What is Robot Reporter ? वर्तमान में रोबोट रिपोर्टर की मीडिया जगत में चर्चा काफी हो रही है। वास्तव में आज के मीडिया और पत्रकारिता के क्षेत्र में “ रोबोट रिपोर्टर ” एक तेजी से उभरती हुई तकनीकी वास्तविकता बन चुका है। अब आगे हम इसी के बारे में विस्तार से समझते हैं।
रोबोट रिपोर्टर क्या होते हैं?
“रोबोट रिपोर्टर” सुनने में तो लगता तो है कि यह कोई एक व्यक्ति है । कुछ लोग यह समझ सकते हैं कि यह कोई एक चलने फिरने वाला रोबोट है , हालांकि चीन की शिन्हुआ एजेंसी ने “रोबोट एंकर” जैसे चल-फिरकर बोलने वाले कृत्रिम एंकर विकसित किए हैं, लेकिन समाचार लेखन वाले रोबोट रिपोर्टर अधिकतर सॉफ्टवेयर आधारित होते हैं। जो मानव पत्रकार की तरह समाचार लिखने, संपादित करने और प्रकाशित करने का काम करते हैं। ये इंसान की तरह रिपोर्टिंग नहीं करते, बल्कि डेटा, एल्गोरिद्म और भाषा मॉडल के माध्यम से स्वचालित रूप से समाचार तैयार करते हैं। इस प्रकार से यह किसी घटना को देख करके रिपोर्टिंग नहीं करते हो बल्कि उनको जो कुछ भी आंकड़े दिया जाता है उसके आधार पर सॉफ्टवेयर की मदद से अपना कार्य को करते हैं । इस प्रकार से सरल शब्दों में कहें तो — “रोबोट रिपोर्टर वे स्वचालित पत्रकार हैं जो बिना किसी मानव हस्तक्षेप के समाचार तैयार करते हैं।” What is Robot Reporter
रोबोट रिपोर्टर कैसे काम करते हैं? अभी यह एक बहुत ही महत्वपूर्ण प्रश्न है कि रोबोट के कार्य करने का तौर तरीका क्या है। अब आगे इसी के बारे में चरणबद्ध बातें बताई गई हैं —
- डेटा इनपुट :
रोबोट रिपोर्टर को कम करने के संदर्भ में यह आवश्यक है कि हम किसी भी घटना प्रक्रिया के बारे में जो कुछ भी आंकड़ा या डाटा है उसको रोबोट रिपोर्टर को देने का कार्य करें बहुत बड़े-बड़े हो सकते हैं और इनका किसी भी तरीके से व्यक्ति द्वारा यह विश्लेषण करना संभव नहीं हो पता है उदाहरण के लिए जैसे खेल के स्कोर, चुनाव परिणाम, मौसम रिपोर्ट, वित्तीय आँकड़े आदि। इसी प्रकार से किसी विश्वविद्यालय में पढ़ने वाले छात्रों की संख्या अस्पताल में आने वाले मरीजों की संख्या जैसे आंकड़े भी शामिल हैं। इसमें बहुत बहुत बड़ी संख्या में बड़े-बड़े संख्याएं शामिल हो सकते हैं ।
- एल्गोरिद्म विश्लेषण :
रोबोट रिपोर्टर को जो कुछ भी आंकड़ा दिया गया रहता है AI एल्गोरिद्म इन आँकड़ों का विश्लेषण करता है और उसके मुख्य बिंदुओं को पहचानता है। यदि यह उसमें विभिन्न तरीके के पैटर्न आ रहे हैं उन्हें वह जानने समझने की कोशिश करता है । किसी के आधार पर उन आंकड़ों के बारे में आंकड़ों से रोचक जानकारी दी जा सकती है। - भाषा रूपांतरण
इसके बाद नेचुरल लैंग्वेज प्रोसेसिंग तकनीक के माध्यम से रोबोट रिपोर्टर डेटा को मानव भाषा के लेख में बदल देता है। इसमें वह बहुत ही सरल तरीके से उन बातों को सामने लाता है जो की दिए गए आंकड़ों के माध्यम से एक लेख समाचार के रूप में होता हैं।
