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      Radio Interview रेडियो इंटरव्यू

      by Dr. Arvind Kumar Singh
      3 years ago
      in Media Study Material, Radio
      0

      Radio interview is a very important programme. This lecture discusses different important aspects of this programme.

      Radio drama

      Radio Documentary Programme रेडियो डॉक्यूमेंट्री कार्यक्रम

      नमस्कार ! इस व्याख्यान में हम आपको रेडियो इंटरव्यू के बारे में जानकारी देने जा रहे है। रेडियो से प्रसारित विभिन्न कार्यक्रमों में से यह एक बहुत ही महत्वपूर्ण कार्यक्रम है और वर्तमान में रेडियो इंटरव्यू अन्य कार्यक्रमों में शामिल करके भी प्रस्तुत किया जाने लगा है। यह कार्यक्रम संगीत कार्यक्रमों में विशेष रूप से प्रस्तुत किए जाते हैं। इस तरह से रेडियो इंटरव्यू कार्यक्रम को एक नया स्वरूप भी मिल गया है । संगीत और इंटरव्यू कार्यक्रम को मिलाकर के इन्फोटेनमेंट एवं एडूटेनमेंट रूप में कार्यक्रम बनाया गया है । इसमें इंफॉर्मेशन एवं एजुकेशन और इंटरटेनमेंट दोनों का मिला जुला रूप होता है। एक तरफ इंटरव्यू के माध्यम से विविध सूचनाएं दी और जानकारियां दी जाती हैं । दूसरी तरफ संगीत के माध्यम से इंटरटेनमेंट भी किया जाता है। इस प्रकार से यह एक नए रूप में रेडियो पर कार्यक्रम बन गया है ।

         इस व्याख्यान का मुख्य उद्देश्य रेडियो इंटरव्यू के बारे में जानकारी देने के साथ-साथ रेडियो इंटरव्यू के महत्व प्रकार और इंटरव्यू के लेने के तौर तरीके और प्रस्तुत करने के तौर-तरीके के बारे में बतलाना है । आज के पूरे व्याख्यान में इन्हीं बिंदुओं को ध्यान में रखकर के बातें की जाएंगी।

      इंटरव्यू किसे कहते हैं –
      सामान्य तौर पर इंटरव्यू एक पूर्व निर्धारित स्वरूप में आमने सामने हो करके किये जाने वाली बातचीत है। इसमें भाग लेने वाला एक प्रतिभागी प्रश्न पूछता है और दूसरा उसका उत्तर देता है। किंतु जब जनमाध्यमों के संदर्भ में इंटरव्यू की बात होती है तो यहां पर यह इंटरव्यू लेने वाले और इंटरव्यू देने वाले के बीच का यह संवाद है। यह आमने-सामने तो होता ही है , इसी के साथ-साथ इसमें प्रश्नोत्तर रूप में इस प्रकार की बातें की जाती है जिससे कि लोगों को सूचना ज्ञान प्राप्त हो । पारंपरिक तौर पर इंटरव्यू में दो व्यक्तियों के बीच की ही बातचीत मानी जाती रही है । इसमें एक व्यक्ति प्रश्न पूछता है और दूसरा उसका उत्तर देता है । यह सामान्य तौर पर आमने-सामने हो करके ही किया जाता है।

      किंतु समय के साथ इसमें काफी परिवर्तन भी हुए हैं। जैसा कि हम आगे देखेंगे कि इंटरव्यू का जो पारंपरिक परिभाषा और स्वरूप रहा है , उसमें तकनीकों के आने के कारण से परिवर्तन भी हुआ है । किंतु उसका मूल चरित्र प्रश्न पूछने और उत्तर देने का ही रहता है।

