Role of media in society समाज में मास मीडिया की भूमिका
- परिचय Role of Media in Society
सूचना एवं जानकारी के प्रसार का समाज में हमेशा से अत्यधिक महत्व रहा है। इसके लिए विविध प्रकार के साधन एवं तौर तरीके अपनाये जाते रहे है। एक व्यापक स्तर पर सूचना प्रसार में जनमाध्यमों की भूमिका अत्यधिक महत्वपूर्ण हो गयी है। यह केवल समाचार और घटनाओं के प्रसारण का माध्यम नहीं, बल्कि सामाजिक चेतना, सांस्कृतिक जागरूकता, राजनीतिक भागीदारी और आर्थिक विकास को दिशा देने वाला प्रमुख साधन है। मास मीडिया में अखबार, टेलीविजन, रेडियो, इंटरनेट, सोशल मीडिया जैसे तमाम माध्यम शामिल हैं। यह समाज के हर वर्ग को प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से प्रभावित करते हैं। यह लोकतंत्र का चौथा स्तंभ कहलाता है क्योंकि यह सरकार और जनता के बीच संवाद का सेतु बनाता है।
- सूचना का स्रोत
मास मीडिया का सबसे प्रमुख कार्य है समाज को नवीन, प्रामाणिक और सही सूचना देना होता है। तमाम घटनाएं मानवजीवन को प्रभावित करती है। इसके द्वारा राजनीतिक घटनाएं, आपदाएं, मौसम की जानकारी, वैश्विक घटनाक्रम, तकनीकी प्रगति, शिक्षा, खेल और अन्य महत्वपूर्ण विषयों की जानकारी लोगों तक तुरंत पहुँचाता है। ऐसे तमाम उदाहरण है जब इस माध्यम ने सूचना के व्यापक प्रसार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता रहा है। उदाहरण के लिए, जब देश में कोविड-19 की महामारी फैली, तब मीडिया ने वायरस के फैलाव, सुरक्षा उपायों, लॉकडाउन के नियम और टीकाकरण की जानकारी तेजी से हर घर तक पहुँचाई। आज डिजिटल न्यूज़ पोर्टल और मोबाइल ऐप्स के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों में भी लोग तत्काल जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। चुनाव, युद्ध, प्राकृतिक आपदाओं और आर्थिक परिवर्तनों की खबरें भी लोगों को समय पर मिल पाती हैं। यह सूचना नागरिकों को जागरूक और सतर्क बनाती है।
- शिक्षा का माध्यम मास मीडिया ने शिक्षा के क्षेत्र में क्रांति ला दी है। समाचारपत्र से आरम्भ हो करके रेडियो, टीवी के माध्यम के बाद इस भूमिका को डिजिटल माध्यम से काफी व्यवस्थित एवं प्रभावी एंग से किया जा रहा है। इस प्रकार से पारंपरिक शिक्षा प्रणाली के साथ-साथ आज डिजिटल प्लेटफॉर्म माध्यमों ने विद्यार्थियों और शिक्षकों को विश्वस्तरीय सामग्री उपलब्ध कराई है। उदाहरण स्वरूप, राष्ट्रीय डिजिटल शिक्षा प्लेटफ़ॉर्म ‘दीक्षा’ के माध्यम से करोड़ों बच्चों को उनकी भाषा में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिली। दूरदर्शन पर प्रसारित श्शिक्षा दर्शनश् जैसे कार्यक्रम भी दूर-दराज के क्षेत्रों के बच्चों को शिक्षा देने में सहायक रहे हैं। इसके अलावा, मीडिया के माध्यम से वयस्क शिक्षा, कौशल विकास, करियर काउंसलिंग, और प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी भी संभव हो सकी है। अब पहले की तुलना में यह कार्य कीं अधिक व्यवस्थित किया जा रहा है।
- जनमत निर्माण
