Westley and MacLean Model of Communication वेस्टली और मैकलीन संचार मॉडल
Westley and MacLean Model of Communication Introduction जनसंचार की परस्पर प्रक्रिया का वैज्ञानिक और सामाजिक विश्लेषण
संचार मानव समाज का सबसे महत्वपूर्ण तंत्र है। यह केवल विचारों का आदान-प्रदान नहीं बल्कि समाज के अनुभवों, संस्कृति और सूचनाओं का प्रवाह भी है। 20वीं शताब्दी के मध्य में जब मीडिया का प्रभाव तेज़ी से बढ़ रहा था, तब विद्वानों ने यह समझने की कोशिश की कि समाचार और सूचनाएँ कैसे समाज को प्रभावित करती हैं। इसी पृष्ठभूमि में 1957 में ब्रूस वेस्टली (Bruce Westley) और मैल्कम मैकलीन जूनियर (Malcolm MacLean Jr.) ने एक ऐसा मॉडल प्रस्तुत किया जिसने जनसंचार (Mass Communication) की प्रक्रिया को यथार्थ रूप में समझाया। इस मॉडल ने यह बताया कि संचार केवल “स्रोत और संदेश” तक सीमित नहीं होता, बल्कि यह पर्यावरण, घटनाओं, मीडिया संगठनों और जनता के बीच बहुआयामी संबंधों से निर्मित होता है। इस प्रकार, वेस्टली और मैकलीन का मॉडल संचार को एक “जीवंत सामाजिक व्यवस्था” के रूप में प्रस्तुत करता है, जो आज भी मीडिया अध्ययन की रीढ़ है।
2. परिभाषा / Definition
वेस्टली और मैकलीन के अनुसार — “Communication is a process in which signals or messages produced by a source are selected, shaped, and transmitted by a communicator to generate response or feedback in an audience.”
“संचार वह प्रक्रिया है जिसमें स्रोत द्वारा उत्पन्न संकेतों या संदेशों को संचारक (Communicator) द्वारा चुना, संशोधित और प्रसारित किया जाता है ताकि दर्शक या श्रोता में प्रतिक्रिया उत्पन्न की जा सके।” यह परिभाषा स्पष्ट करती है कि संचार केवल संदेश भेजने का कार्य नहीं है; यह एक निरंतर निर्णयात्मक और सामाजिक प्रक्रिया है, जिसमें यह तय किया जाता है कि कौन-सी जानकारी जनता तक पहुँचेगी, किस रूप में पहुँचेगी, और उसका क्या प्रभाव पड़ेगा। इस प्रकार, यह परिभाषा संचार को मीडिया, समाज और प्रतिक्रिया के जटिल संबंध के रूप में देखती है।
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3. मूल अवधारणा / Original Concept- वेस्टली और मैकलीन का मॉडल 1957 में उनके प्रसिद्ध शोध-पत्र “A Conceptual Model for Communication Research” में प्रस्तुत हुआ। इससे पहले अधिकांश मॉडल, जैसे कि लैसवेल और शैनन-वीवर, केवल एकतरफा संचार को दर्शाते थे — अर्थात “कौन क्या कह रहा है, किससे और क्या प्रभाव हुआ।” लेकिन वेस्टली और मैकलीन ने संचार की सामाजिक और संस्थागत जटिलता को समझा। उन्होंने बताया कि मीडिया के माध्यम से संदेश भेजना सीधा कार्य नहीं होता; इसमें कई चरण और निर्णय शामिल होते हैं। मॉडल में तीन प्रमुख पक्ष हैं —
- पर्यावरण (Environment) — जहाँ असंख्य घटनाएँ घटती हैं (X1, X2, X3 आदि)।
- संचारक (Communicator C) — जो इन घटनाओं का चयन और रूपांतरण करता है।
- प्राप्तकर्ता या श्रोता (Receiver A) — जो इन संदेशों को ग्रहण करता है और प्रतिक्रिया देता है।
यह मॉडल संचार को बहु-स्तरीय (Multi-level) प्रक्रिया के रूप में परिभाषित करता है, जिसमें Gatekeeping और Feedback दोनों महत्वपूर्ण घटक हैं।
