाना चाहिए ।इसी के साथ उसमें सही तरीके से आवाज दिया जाना भी आवश्यक है आवाज की गति,, प्रवाह, स्वरूप, टेक्सचर सब डक्यूमेन्टरी को एक प्रभावी रूप देता है।


      रेडियो फीचर एवं रेडियो डॉक्यूमेंट्री में अंतर


      कई बार रेडियो फीचर और रेडियो डॉक्यूमेंट्री को एक ही प्रकार के कार्यक्रमों नाम लिया जाता है । किंतु दोनों में थोड़ा अंतर है रेडियो डॉक्यूमेंट्री तथ्यात्मक और तर्कपूर्ण जैसे तत्वों को शामिल करके तैयार किया जाता है और यह एक खास नजरिए को विकसित करने का लक्ष्य लेकर के आगे बढ़ता है । वहीं पर रेडियो फीचर की प्रस्तुति में भाव पक्ष महत्वपूर्ण होता है । कई बार रेडियो फीचर कल्पनाओं और भावनाओं से ओतप्रोत होकर प्रस्तुत किया जाता है। वहीं पर रेडियो डॉक्युमेंट्री एक वास्तविक कार्यक्रम के रूप में प्रस्तुत किया जाता है यह वास्तविक दुनिया के बारे में कोई बात बताता है। काल्पनिक कथाओं में ऐसी बातों का जिक्र किया जाता है जो कि वास्तव में घटित नहीं हुए रहते हैं उन्हें जिस रूप में प्रस्तुत किया गया रहता है वह कल्पनाओं के आधार पर बनाया गया रहता है । वहीं पर डॉक्यूमेंट्री है ऐसा कार्यक्रम है जो कि वास्तविक दुनिया के किसी वास्तविक घटना तथ्य विचार आदि पर आधारित होते हैं


      रेडियो डॉक्यूमेंट्री के विविध तत्व


      जब हम रेडियो डॉक्यूमेंट्री के विभिन्न तत्वों की बात करते हैं तो इसके अंतर्गत नरेशन, इंटरव्यू संगीत एवं ध्वनि प्रभाव मुख्य रूप से शामिल हुए हैं । इन्हीं सभी तत्वों को का आपस में समुचित तरीके से समन्वय प्रस्तुत करके एक प्रभावी रेडियो जा कमेंट्री कार्यक्रम प्रस्तुत किया जाता है इसमें इन्टरव्यू एक बहुत ही महत्वपूर्ण तत्व है। अब हम इसके एक एक तत्व के बारे में थोड़ा विस्तार से चर्चा करते हैं।


      रेडियो डॉक्यूमेंट्री में इंटरव्यू Interview in Radio Documentary


      रेडियो डॉक्यूमेंट्री का इंटरव्यू Radio Interview रेडियो इंटरव्यू सबसे मुख्य एवं तथ्यात्मक पक्ष होता है । इसके माध्यम से विभिन्न तथ्यों को प्रस्तुत किया जाता है। जिस प्रकार से प्रिंट माध्यम में प्रिंटेड सामग्री को तथ्य के रूप में दिखाते हैं और टीवी जैसे माध्यम में रिकॉर्ड किए गए वास्तविक दृश्य को तथ्य के रूप में दर्शाते हैं , उसी प्रकार से रेडियो में इंटरव्यू के माध्यम से ही मुख्यतः विभिन्न तथ्यों को प्रस्तुत किया जाता है । जब कार्यक्रम में तथ्यों को प्रस्तुत किया जा रहा होता है तो किसी भी व्यक्ति का इंटरव्यू लिया जाता है । इस दौरान इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि संबंधित व्यक्ति विश्वसनीय और सही परिपेक्ष में दिखे। उसके द्वारा कही जाने वाली बातें इस रूप में हो कि वह श्रोताओं को प्रभावी और विश्वसनीय लगे ।