विविध प्रकार के आर्थिक सामाजिक सास्कृतिक वैज्ञाानिक आदि विषयों पर मास मीडिया समाज की सोच और दृष्टिकोण को आकार देने का कार्य करता है। यह कार्य विविध प्रकार से किया जाता है। विविध माध्यम समाचार, बहस, विचार मंच, सम्पादकीय, रिपोर्टिंग आदि के माध्यम से समाज में विभिन्न मुद्दों पर विमर्श उत्पन्न करता है। ऐस तमाम उदाहरण हैं जिसमें कि किसी घटना की मीडिया की रिपोर्टिंग और जनदबाव के कारण पूरे देश में कानून में संशोधन हुआ और महिला सुरक्षा पर गंभीर चर्चा शुरू हुई। मीडिया के प्रभाव से कई बार सरकारों को नीतियाँ बदलनी पड़ी हैं। इसके अतिरिक्त, धर्म परिवर्तन अन्य विविध आन्दोलन , जलवायु संकट जैसे मुद्दों पर भी मीडिया ने जनता की राय को प्रभावित करने एवं निर्मित करने में भूमिका निभायी है।
- मनोरंजन का साधन
मनोरंजन आज समाज के मानसिक स्वास्थ्य के लिए अत्यंत आवश्यक है और मास मीडिया इसका सशक्त साधन है। फिल्में, वेब सीरीज, टेलीविजन शो, रेडियो कार्यक्रम, संगीत, खेल प्रसारण आदि लोगों के तनाव को कम करते हैं और परिवार के बीच संवाद को बढ़ावा देते हैं। उदाहरण के लिए, रामायण और महाभारत जैसे धारावाहिकों ने लॉकडाउन के समय लोगों को परिवार सहित जोड़कर सांस्कृतिक पुनर्जागरण किया। छमजसिपÛ और ।उं्रवद च्तपउम जैसे प्लेटफार्मों ने विविध भाषाओं और संस्कृतियों को एक मंच पर लाने में योगदान दिया है। मनोरंजन के माध्यम से मीडिया सामाजिक संदेश भी देता है, जैसे स्ळठज्फप्।$ समुदाय को लेकर बनी फिल्मों ने जागरूकता बढ़ाई है।
- सामाजिक जागरूकता
मास मीडिया विविध मुद्दों पर लोगों के बीच जनचेतना फैलाने में बहुत प्रभावशाली भूमिका निभाती रही है। इसने महिला सशक्तिकरण हो, पर्यावरण संरक्षण, बाल श्रम, नशा उन्मूलन, या लिंग समानता जैसे विषयों पर कार्यक्रम, रिपोर्ट और कैंपेन चलाकर समाज को जागरूक बनाता है। साक्षरता, स्वास्थ्य, वैज्ञानिक दृष्टिकोण पैदा करने और बातों को जन जन जन-जन तक पहुँचाने में मीडिया की महत्त्वपूर्ण भूमिका रही है। इसी तरह, प्लास्टिक मुक्त भारत, जल संरक्षण , स्वच्छ भारत अभियान, जल शक्ति मिशन जैसी योजनाओं को जनांदोलन बनाने में मीडिया ने प्रेरक कहानियाँ और वैज्ञानिक दृष्टिकोण प्रस्तुत करके जागरूकता फैला रही है।।
- लोकतंत्र का प्रहरी
मीडिया को लोकतंत्र का चौथा स्तंभ कहा गया है। यह सरकार की नीतियों, भ्रष्टाचार, प्रशासनिक कमियों और सामाजिक अन्याय को उजागर करता है। यह विविध लोगों की बातों को सरकार तक ले जाने में भूमिका निभाती है। भ्रष्टाचार को उजागर करती है। पिछले वर्षों में मीडिया की वजह से कई बड़े घोटाले सामने आए। इसमें 2ळ स्पेक्ट्रम घोटाला, कोल ब्लॉक घोटाला, और हाल ही में जासूसी कांड के की रिपोर्टिंग इसके उदाहरण है। इन घटनाओं से साबित है कि मीडिया अगर निष्पक्ष और साहसी हो तो वह जनहित में बड़े परिवर्तन ला सकता है। मीडिया की खोजी पत्रकारिता ने न्याय व्यवस्था को सचेत किया और भ्रष्ट अधिकारियों को बेनकाब किया। इसके माध्यम से जनता सरकार से जवाबदेही की मांग कर पाती है।