      Importance of Radio interview इंटरव्यू कार्यक्रम का महत्व

      जब हम इंटरव्यू की बात करते हैं तो यह आवश्यक है कि इस फॉर्मेट में प्रस्तुत किए जाने वाले कार्यक्रम के महत्व को भी हम जाने। ऐसे कई बातें हैं जो कि इंटरव्यू कार्यक्रम को एक महत्वपूर्ण कार्यक्रम के रूप में स्थापित करते हैं। इसमें सबसे महत्वपूर्ण बात तो यह है कि यह बातचीत के रूप में प्रस्तुत होता है। इस प्रकार जिनकी सुनने की आदत होती है, उसको सुनने और समझने में किसी प्रकार की समस्या नहीं होती हैं ।
      इंटरव्यू आमने सामने हो करके प्रस्तुत किया जाता है जिसके कारण से संबंधित व्यक्ति से कहीं अधिक सहज और प्रभावपूर्ण तरीके से बातचीत संभव हो पाता है। इसमें जो भी बातें बताई जाती है, वह संबंधित व्यक्ति स्वयं अपने शब्दों एवं अपनी आवाज में कहता है। इसलिए वह कहीं ज्यादा प्रभावी है। उसे अधिक विष्वसनीय रूप में देखी सुनी एवं मानी जा सकती है । इसमें इंटरव्यू देने वाला व्यक्ति अपने ढंग से बातों को कहता है। इसलिए वह जो कहना चाहता है, उसे कहीं अधिक सही तरीके से कह कहता है। यदि रिपोर्टर किसी से बातचीत करके कोई बात कहता है तो कई बार उसमें अन्य प्रकार की त्रुटियां भी हो जाती हैं। इंटरव्यू देने वाला व्यक्ति अपने स्तर से अधिकतम सही ढंग से बातें कहने की स्थिति में रहता है।
      इसी तरीके से इंटरव्यू एक ऐसा कार्यक्रम हैं जिसमें की इंटरव्यू देने वाले व्यक्ति की एक अपनी पहचान भी बनती है और उसको एक प्रचार भी मिलता है । कई बार यह कार्यक्रम संबंधित व्यक्ति के प्रचार प्रसार के लिए भी प्रत्यक्ष अथवा अप्रत्यक्ष रूप से सहायक होता है।

      Objectives of Radio interview
      इंटरव्यू का उद्देश्य –


      जब हम इंटरव्यू के बात करते हैं तो यहां पर एक महत्वपूर्ण प्रश्न यह भी है कि इस प्रकार के ढंग से कार्यक्रम तैयार करने का क्या उद्देश्य होता है । इसकी परिभाषा से स्पष्ट है कि इसमें एक व्यक्ति दूसरे व्यक्ति द्वारा पूछे गए प्रश्नों का उत्तर देता है तो उत्तरदाता के अपने आवाज में बातें श्रोताओं के समक्ष प्रस्तुत होती है और वह किसी विषय पर जो कुछ भी तथ्य, कारण विचार देना चाहता है, वह अपने आवाज में देता है तो उस कारण से उसकी विश्वसनीयता का रहे हैं। कई बार ऐसे कार्यक्रम का उद्देष्य किसी व्यक्ति को प्रचार करना या किसी विषय मुद्दे को साने लाना भी होता है। कई बार इन्टरव्यू लेने वाले का भी प्रचार होता है यदि वह कोई खास प्रकार का इन्टरव्यू लेता है।


      Kinds of Radio interview इंटरव्यू के प्रकार


      आइए अब हम इस बात की चर्चा करते हैं कि इंटरव्यू कितने तरीके से ले जा सकते हैं । सामान्य तौर पर तो यही होता है कि एक व्यक्ति इंटरव्यू ऐसे कार्यक्रम में प्रश्न पूछता है और दूसरा व्यक्ति उसका उत्तर देता है। किंतु यदि यह रेडियो माध्यम के लिए है तो इस स्थिति में आवाज को सही तरीके से रिकॉर्ड किया जाता है और यदि एक प्रिंट माध्यम के लिए प्रस्तुत किया जा रहा है, उस स्थिति में रिपोर्टर द्वारा कही गई बातों को अपने शब्दों में लिखता है और इसी प्रकार से अधिक टीवी माध्यम के लिए प्रस्तुत किया जा रहा है, तो उसमें कहने के साथ-साथ दूसरे भी दिखाया जाता है।

      इसलिए इसमें विजुअल सामग्री पर विशेष ध्यान दिया जाता है। किंतु समय के साथ इंटरव्यू जैसे कार्यक्रम में कई प्रकार के अन्य बातों के शामिल हो जाने के कारण से यह भी विभिन्न तरीके से प्रस्तुत किया जाने लगा है । इसमें तकनीक का भी काफी योगदान रहता है। इस कारण से इंटरव्यू कार्यक्रम कई प्रकार से लिए जाते हैं।