- तत्काल समाचार निर्माण
रोबोट रिपोर्टर एक मिनट से भी कम समय में पूरा समाचार तैयार कर देता है । इसे वह शीर्षक, तथ्य, विश्लेषण और सारांश सहित तैयार करता है। यह रोबोट एक व्यक्ति की तुलना में कहीं अधिक रोचक और डिजाइन के साथ है समाचार को तैयार कर सकता है और उसमें वह मुख्य मुख्य बातों को अलग भी दे सकता है।
- प्रकाशन
तैयार लेख स्वतः वेबसाइट, मोबाइल ऐप या समाचार पोर्टल पर प्रकाशित कर दिए जाते हैं। रोबोट रिपोर्टर विभिन्न माध्यमों को ध्यान में रखकर के भी समाचार को तैयार करता है और उसकी डिजाइन को बनता है जिससे कि हर मध्य जैसे की मोबाइल लैपटॉप डेस्कटॉप आदि के स्क्रीन पर वह प्रभावित तरीके से देखें
रोबोट रिपोर्टर के उदाहरण What is Robot Reporter
- रोबोट रिपोर्टर आज की पत्रकारिता में तकनीकी प्रगति का एक बड़ा उदाहरण है। यह कृत्रिम बुद्धिमत्ता पर आधारित एक स्वचालित प्रणाली है जो बहुत कम समय में विशाल आंकड़ों का विश्लेषण कर सटीक और निष्पक्ष समाचार तैयार करती है। इसकी प्रमुख विशेषताएँ हैं—तेज़ी, निष्पक्षता, लागत में कमी, निरंतरता और चौबीसों घंटे काम करने की क्षमता। यह कुछ ही क्षणों में समाचार लेख तैयार कर सकता है और भावनाओं या व्यक्तिगत राय से प्रभावित नहीं होता। इससे समाचार संस्थानों को मानव संसाधन पर निर्भरता घटाने में मदद मिलती है, साथ ही रिपोर्टिंग में सटीकता और गति बनी रहती है। रोबोट रिपोर्टर थकान या गलती से मुक्त होकर लगातार काम करता है, इसलिए इसे आधुनिक समाचार उत्पादन का एक भरोसेमंद साधन माना जाता है। हालांकि इसमें मानवीय संवेदना और नैतिक निर्णय की कमी होती है, फिर भी यह पत्रकारों के लिए एक सशक्त सहायक के रूप में कार्य करता है। विश्व के साथ-साथ भारत में भी इसका प्रयोग धीरे-धीरे बढ़ रहा है।
- भारत में कई प्रमुख मीडिया संस्थान रोबोट रिपोर्टर या कृत्रिम बुद्धिमत्ता आधारित प्रणाली का उपयोग करने लगे हैं। किंतु यह तकनीक सीमित और सहायक स्तर पर प्रयोग में है, न कि पूरी तरह स्वचालित रूप में । उदाहरण के लिए, प्रेस ट्रस्ट ऑफ इंडिया (पीटीआई)” में एआई का उपयोग अभी सीमित स्तर पर प्रयोगात्मक है, यानी यह पूर्ण स्वचालित लेखन प्रणाली नहीं , बल्कि सहायक उपकरण के रूप में उपयोग होता है। भारत में भी कुछ प्रमुख मीडिया संस्थान एआई और स्वचालित लेखन प्रणालियों का सीमित रूप से उपयोग कर रहे हैं, जैसे कि पीटीआई, टाइम्स नेटवर्क और हिंदुस्तान टाइम्स डिजिटल। इस प्रकार, जहाँ अमेरिका की एसोसिएटेड प्रेस, वाशिंगटन पोस्ट और रायटर्स जैसी एजेंसियाँ पहले से ही स्वचालित समाचार लेखन प्रणाली का उपयोग कर रही हैं, वहीं भारत भी इस दिशा में तेज़ी से आगे बढ़ रहा है और भविष्य की पत्रकारिता में रोबोट रिपोर्टर एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाने जा रहे हैं।
रोबोट रिपोर्टर की मुख्य विशेषताएं–