4. मॉडल की संरचना और प्रक्रिया / Structure and Process of the Model
वेस्टली और मैकलीन का मॉडल दो रूपों में लागू किया जा सकता है —
– व्यक्ति-से-व्यक्ति संवाद (Interpersonal Communication)
– मीडिया या जनसंचार (Mass Communication)
(1) पर्यावरणीय घटनाएँ (Environmental Events – X1, X2, X3…) समाज में प्रतिदिन अनेक घटनाएँ होती हैं — राजनीतिक, सामाजिक, प्राकृतिक, आर्थिक आदि। इनमें से केवल कुछ घटनाएँ ही समाचार या संदेश के रूप में प्रस्तुत की जाती हैं। इस चयन प्रक्रिया से यह स्पष्ट होता है कि संचारक का दृष्टिकोण समाज की समझ को कैसे प्रभावित करता है।
(2) संचारक (Communicator – C)- संचारक केवल सूचना पहुँचाने वाला व्यक्ति नहीं होता, बल्कि वह “गेटकीपर” होता है। वह तय करता है कि कौन-सी घटना जनता तक पहुँचेगी और किस रूप में। उदाहरण के लिए, संपादक यह निर्णय करता है कि कौन-सी खबर पहले पृष्ठ पर जाएगी।
(3) प्राप्तकर्ता (Receiver – A)- जनता या दर्शक वह है जो संदेश को ग्रहण करता है और प्रतिक्रिया देता है। यह प्रतिक्रिया (Feedback) किसी पत्र, फोन, सोशल मीडिया टिप्पणी या सर्वेक्षण के रूप में हो सकती है।
(4) मध्यवर्ती फीडबैक (Intermediate Feedback – fBA) – संचारक और दर्शक के बीच का संवाद निरंतर चलता रहता है। दर्शकों की प्रतिक्रिया भविष्य की खबरों और कंटेंट चयन को प्रभावित करती है। इस प्रकार, यह मॉडल एक गतिशील चक्र बनाता है जहाँ सूचना, चयन और प्रतिक्रिया सतत चलते रहते हैं।
- मुख्य विशेषताएँ / Main Characteristics
(1) बहुआयामी संचार प्रक्रिया (Multi-Dimensional Communication Process)
यह मॉडल यह दर्शाता है कि संचार केवल दो व्यक्तियों का संवाद नहीं है, बल्कि यह समाज, मीडिया और घटनाओं के ताने-बाने से निर्मित एक जीवंत प्रणाली है।
(2) गेटकीपिंग की भूमिका (Role of Gatekeeping)
वेस्टली और मैकलीन ने पहली बार मीडिया में Gatekeeping की अवधारणा को मॉडल के केंद्र में रखा। उन्होंने बताया कि मीडिया कर्मी घटनाओं को फिल्टर कर समाज के लिए चयनित जानकारी प्रस्तुत करते हैं, जिससे समाज की धारणा बनती है।
(3) फीडबैक की सक्रियता (Active Feedback Mechanism)
यह मॉडल अन्य मॉडलों की तुलना में फीडबैक की प्रक्रिया को अधिक सक्रिय मानता है। संचार अब एकतरफा न रहकर परस्पर बन गया है, जहाँ दर्शक भी निर्णय प्रक्रिया में भाग लेता है।
(4) सामाजिक प्रभाव (Social Influence)
मॉडल यह स्वीकार करता है कि मीडिया और संचार दोनों समाज की राजनीतिक, सांस्कृतिक और आर्थिक स्थितियों से प्रभावित होते हैं। इससे यह मॉडल यथार्थवादी बनता है।
(5) जनसंचार के लिए उपयुक्त (Best Suited for Mass Communication)
वेस्टली और मैकलीन का मॉडल विशेष रूप से समाचार माध्यमों, जनसंपर्क और विज्ञापन के अध्ययन के लिए उपयुक्त है क्योंकि यह संगठन, दर्शक और संदेश के बीच के रिश्ते को व्यावहारिक रूप में समझाता है।
Westley and MacLean Model of Communication
- सीमाएँ / Limitations –
(1) जटिलता और संरचनात्मक कठिनाई (Complex and Technical Nature) – मॉडल में कई घटक और प्रतीक हैं जो शुरुआती विद्यार्थियों के लिए समझना कठिन हो सकता है।