      इंटरव्यू को व्यक्तिगत् रुप में भी लिया जाता है और समूह में भी दिया जाता है इस वजह से व्यक्तिगत् इंटरव्यू और समूह इंटरव्यू कहा जाता है । इसी प्रकार से इंटरव्यू सजीव प्रसारित किया जा सकता है अथवा रिकॉर्ड किया जा सकता है इस तरीके से भी उसका वर्गीकरण किया गया है। जब इंटरव्यू को स्टूडियो में लिया जाता है तो उसे स्टूडियो इंटरव्यू कहते हैं और जब यह घटना स्थल पर भी आ जाता है तो उस समय इसे आन स्पाॅट इंटरव्यू कहते हैं।


      जिस किसी भी प्रकार का इंटरव्यू जब उसे पहले से रिकॉर्ड कर लिया गया रहता है तो वह रिकॉर्डेड इंटरव्यू कहलाता है। रिकॉर्ड किये गये इंटरव्यू की एक सुविधा यह होती है कि इसमें किसी प्रकार की रिकार्डिंग त्रुटि को बाद में संपादन के द्वारा समाप्त किया जा सकता है । जब सजीव तरीके से इंटरव्यू प्रसारित किया जाता है तो वह लाइव इंटरव्यू कहलाता है। लाइव इंटरव्यू में काफी सावधानी बरतनी पड़ती है जिससे बिना किसी बाधा के इंटरव्यू किया जा सके। इसी प्रकार से जब घटनास्थल से इंटरव्यू लिया जाता है तो वह स्पाॅट इंटरव्यू कहलाता है ।

      इस प्रकार के इंटरव्यू घटनाओं स्थल पर उपस्थित उपयुक्त व्यक्तियों से इंटरव्यू लेने के मौका मिलने के कारण से लिया जाता है । इसमें बातों की विश्वसनीयता अधिक होती है। हालांकि इसमें विभिन्न प्रकार के न्वायज भी हो सकते हैं। इसी तरीके से जब इंटरव्यू रेडियो स्टूडियो में लिया जाता है तो वह जिस किसी व्यक्ति से लिया जा रहा है और जिस किसी भी विषय पर लिया जा रहा होता है वह नियंत्रित तरीके से लिया जाता है क्योंकि स्टूडियो में सभी प्रकार की रिकॉर्डिंग की सुविधाएं होती है।


      इंटरव्यू और भी कई तरीके से वर्गीकृत किया गया है । इंटरव्यू को किस तरीके से प्रस्तुत किया जा रहा है, उसके आधार पर उसके नाम दिए गए हैं। उदाहरण के लिए सूचनात्मक बात करने के लिए इंटरव्यू दिया जाता है तो इनफॉरमेशनल इंटरव्यू कहते हैं । इसी प्रकार से विभिन्न प्रकार के मनोवैज्ञानिक इंटरव्यू के लिए जाते हैं और उसी अनुसार उनके नाम दिए गए हैं । किंतु इन सभी प्रकार के इंटरव्यू में इस बात का विशेष ध्यान रखना पड़ता है कि जो कुछ भी इंटरव्यू लिया जा रहा है उसमें आवाज सही प्रकार से रिकार्ड हो।

      वर्तमान सूचना तकनीक के युग में इंटरव्यू को टेलीफोन के माध्यम से भी लिया जाता है । इसमें व्यक्ति की े आमने सामने उपस्थिति आवश्यक नहीं होती है । किसी विषय विशेष पर जब व्यक्ति से जानकारी सूचना पाना आवश्यक हो जाता है तो इस विधि का इस्तेमाल किया जाता है। किंतु इस प्रकार के इंटरव्यू में तकनीकी समस्याओं के आने की आशंका अधिक होती है । इसलिए इसे लंबी अवधि तक सही प्रकार से लेना संभव नहीं है

      Preparation of Radio interview इंटरव्यू की तैयारी


      रेडियो माध्यम पर जिस किसी भी प्रकार का इंटरव्यू लिया जा रहा हो , उसके संदर्भ में पूर्व तैयारी आवश्यक होती है और इस संदर्भ में कुछ बातों का विशेष तौर पर ध्यान देना पड़ता है । जो भी इंटरव्यू लिया जा रहा है, उसका उद्देश्य क्या है और वह किस श्रोता वर्ग के लिए है, इसका निर्धारण सबसे पहले किया जाता है । उद्देश्य को ध्यान में रखकर के ही उस संबंधित व्यक्ति विशेष का निर्धारण किया जाता है जिससे कि इंटरव्यू के उद्देश्य को पूरा किया जा सके।