इसकी सबसे बड़ी विशेषता इसकी तेज़ी और निष्पक्षता है , यह न तो थकता है, न भावनाओं या व्यक्तिगत राय से प्रभावित होता है। रोबोट रिपोर्टर किसी भी घटना, खेल, शेयर बाज़ार या मौसम संबंधी आंकड़ों पर आधारित रिपोर्ट बहुत कम समय में तैयार कर सकता है। इसकी निष्पक्षता इसे मानव रिपोर्टरों से अलग बनाती है क्योंकि इसमें किसी प्रकार का पक्षपात या भावनात्मक झुकाव नहीं होता।
इसके अलावा, यह प्रणाली लगातार 24 घंटे काम करने में सक्षम है, जिससे किसी भी समय घटित होने वाली घटनाओं की तुरंत रिपोर्टिंग संभव हो जाती है। इससे समाचार संस्थानों की लागत में भी भारी कमी आती है क्योंकि इसमें अधिक मानव संसाधन की आवश्यकता नहीं होती। रोबोट रिपोर्टर की कार्यशैली में न थकान होती है, न गलती, और न ही किसी प्रकार की भावनात्मक कमजोरी। यह निरंतर एक समान सटीकता के साथ काम करता है और बहुभाषी क्षमता के कारण विभिन्न भाषाओं में समाचार तैयार कर सकता है। यद्यपि इसमें मानवीय संवेदनशीलता और नैतिक निर्णय क्षमता का अभाव होता है, फिर भी यह पत्रकारों के लिए एक सहयोगी उपकरण के रूप में कार्य करता है। इस प्रकार, भविष्य की पत्रकारिता में मानव और रोबोट रिपोर्टर का संयोजन ही सबसे प्रभावी और संतुलित रूप प्रस्तुत करेगा।
रोबोट रिपोर्टर के फायदे : What is Robot Reporter ?
अब जरा इसके फायदे देखें तो इसके अंतर्गत निम्न बातें आती हैं —
- तत्काल रिपोर्टिंग: इसके द्वारा समाचार तुरंत प्रसारित हो जाता है।
- डेटा आधारित सटीकता: इसमें आँकड़ों पर आधारित जानकारी त्रुटिरहित होती है।
- दोहराव वाले कार्यों में सुविधा: जैसे शेयर बाजार, खेल परिणाम, मौसम रिपोर्ट आदि।
- मानव पत्रकार का समय बचता है: वे गहन रिपोर्टिंग या विश्लेषण पर ध्यान दे सकते हैं।
- विस्तृत कवरेज: एक साथ हज़ारों विषयों पर समाचार तैयार किए जा सकते हैं।
रोबोट रिपोर्टर की कमियाँ fake news What is Robot Reporter
अभी ऐसी तमाम बातें हैं जो की रोबोट रिपोर्टर की कमियों के रूप में कहीं जा सकती हैं इसमें से निम्न मुख्य हैं
मानवीय संवेदना की कमी: रोबोट रिपोर्टर भावना, करुणा, व्यंग्य, या सामाजिक सन्दर्भ नहीं समझ स सकता है इसलिए वे सभी समाचार जिम इन भावनाओं को ध्यान में रखते हुए बातों को कहना रहता है वह अभी इसके द्वारा संभव नहीं है । What is Robot Reporter
रचनात्मकता का अभाव: समाचार केवल तथ्यों पर आधारित होता है, कहानीपन या मानवीय दृष्टिकोण नहीं आता। रोबोट रिपोर्टर के वही सीमा है जो कि उसके प्रोग्रामिंग में की गई रहती है इसकी रचनात्मक का दायरा वहीं पर समाप्त हो जाता है ।
नैतिकता का प्रश्न: क्या मशीनें नैतिक निर्णय ले सकती हैं? यह एक बहुत महत्वपूर्ण प्रश्न अभी भी निरुत्तर है किसका कारण यह है कि विभिन्न संदर्भों भावों को समग्र में समानता शामिल करते हुए जिस तरीके से मानव निर्णय लेता है वह मशीन के संदर्भ में संभव नहीं है । What is Robot Reporter ?