(2) भावनात्मक पहलुओं की उपेक्षा (Neglect of Emotional Factors)
यह मॉडल सामाजिक और संगठनात्मक दृष्टिकोण पर केंद्रित है, जबकि मानवीय भावनाएँ, संवेदनाएँ और मनोवैज्ञानिक तत्व इसमें शामिल नहीं हैं।
(3) जनसंचार तक सीमित (Limited to Mass Communication)
यह मॉडल मुख्यतः मीडिया संचार के लिए उपयोगी है। व्यक्ति-से-व्यक्ति संवाद की सूक्ष्मता इसमें नहीं मिलती।
(4) शक्ति और नियंत्रण की उपेक्षा (Lack of Power Analysis)
मॉडल यह नहीं बताता कि मीडिया स्वामित्व, राजनीति या विज्ञापन किस तरह संदेश चयन को प्रभावित करते हैं।
(5) समय-अंतराल की समस्या (Time Gap in Feedback)
जनसंचार में फीडबैक तुरंत नहीं मिलता। यह मॉडल फीडबैक के विलंबित स्वरूप को नहीं समझाता, जो आज भी मीडिया की चुनौती है।
Westley and MacLean Model of Communication
- वर्तमान समय में प्रासंगिकता / Relevance Today
(1) डिजिटल मीडिया में गेटकीपिंग (Digital Gatekeeping)
आज सोशल मीडिया, यूट्यूब और ऑनलाइन समाचार वेबसाइटें उसी गेटकीपिंग सिद्धांत पर कार्य करती हैं।
एल्गोरिदम तय करते हैं कि कौन-सी सामग्री दर्शक देखेगा, ठीक उसी तरह जैसे संपादक समाचार चुनता है।
(2) फीडबैक संस्कृति का विस्तार (Expansion of Feedback Culture) इंटरनेट युग में दर्शक त्वरित प्रतिक्रिया देते हैं — लाइक, शेयर, कमेंट या समीक्षा के रूप में। यह वेस्टली–मैकलीन मॉडल की फीडबैक अवधारणा को व्यवहारिक बनाता है।
(3) लोकतंत्र और मीडिया जवाबदेही (Democratic Accountability) मॉडल का यह विचार कि मीडिया जनता की प्रतिक्रिया से प्रभावित होता है, आज के लोकतांत्रिक समाज में मीडिया की जवाबदेही सुनिश्चित करता है।
(4) पर्यावरणीय और वैश्विक घटनाओं का प्रभाव The impact of environmental and global events अब वैश्विक घटनाएँ स्थानीय समाचार बन जाती हैं। यह मॉडल बताता है कि मीडिया कैसे पर्यावरणीय घटनाओं को संदेशों में रूपांतरित करता है और समाज पर प्रभाव डालता है।
(5) नेटवर्क युग में संचार का चक्रीय स्वरूप The cyclical nature of communication in the network age आज का संचार नेटवर्क आधारित है, जहाँ हर व्यक्ति एक साथ स्रोत, संचारक और प्राप्तकर्ता है। वेस्टली और मैकलीन का मॉडल इस इंटरैक्टिव युग को पूर्णतः व्याख्यायित करता है।
8. निष्कर्ष / Conclusion
वेस्टली और मैकलीन का संचार मॉडल संचार अध्ययन में एक ऐतिहासिक और व्यावहारिक परिवर्तन लेकर आया। इसने पहली बार यह दिखाया कि संचार केवल सूचना प्रवाह नहीं, बल्कि समाज, मीडिया और दर्शक के बीच एक सक्रिय अंतःक्रिया है।
यह मॉडल न केवल जनसंचार की जटिलताओं को समझाता है, बल्कि यह भी सिखाता है कि कैसे मीडिया समाज को आकार देता है और समाज मीडिया को प्रभावित करता है। यद्यपि इसमें भावनात्मक तत्वों की कमी और संरचनात्मक जटिलता है, फिर भी आज के डिजिटल युग में यह मॉडल सबसे अधिक प्रासंगिक और आधुनिक है।
इसका सार यही है — “संचार केवल सूचना देने का कार्य नहीं, बल्कि समाज के अनुभवों को साझा करने और प्रतिक्रिया के माध्यम से अर्थ गढ़ने की प्रक्रिया है।”
Westley and MacLean Model of Communication