      कई बार ऐसे व्यक्ति उपलब्ध हो जाते हैं जो कि किसी विषय पर बहुत ही महत्वपूर्ण जानकारी , विचार आदेश रखते हैं तो हम व्यक्ति की उपलब्धता को ध्यान में रख करके फिर इंटरव्यू के उद्देश्य का निर्धारण करते हैं । संबंधित व्यक्ति किस प्रकार के श्रोताओं के लिए और किन बातों के संदर्भ में जानकारी दे सकता है। इस प्रकार से बातों का निर्धारण होने के पश्चात व्यक्ति से संपर्क कर समय आदि का निर्धारण के लिए निवेदन करना पड़ता है । उसके द्वारा स्वीकृत हो जाने पर संबंधित समय, तिथि पर इंटरव्यू का आयोजन किया जाता है । इस संदर्भ में अन्य प्रकार की औपचारिकताओं को भी पूरा कर लिया जाता है।

      इंटरव्यू लेने के संदर्भ में प्रश्नावली
      Questionnaire for Radio interview

      इंटरव्यू लेने के संदर्भ में इंटरव्यूकर्ता प्रश्नावली का भी निर्माण करता है जिसका उपयोग व इंटरव्यू लेने के समय इंटरव्यू लेने वाले व्यक्ति प्रश्न पूछने के लिए कर सकता है । इस प्रकार के प्रश्नावली का निर्माण बहुत ही सुनियोजित को संगठित रूप में संयोजित रूप में किया जा सकता है अथवा एक मार्गदर्शक के रूप में भी किया जा सकता है । जब प्रश्नों को तैयार किया जाता है तो इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि वह विषय को अनुरूप हो और क्रमबद्ध तरीके से तैयार किए गए हो।जिससे कि उसी अनुसार क्रमबद्ध तरीके से उस विषय पर आगे बढ़ाया जा सके ।

      प्रश्नों को छोटे रूप में ही पूछना अच्छा रहता है । इसकी संख्या भी सीमित ही रहनी चाहिए । अनावश्यक तरीके से प्रश्नों को दोहराया भी नहीं जाना चाहिए। इस प्रकार के प्रश्न कई बार इंटरव्यू लेने के लिए सिर्फ एक मार्गदर्शक का काम करते हैं । वह प्रश्न अपने ढंग से पूछता है। प्रश्न पूछने में इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि वह स्पष्ट हो।

      उपकरणों की जांच


      कोई भी इंटरव्यू या तो स्टूडियो में लिया जाता है अथवा बाहर लिया जाता है । इस संदर्भ में उपकरणों के तैयारी सही तरीके से कर लेना आवश्यक होता है। रेडियो इंटरव्यू के लिए आवश्यकतानुसार हेडफोन, माइक्रोफोन और बैटरी आदि रखने के साथ ही उचित स्थान और माइक आदि को रखने के लिए व्यवस्था कर लेनी चाहिए। इंटरव्यू लेने की प्रक्रिया में व्यक्ति से आराम से बातचीत करने के लिए यह आवश्यक हो जाता है। इंटरव्यू लेने से पहले रिकॉर्डर के साउंड आदि की जांच कर ली जाती है और साउंड के स्तर की भी जांच कर ली जाती है।

      इंटरव्यू का आरंभ ही इंटरव्यू लेने की प्रक्रिया का प्रथम महत्वपूर्ण कार्य होता है । इसे आरंभ करने के दौरान सावधानी बरतने की आवश्यकता होती है । इसलिए आरंभ में बहुत ही सौम्य अंदाज से शुरू किया जाना चाहिए। इंटरव्यू देने वाले व्यक्ति का सम्मानपूर्ण परिचय आवश्यक होता है । इससे इंटरव्यू देने वाला व्यक्ति और श्रोता दोनों को अच्छा महसूस हो। इंटरव्यू देने वाले का परिचय रेडियो जैसे माध्यम पर सरल और संक्षेप में देना चाहिए। किंतु वह अपने आप में पूरा हो। इसके पश्चात प्रश्नों को क्रमवार ढंग से पूछना अच्छा रहता है। एक विषय से जुड़ कर के जितने भी प्रश्न हो सकते हैं, उन्हें एक ही समय में पूछ करके फिर दूसरे विषय के प्रश्न की तरफ जाना चाहिए।