रोज़गार पर असर: पत्रकारों की नौकरियों के लिए खतरा। फिलहाल अभी यही माना जा रहा है कि रोबोट रिपोर्टर के कार्य करने की जो व्यक्ति दायरा और क्षमता है वह मानव से काफी आगे है और इसलिए यह बहुत लोगों का कार्य एक साथ उन कार्यों को एक साथ कर सकता है दिल में बड़ी संख्या में लोगों को लगाना पड़ता है और इसलिए इसका रोजगार के अवसर पर नकारात्मक प्रभाव पड़ने की आशंका है ।
गलत डेटा का खतरा: यदि डेटा गलत है, तो पूरी रिपोर्ट भी गलत होगी। हालांकि यह बात मानव के संदर्भ में भी लागू होती है किंतु एक मशीन के संदर्भ में यह कार्य इतना तीव्रगट से हो जाएगा कि उसको आसानी से नियंत्रित करना संभव नहीं है ।
पत्रकारिता पर प्रभाव (Impact on Journalism): फिलहाल रोबोट रिपोर्टर में पत्रकारिता पर अपना प्रभाव डालना आरंभ कर दिया है और भारत में भी रोबोट रिपोर्टर का इस्तेमाल विभिन्न तरीके से किया जाने लगा है बड़े-बड़े समाचार संस्थान रोबोट रिपोर्टर का इस्तेमाल कर रहे हैं और इसके जो सकारात्मक नकारात्मक पहलू है उसका प्रभाव भी सामने आ रहा है यहां पर रोबोट रिपोर्टर के सकारात्मक नकारात्मक पहलुओं के बारे में चर्चा की गई है
- सकारात्मक:
- समाचार उत्पादन में क्रांतिकारी तेज़ी।
- डेटा पत्रकारिता (Data Journalism) को बढ़ावा।
- पाठकों को तुरंत सूचना प्राप्त।
- नकारात्मक:
- समाचारों का मानवीय पहलू घटा।
- भावनात्मक जुड़ाव कम हुआ।
- स्वतंत्र विचार और नैतिक नियंत्रण कमजोर हुआ।
रोबोट रिपोर्टर का भविष्य
रोबोट रिपोर्टर के कारण से पत्रकारिता के दिशा भविष्य के पत्रकारिता की दिशा क्या होगी उसके बारे में अभी से तमाम बातें कहीं जाने लगे हैं लेकिन यह तो निश्चित है कि आने वाले दिनों में मानव मशीन का संयोजन बढ़ेगा और मशीनों के द्वारा विभिन्न प्रकार के तथ्यों को एकत्र करना विश्लेषण करने का काम अधिक से अधिक होगा भले ही उसमें मानवीय पहलू को जोड़कर के समाचार को दिया जाए यह कहा जा सकता है कि मशीनें तथ्य जुटाएँगी और इंसान उनमें भावना, विश्लेषण और मानवीय दृष्टि जोड़ेगा। पत्रकारों की भूमिका पूरी तरह खत्म नहीं होगी, बल्कि रचनात्मक और विश्लेषणात्मक दिशा में बढ़ेगी।
निष्कर्ष
अंत में निष्कर्ष के रूप में हम कर सकते हैं कि “रोबोट रिपोर्टर तकनीक का चमत्कार हैं, लेकिन पत्रकारिता की आत्मा नहीं।” डेटा इंसान को सूचना देता है, पर भावना ही उसे समझ बनाती है। इसलिए भविष्य का सबसे सशक्त पत्रकार वही होगा ।