- वाणिज्य और विकास में योगदान – मीडिया ने व्यापार और अर्थव्यवस्था के क्षेत्र में भी क्रांतिकारी भूमिका निभाई है। विज्ञापन, मार्केटिंग, ब्रांडिंग और उपभोक्ता व्यवहार को प्रभावित करने में मीडिया की भूमिका महत्वपूर्ण है। इसके माध्यम से व्यापारिक कार्यो के प्रचार प्रसार का भी कार्य किया जाता है। एक स्टार्टअप या स्थानीय व्यवसाय, यदि मीडिया में सही प्रचार पा जाए, तो वह राष्ट्रीय स्तर पर पहचान बना सकता है। भारत में बहुत सी कंपनियाँ मीडिया प्रचार के बल पर तेज़ी से उभरी हैं। इसके अलावा, विविध सरकारी अभियानों को बढ़ावा देने में भी मीडिया ने सहायक भूमिका निभाई है। Ethics in Media
- संस्कृति और लोक विरासत का संरक्षण जनमाध्यम भारत की विविध सभ्यता संस्कृति के संरक्षण एवं प्रसार में प्रभावी भूमिका निभाते है। भारत की विविधता इसकी सबसे बड़ी विशेषता है। मीडिया ने लोक संस्कृति, रीति-रिवाज, त्योहार, लोक संगीत, नृत्य, कला और साहित्य को संरक्षित और प्रस्तुत करने में अद्वितीय कार्य किया है। दूरदर्शन और आकाशवाणी ने दशकों तक भारतीय संस्कृति को सहेजने का कार्य किया। आज भी सोशल मीडिया और यूट्यूब पर लोक गीत, कथा, और त्योहारों के वीडियो लाखों लोग देखते हैं, जिससे नई पीढ़ी अपनी जड़ों से जुड़ी रहती है। इसके अलावा, क्षेत्रीय चौनलों और एफएम रेडियो ने स्थानीय भाषाओं और परंपराओं को सजीव बनाए रखा है। Role of Media in Society
- स्वास्थ्य और पर्यावरण संबंधी चेतना मीडिया ने स्वास्थ्य और पर्यावरण जैसे विषयों को जनचर्चा में लाने में अहम भूमिका निभाई है। कोविड-19 महामारी के समय, मीडिया ने मास्क पहनने, हाथ धोने और टीकाकरण जैसे मुद्दों पर लोगों को जागरूक किया। इसी तरह, जलवायु परिवर्तन, वृक्षारोपण, कार्बन उत्सर्जन जैसे जटिल विषयों को सरल भाषा में समझाकर मीडिया ने पर्यावरण शिक्षा को जनांदोलन बना दिया है। इसके अतिरिक्त, आयुष मंत्रालय की योजनाएँ, योग दिवस, और आयुर्वेद से जुड़ी जानकारियाँ भी मीडिया के माध्यम से व्यापक रूप से प्रसारित हुई हैं।
Role of Media in Society
- डिजिटल युग में मीडिया की नई भूमिका
डिजिटल क्रांति ने मीडिया को और सशक्त बना दिया है। अब हर व्यक्ति के पास मोबाइल फोन है और वह स्वयं भी सूचना का स्रोत बन सकता है। सोशल मीडिया जैसे प्लेटफार्म कृ फेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम, यूट्यूब कृ पर हर व्यक्ति अपनी बात रख सकता है। हालांकि इसके साथ फेक न्यूज़, ट्रोलिंग और अफवाहों की समस्या भी बढ़ी है। इसी कारण अब फैक्ट चेकिंग प्लेटफॉर्म और डिजिटल साक्षरता को भी बढ़ावा दिया जा रहा है। साथ ही, डिजिटल मीडिया के माध्यम से जनभागीदारी, लाइव संवाद, और सोशल एक्टिविज़्म के नए रूप उभरकर सामने आए हैं।
- निष्कर्ष
मास मीडिया समाज के हर पहलू में शामिल है कृ सूचना, शिक्षा, मनोरंजन, जागरूकता, आलोचना, संरक्षण और विकास। यदि मीडिया निष्पक्ष, जिम्मेदार और नैतिक रहे, तो यह समाज को सशक्त और जागरूक बना सकता है। एक प्रबुद्ध मीडिया लोकतंत्र को मजबूती देता है और नागरिकों को सजग बनाता है। इसलिए आज यह आवश्यक है कि मीडिया अपनी शक्ति का उपयोग समाज निर्माण, जनहित और राष्ट्रीय विकास के लिए करे, और वह जनता के विश्वास पर खरा उतरे। Role of Media in Society