      प्रश्न पूछने का तरीका इस ढंग से होना चाहिए जिससे कि वह इंटरव्यू देने वाले की समझ में तो आए ही, इसी के साथ साथ ही वह श्रोताओं को भी वह स्पष्ट हो। इंटरव्यू में प्रश्न उत्तर के अंदाज के बजाय बातचीत का सरल अंदाज अपनाया जाना चाहिए । र कोई भी इस तरह के प्रश्न पूछे जाएं नहीं चाहिए जो कि इंटरव्यूदाता के लिए अटपटा महसूस हो, किंतु किसी प्रकार के बस बहस अथवा वाद विवाद से बचना चाहिए।

      इंटरव्यू लेने के दौरान ध्यान देने योग्य बातें

      Points to consider in Radio interview
      इन्टरव्यू में कोई भी प्रश्न पूछने के संदर्भ में उसकी लंबी चैड़ी भूमिका नहीं बांधनी चाहिए। उसी प्रकार से विषय को ध्यान में रखकर के किसी भी विचारपरक बातों के संदर्भ में अपनी तरफ से सहमति अथवा असहमति नहीं जाहिर करनी चाहिए। रेडियो जैसे माध्यम में दृश्य नहीं होते हैं । इसलिए नॉनवर्बल कम्युनिकेशन का इस्तेमाल वर्बल कम्युनिकेशन के विकल्प के रूप में नहीं करना चाहिए। यदि कोई प्रश्न के उत्तर देने में उत्तर इंटरव्यू देने वाला व्यक्ति अपने विषय से कहीं अन्यत्र जा रहा है तो उस स्थिति में उसे विषय पर लाने हेतु आवश्यक हस्तक्षेप किया जा सकता है।

      रेडियो जैसे माध्यम पर इंटरव्यू लेने के दौरान यह भी ध्यान रखना पड़ता है कि किसी प्रकार का बैकग्राउंड शोरगुल ना हो और बातों को इस तरीके से कहा गया कि उसका उच्चारण आदि प्रभावी रूप में हो । माइक को ध्यान में रख करके ही बातों को बोलना चाहिए । इससे कि वह आवाज को सही प्रकार से पकड़ सके । इसलिए यह भी आवश्यक है कि माइक की पोजीशन सही तरीके से बनी रहे। कई बार इंटरव्यू देने के दौरान बोलने वाला व्यक्ति अपनी स्थिति को इधर-उधर बदलता है तो उस स्थिति में यदि लेबल माइक का इस्तेमाल नहीं किया जा रहा है तो फिर अन्य माइक को भी सही पोजीशन में रखना आवश्यक है।

      इंटरव्यू लेने के के दौरान एक एक निश्चित ही आती है जब इंटरव्यू को समाप्त करना रहता है इस संदर्भ में इंटरव्यू लेने वाले व्यक्ति एवं श्रोता दोनों को इसका संकेत देना चाहिए। कई बार आखिरी प्रश्न पूछने का भी संकेत दिया जाता है । इस दौरान समापन के अवसर पर इंटरव्यू देने वाले व्यक्ति का एक बार फिर से परिचय दे देना उचित रहता है। इंटरव्यू को विषय को ध्यान में रखकर के इंटरव्यू देने वाले व्यक्ति के आखिरी विचार संदेश को भी आमंत्रित किया जाता है । अपनी तरफ से भी यदि आवश्यक हुआ तो उनकी बातों के संदर्भ में निष्कर्ष रूप में बातें कहीं जाती हैं।

      लाइव इंटरव्यू


      इंटरव्यू लेने के दौरान भिन्न भिन्न प्रकार की स्थितियां होती हैं। कई बार लाइव इंटरव्यू देना पड़ता है तो ऐसी स्थिति में इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि यूनिडायरेक्शनल माइक हो जिसमें की अन्य दिशाओं की आवाज में आ रही हो जिससे कि डिस्टरबेंस न हो हो । बैकग्राउंड न्वायज को यथासंभव बचाना चाहिए और इसलिए इन्टरव्यू को शान्तपूर्ण उचित जगह पर लेना ठीक रहता है इसी के साथ-साथ इस प्रकार के इंटरव्यू बहुत छोटे रूप में ही लिया जा सकता है। इसलिए वही प्रश्न पूछने चाहिए जिसका जिससे आवश्यक बातों की जानकारी मिल सके।