      इसी के साथ है रेडियो डॉक्यूमेंट्री में ऐसे आवाजों या अन्य प्रकार की ध्वनियों को सुनाया जा सकता है जो कि पहले के रिकॉर्ड किए गए हो चाहे वह संबंधित व्यक्ति द्वारा कहीं पर विचार व्यक्त किए गए रूप में हो या फिर किसी इंटरव्यू में वह बातें कही गई हो। इस प्रकार के आवाज संग्रहालय से लिए जाते हैं और इनका भी उपयोग तथ्यों को प्रस्तुत करने और बातों की पुष्टि करने के लिए किया जाता है


      रेडियो डॉक्यूमेंट्री में संगीत का इस्तेमाल Music in Radio Documentary

      Music effect
      संगीत भी रेडियो डॉक्यूमेंट्री का एक बहुत ही महत्वपूर्ण तत्व है और इसका उपयोग रेडियो डॉक्यूमेंट्री में कई तरीके से किया जाता है । विषय प्रवर्तन से लेकर के विषय शुरू करने, बदलने के लिए भी इसका उपयोग किया जाता है । वहीं पर एक अच्छे ढंग से प्रस्तुत किया गया संगीत कार्यक्रम के भाव पक्ष को भी मजबूती प्रदान करता है और विषय के अनुसार परिवेश भी विकसित करता है। यह विभिन्न प्रकार के घटनाओं के साथ सही तरीके से तालमेल बनाकर के उससे और भी प्रभावी रूप देता है और इस प्रकार से यह संगीत श्राोताओं में विभिन्न प्रकार के भाव पैदा करने में उपयोग किया जाता है । कार्यक्रमों के पहचान के रूप में भी संगीत का इस्तेमाल किया जाता है


      रेडियो डॉक्यूमेंट्री में ध्वनि प्रभाव का इस्तेमाल Use of sound effect in Radio Documentary

      Sound effect
      ध्वनि प्रभाव रेडियो डॉक्यूमेंट्री में ध्वनि प्रभाव का अपना अलग महत्व है । सामान्य आवाज से हटकर के जो कुछ भी सुनाया जाता है, वह ध्वनि प्रभाव के अंतर्गत ही आता है । यह वास्तविक ध्वनि या काल्पनिक से तरीके से बनाई गई ध्वनि हो सकती है । यह किसी भी घटना के वास्तविकता को और प्रभावी रूप देती है और इसी के साथ कार्यक्रम में बताए जाने वाले विभिन्न घटनाओं की वास्तविकता को सजीव रूप देता है। यह घटनाओं में बताए जाने वाले क्रियाकलाप परिवेश और भाव का भी वर्णन करता है । इस प्रकार से यह वास्तविक और प्रभावी परिवेष का निर्माण करता है । इसी के साथ ध्वनि प्रभाव का उपयोग घटनास्थल और समय के जानकारी देने के संदर्भ में भी किया जाता है । भारतीय रेडियो डॉक्यूमेंट्री कार्यक्रमों के निर्माण में ध्वनि प्रभाव का बहुत ही सुन्दर ढंग से इस्तेमाल किया गया है।