      Radio interview of persons of different language दूसरी भाषा के व्यक्तियों का इंटरव्यू


      कार्यक्रम के लिए भिन्न भिन्न प्रकार के व्यक्तियों से इंटरव्यू लेने की आवश्यकता होती है । इस क्रम में कई बार दूसरी भाषा के व्यक्तियों से भी इंटरव्यू लेना पड़ता है । यहां पर इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि यदि उस व्यक्ति के साथ कोई ऐसा दूसरा व्यक्ति है जो कोई इंटरव्यू में प्रसारित होने वाले भाषा की जानकारी रखता है तो वह व्यक्ति दूसरे भाषा के व्यक्ति द्वारा कही गई बातों का अनुवाद करके बता सकता है। किंतु यदि ऐसा नहीं है तो फिर उस व्यक्ति द्वारा कही गई बातों को भावानुवाद इंटरव्यू प्रस्तुतकर्ता द्वारा दिया जाना चाहिए। यदि कोई इस प्रकार का लंबा इंटरव्यू है तो उसे स्थिति में फिर दूसरी भाषा के जानकार व्यक्ति द्वारा इंटरव्यू में कही गई बातों का अनुवाद करके उसे उसके कहने के अंदाज में प्रस्तुत करना चाहिए।

      रेडियो समाचार के लिए इंटरव्यू Radio interview for news


      रेडियो समाचार के लिए इंटरव्यू की लेने की आवश्यकता होती है। यह रेडियो समाचार का बहुत ही महत्वपूर्ण भाग भी है। जब भी किसी प्रकार की कोई घटना घटती है तो उस घटना से जुड़े व्यक्ति, अधिकारी, मंत्री, कलाकार, खिलाड़ी आदि के इंटरव्यू लेने की आवश्यकता होती है। इस प्रकार के इंटरव्यू प्रायः बहुत ही छोटे होते हैं। इसे किसी खास बात की जानकारी लेने के संदर्भ में ही इसकी आवश्यकता होती है। अतः इस बात को ध्यान में रखकर के ऐसे इंटरव्यू को लिया जाना चाहिए। इसमें आवश्यक सूचना जानकारी प्राप्त हो सके। कई बार इस प्रकार के इंटरव्यू में बातें बहुत स्पष्ट नहीं रहती है तो इंटरव्यू लेने के पश्चात उन बातों को संक्षेप में एक बार फिर दोहरा देना भी अच्छा रहता है। ऐसे इंटरव्यू में किस व्यक्ति का इन्टरव्यू लिया गया था, इसकी भी जानकारी दी जानी चाहिए।

      समूह में इंटरव्यू Radio interview in group


      कभी-कभी समूह में भी इंटरव्यू लिया जाता है । इस प्रकार के इंटरव्यू शोध कार्यों के संदर्भ में तो प्रायः लेने की आवश्यकता होती है । किंतु रेडियो जैसे माध्यम पर भी ऐसे इंटरव्यू लिए जाते हैं। जब कोई व्यक्ति समूह में मिल करके कार्य करता है या किसी ऐसी सफलता को हासिल किया जाता है, जिसमें कि एक से अधिक व्यक्ति शामिल होते हैं, उसी स्थिति में ऐसे इंटरव्यू की आवश्यकता होती है । ऐसे इंटरव्यू प्रायः दो या तीन व्यक्तियों के लिए जा सकते हैं । इसमें प्रश्न पूछने के दौरान इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि समूह में शामिल कौन सा व्यक्ति किस प्रश्न का उत्तर दे सकता है । ऐसे इंटरव्यू लेने के दौरान देने वाले व्यक्तियों के बीच में सही तालमेल बनाकर के इंटरव्यू लेना भी आवश्यक होता है।

      इंटरव्यू का संपादन Finishing Radio interview


      इंटरव्यू लेने के पश्चात इंटरव्यू का संपादन एक बहुत ही महत्वपूर्ण कार्य होता है । वर्तमान में रेडियो रिकॉर्डिंग के साथ ही संपादन के संदर्भ में विभिन्न प्रकार के सॉफ्टवेयर आ गए हैं । इनका उपयोग करके बहुत अच्छी तरीके से किसी भी इंटरव्यू को सम्पादित किया जा सकता है । इस प्रकार के संपादन के लिए कुछ बातों का विशेष ध्यान रखना पड़ता है। रेडियो कार्यक्रम रिकॉर्डिंग और संपादन भाग वाले लेक्चर में इसके बारे में विशेष रूप से जानकारी दी गई है। अतः यहाॅ पर एक बार फिर संपूर्ण बातों की जानकारी के लिए उसे सुना और पढ़ा जा सकता है ।
      Presentation of Radio interview
      इंटरव्यू का प्रस्तुतीकरण सामान्य तौर पर कोई भी रेडियो इंटरव्यू पारंपरिक तौर से प्रश्न और उत्तर के रूप में है प्रस्तुत किया जाता है जिसमें के इंटरव्यू लेने वाला व्यक्ति इंटरव्यू देने वाले व्यक्ति के परिचय के पश्चात प्रश्न पूछता है और उसका उत्तर वह देता है । ऑडियो फार्म में भी इसी रूप में उसे प्रस्तुत किया जाता है। किंतु कई बार इसे अन्य तरीके से भी प्रस्तुत किया जाता है। इसमें इसमें नरेशन के रूप में इंटरव्यू प्रस्तुतकर्ता अपनी बातें कहता है । इंटरव्यू देने वाले व्यक्ति की बातों को वह सामने रखता जाता है और इस प्रकार से वह इंटरव्यू देने वाले व्यक्ति के कंटेंट को एक-एक करके देता जाता है । वह हर उत्तर के पहले अपने कमेंट को प्रस्तुत करता है।

      लाइव इंटरव्यू के दौरान विशेष ध्यान रखना पड़ता है कि प्रश्न कैसे पूछे जाएं जिसके उत्तर देने में उतरदाता को किसी प्रकार की झुंझलाहट न हो और न वह अन्य प्रकार की समस्या महसूस करें जिससे कि कोई ऐसी बात ना बोल दे जोकि प्रसारित नहीं होनी चाहिए । इसलिए लाइव इंटरव्यू लेने के दौरान उचित व्यक्ति का चयन भी बहुत महत्वपूर्ण होता है।

      श्रृंखला के रूप में लंबा इंटरव्यू Radio interview series


      कई बार ऐसे भी इंटरव्यू लिए गए रहते हैं जिनको एक श्रृंखला के रूप में प्रस्तुत किया जाता है। जब कोई लंबा इंटरव्यू रहता है तो और उसे एक निर्धारित समय में नहीं प्रसारित किया जाता है। इसे आवश्यकतानुसार दो-तीन या और भागों में विभाजित कर लिया जाता है। वर्तमान में रेडियो माध्यम पर वर्तमान में एडूटेनमेंट , इन्फोटेनमेंट और एडवरटेनमेंट रूप में भी इंटरव्यू प्रसारित किए जाने लगे हैं । इस प्रकार के इंटरव्यू काफी लंबे होते हैं। इसमें किसी विषय पर सूचना ज्ञान देने के साथ-साथ मनोरंजक सामग्री भी प्रसारित की जाती है। इसमें प्रायः संगीत का प्रसारण होता है। इस प्रकार से प्रश्नकर्ता इंटरव्यू देने वाले व्यक्ति से प्रश्न पूछता जाता है और बीच-बीच में गीतों का प्रसारण करता है। ऐसे कार्यक्रम में कई बार संगीत के कार्यक्रम बाद में जोड़े जाते हैं और उसके लिए आवश्यक कमेंट्री भी बाद में डाली जाती है।

      इस प्रकार रेडियो इन्टरव्यू कार्यक्रम को एक रोचक कार्यक्रम बना करके प्रस्तुत किया जा सकता है।

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      Dr. Arvind Kumar Singh

      Dr. Arvind Kumar Singh

      Media Specialist and Writer , UGC NET and JRF, SRF Fellow, Ph.D. in Mass Communication and Journalism subject (Area -Development communication) from BHU in 1997. Experience of Teaching in Various Universities and other academic Institutions including BHU as UGC JRF and SRF fellow, Lucknow university as guest faculty and Allahabad university as visiting fellow. Members of various Media professional organizations. Participation in various national and international Seminar and Conferences. Written several books on electronic and digital media

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