      रेडियो डॉक्यूमेंट्री में नरेशन का इस्तेमाल Use of Narration in Radio Documentary


      नरेशन डॉक्यूमेंट्री के संदर्भ में लिखी गई स्क्रिप्ट होती है । डॉक्यूमेंट्री में बताए जाने वाले सभी बातों को नैरेशन और इंटरव्यू के द्वारा ही प्रस्तुत किया जाता है । नैरेशन का आशय कार्यक्रम को प्रस्तुत करने के दौरान उसके विविध भागों को आपस में जोड़ने उसे प्रस्तुत करने, भावों को व्यक्त करने और डॉक्यूमेंट्री को गति देने के संदर्भ में इस्तेमाल किया जाता है। इसमें वह किसी व्यक्ति से इन्टरव्यू लेने के पहले का इन्ट्रो भी प्रस्तुत करता है। इंटरव्यू के लिए जहां कार्यक्रम प्रस्तुतकर्ता दूसरे व्यक्ति पर निर्भर रहता है, वहीं पर नैरेशन वह स्वयं प्रस्तुत करता है। डॉक्यूमेंट्री कार्यक्रम के अंतर्गत कार्यक्रम निर्माता द्वारा जो नैरेशन प्रस्तुत किया जाता है उसे एक या एक से अधिक व्यक्तियों द्वारा प्रस्तुत किया जा सकता है। कई बार जब दो व्यक्तियों द्वारा इसे प्रस्तुत किया जाता है तो उसी स्थिति में स्त्री पुरुष की आवाज लिया जाता है ।


      रेडियो डॉक्यूमेंट्री हेतु स्क्रिप्ट लेखन Script writing for Radio Documentary


      यह आवश्यक है कि डॉक्यूमेंट्री के नरेशन को काफी अच्छी तरीके से लिखा जाए। डॉक्यूमेंट्री के लिए लिखी गई नरेशन डॉक्यूमेंट्री से टोन और प्रभाव का निर्धारित करता है जिस अंदाज में इसे प्रस्तुत किया जाता है उसी के अनुसार उसका प्रभाव श्रोताओं के ऊपर पड़ता है । नरेशन को प्रभावी बनाने के लिए जहां एक तरफ अच्छे तरीके से सोच की आवश्यकता होती है जिससे कि उस में कही गई बातें सोचपूर्ण रूप में दिखे, वहीं पर शब्द का चयन और वाक्य संरचना में भी सावधानी बरतनी पड़ती है । इसे इस तरीके से प्रस्तुत किया जाता है जिससे कि वह सुनने में स्वाभाविक और बातचीत के अंदाज में लगे । जब भी नरेशन लिखा जाता है तो उसे पढ़ कर के देख लिया जाता है कि यह बातचीत के भाषा में प्रस्तुत है अथवा नहीं । ऐसा ना होने पर फिर उसको पुन र्लेखन करना आवश्यक हो जाता है। इसलिए नरेशन के संदर्भ में कुछ सुझाव दिए जाते हैं जिसमें कि मुख्यतः यह है कि इसकी भाषा में अनावश्यक रूप से बड़ी बड़ी संख्याएं,, आंकड़े जटिल पद एवं शब्द न दिए जाएं । जो कुछ भी दिया जाए वह स्पष्ट, संक्षेप में और समझने योग्य होना चाहिए। इसी के साथ यह भी ध्यान रखना पड़ता है कि बातों को अनावश्यक रूप से बढ़ा चढ़ा कर के अथवा विस्तार में ना दिया जाए जो बातें ध्वनि के माध्यम से स्पष्ट हो रही हैं, उसे नैरेशन में बार-बार कहने की आवश्यकता नहीं रहती है।


      स्क्रिप्ट लेखन हेतु शोध Research for script writing


      जैसा कि पहले बताया गया है कि नरेशन लिखने के संदर्भ में शोध कार्य की भी आवश्यकता होती है। यह विषय के नये नये पक्षों को खोजपूर्ण ढंग से प्रकाष डालता है। डाकुमेन्ट्री निर्माण प्रक्रिया के अंतर्गत शोध कार्य एक बहुत ही महत्वपूर्ण चरण है और शोध कार्य के माध्यम से ही विभिन्न तथ्यों को एकत्र करके फिर उसकी प्रस्तुत की जाती है। शोध कार्य के संदर्भ में यह भी महत्वपूर्ण है कि डॉक्यूमेंट्री के उद्देश्य को ध्यान में रखकर के ही शोध कार्य किया जाए और इस संदर्भ में जो कुछ भी स्रोत सामग्री का उपयोग किया जाए वह विश्वसनीय होनी चाहिए। शोध के उपरान्त प्राप्त जानकारी को रेडियो माध्यम को ध्यान में रख करके सरल भाषा में भावपूर्ण ढंग से प्रस्तुत की जानी चाहिए।


      स्क्रिप्ट लेखन के लिए शोध कार्य हेतु विभिन्न प्रकार के स्रोत सामग्री


      शोध कार्य करने के संदर्भ में शोध सामग्रियों की एक महत्वपूर्ण सूची भी की जानकारी होनी आवश्यक है। सामान्य तौर पर विभिन्न प्रकार के प्रकाशन, प्रिंट माध्यम में पुस्तकालय से लेकर के अन्य संबंधित स्थलों पर तो उपलब्ध होते ही हैं वर्तमान में रेडियो टीवी जैसे माध्यमों का भी उपयोग किया जाता है जिसके द्वारा ऑडियो रूप में तथ्यात्मक सामग्री भी मिल सकती है जिसे आवश्यकतानुसार कार्यक्रम में शामिल भी किया जा सकता है इसके अतिरिक्त बहुत बड़ी संख्या में विभिन्न प्रकार के शोध पत्रिकाएं प्रकाशित होते हैंजो तुमसे जो भी सामग्री दी गई रहती है उसमें संबंधित और उपयोगी सामग्री का ही अध्ययन किया जाना चाहिए। न्यू मीडिया के विविध प्लेटफार्म और रेडियो माध्यम पर इस प्रकार से प्रस्तुत किया जा सकता है उसे ध्यान में रख कर के ही स्क्रिप्ट लेखन कार्य किया जाना चाहिए।


      डाक्यूमेंन्टरी कार्यक्रम की रिकार्डिंग एवं प्रस्तुति


      एक बार रेडियो माध्यम के लिए डॉक्यूमेंट्री कार्यक्रम के संदर्भ में शोध कार्य पूर्ण होने और स्क्रिप्ट लिखे जाने के पश्चात फिर कार्यक्रम के रिकॉर्डिंग एवं सम्पादन सबसे महत्वपूर्ण आखिरी चरण आरंभ होता है । इस संदर्भ में हमें कह सकते हैं कि हमारे अन्य कार्यक्रमों में रेडियो कार्यक्रम निर्माण हेतु रिकॉर्डिंग एवं संपादन के बारे में जो जानकारी दी गई है, उसे पढ़ सुन कर के उसके बारे में समझ बनाई जा सकती है । इसलिए इसका जिक्र यहाॅ नही किया गया है।


      उम्मीद है कि आज आप सभी लोग रेडियो डॉक्यूमेंट्री क्या है, इसका उद्देश्य और महत्व क्या है , इस कार्यक्रम के निर्माण के संदर्भ में किन बातों की आवश्यकता होती है, इस कार्यक्रम के संदर्भ में क्या-क्या तत्व होते हैं और इन्हें उनकी क्या भूमिका है इनके अन्तर्गत इसमें जो बातें बताई गई थी उससे आप सभी को डाक्यूमेन्ट्रªªी निर्माण के संदर्भ में अवश्य जानकारी मिली होगी इस के संदर्भ में आप हमें कमेंट बॉक्स में अवश्य सूचित करें जिससे कि आवष्यक सुधार किया जा सके।

      Tags: documentaryradio documentaryRadio programme
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      Dr. Arvind Kumar Singh

      Dr. Arvind Kumar Singh

      Media Specialist and Writer , UGC NET and JRF, SRF Fellow, Ph.D. in Mass Communication and Journalism subject (Area -Development communication) from BHU in 1997. Experience of Teaching in Various Universities and other academic Institutions including BHU as UGC JRF and SRF fellow, Lucknow university as guest faculty and Allahabad university as visiting fellow. Members of various Media professional organizations. Participation in various national and international Seminar and Conferences. Written several books on electronic and digital media

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