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      Home Media Study Material Communication

      The role of Smile in communication

      by Dr. Arvind Kumar Singh
      3 years ago
      in Communication, Human Communication
      0

      Smile plays a very powerful role in communication .It is itself a means of communication. The article discusses some aspects of it. संचार में मुस्कुराहट Smile in communication

      Touch communication क्या होता है स्पर्श संचार

      हमारे शरीर एवं चेहरे द्वारा विविध भावों की अभिव्यक्ति करने के कुछ नॉनवर्बल तौर तरीके ऐसे हैं जो कि हजारों साल से चले आ रहे हैं। इसमें मुस्कुराहट एक बहुत ही प्रभावी अभिव्यक्ति है। यह नॉनवर्बल व्यवहार हमारे जीवन में विभिन्न प्रकार से हमारी मदद करता है । इससे हमें सुरक्षा मिली है। हमारी मुस्कुराहट जिस तरह से सामने वाले व्यक्ति पर प्रभाव डालता है, उसी तरह वह स्वयं के लिए भी कार्य करता है और हमें उसके बारे में सही तरीके से जानकारी रखना आवश्यक है। संचार के दौरान मुस्कुराहट संचार को सहज एवं प्रभावी बनाता है। मुस्कुराना सिर्फ दूसरे को खुश करने के लिए ही आवश्यक नही है, वरन् यह स्वयं के लिए भी बहुत ही जरूरी है। जब कोई व्यक्ति मुस्कुराता है तो फिर वह अच्छा महसूस करता है। यह कम अधिक हो सकता है। किन्तु इससे एक सकारात्मक भाव मन में बन जाता है। व्यक्ति अच्छा महसूस करता है। यद्यपि कई बार यह कठिन कार्य होता है, किन्तु यह किया जा सकता है।

      मुस्कुराहट की शक्ति The power of smile in communication

      Importance of Abhivadan communication in life


      मुस्कुराहट हमारे चेहरे की एक विशेष भाव भंगिमा है। यह स्वयं एवं उपस्थित सामने वाले व्यक्ति के मन में सकारात्मक भाव उत्पन्न करता है। जब हम किसी से संचार करते है तो इसके अन्तर्गत मुस्कुराहट एक बहुत ही महत्वपूर्ण शक्ति एवं साधन के तौर पर उपयोग किया जा सकता है। झूठी मुस्कुराहट की भी अपनी शक्ति होती है। उसका भी अपना एक असर होता है। वहीं पर यदि कोई व्यक्ति वास्तव में मुस्कुरा रहा है तो वह एक अलग प्रकार का असर दिखाता है। हाॅलाॅकि दोनों में फर्क होता है। जब हम झूठ में मुस्कुरा रहे होते हैं, तो उस स्थिति में आंख के दोनों किनारों पर झुर्रियां नहीं पड़ती है। वहीं जब हम वास्तव मुस्कुरा रहे होते हैं तो उस स्थिति में आंख के दोनों तरफ झुरिया बनती है ।Smell and communication

      मुस्कुराहट एवं विश्वास- Smile in communication for showing confidence

      मुस्कुराहट की अभिव्यक्ति को लोग दूर से देख करके समझ लेते हैं। जब हम किसी व्यक्ति में इस प्रकार के भाव की अभिव्यक्ति देखते हैं, तो उसके प्रति हमारा विश्वास और लगाव, जुड़ाव भी बनता है। मुस्कुराहट के माध्यम से हम लोगों को न सिर्फ अपने से जोड़ते हैं, वरन उनको भावनात्मक रूप से सहज और तनाव रहित भी बनाते हैं। उनके मन में भी एक प्रसन्नता का भाव उत्पन्न करते हैं। यदि हम किसी व्यक्ति के प्रति इस प्रकार की अभिव्यक्ति करते हैं, तो इसका आशय यही है कि हम उस व्यक्ति के साथ अपना करीबी और सकारात्मक भाव की अभिव्यक्ति कर रहे हैं।

      जब कोई व्यक्ति मुस्काहट भाव के साथ किसी के समक्ष प्रस्तुत होता हैं तो सामान्यतौर पर दूसरे के मन में भी इसी प्रकार का भाव पैदा होता है। अर्थात् दोनों व्यक्तियों में एक दूसरे के प्रति एक सकारात्मक भाव पैदा होता है। यह एक ऐसा नानवर्बल व्यवहार है जो कि सभी समाज में एक समान तौर पर अभिव्यक्त किया जाता है। उसका अर्थ भी एक ही तरीके से लिया जाता है। यह सामान्य तौर पर सकारात्मक भाव में ही होता है। इसने हमें अपने सामाजिक अंतर क्रियाओं को सही तरीके से बनाए रखने में बहुत बड़ी भूमिका निभाता है। हमारे अभिव्यक्ति का एक ऐसा साधन एवं तौर तरीका है जिसके द्वारा हम किसी भी प्रकार की स्थिति में एक सकारात्मक माहौल बनाते हैं। इस प्रकार से यह हमें अपने अस्तित्व को बनाए रखने में मददगार होता है। कई बार हम चेहरे के भाव एवं अन्य नॉनवर्बल तौर तरीके को बहुत ही ध्यान के साथ नहीं देखते हैं। किंतु लोग किसी भी प्रकार के चेहरे के हाव भाव एवं अन्य प्रकार के नानवर्बल तौर-तरीके का निरीक्षण करते रहते है और उसका मूल्यांकन करते है। उसके अनुसार व्यवहार भी करते हैं। Touch communication क्या होता है स्पर्श संचार

      हम किसी के भी साथ सकारात्मक भाव से ही बातचीत करना चाहते हैं। हम यह चाहते हैं कि वह हमारे प्रति एक सकारात्मक भाव महसूस करें। यदि उसको अच्छे भाव में रखना चाहते हैं तो हमें अपने नॉनवर्बल व्यवहार पर अवश्य ध्यान देना चाहिए। चेहरे के भाव की अभिव्यक्ति में मुस्कुराहट हमारी बहुत मदद कर सकता है। यह हमें सामने वाले व्यक्ति के साथ सहज होकर के बातचीत करने में उसकी भी मदद कर सकता है। वह व्यक्ति हम पर सही तरीके से ध्यान देकर के विश्वास करने के प्रति प्रेरित होता है।

      प्रसन्नता के लिए मुस्कुराहट – Smile in communication for happiness

      Dress communication

      अधिकतर लोग मुस्कुराहट के फायदे को जानते हैं और यह भी जानते हैं कि यह उनके पास से सीधे जुड़ा हुआ है। मुस्कुराने की जो क्रिया है, उससे लाभ ही पहुंचता है। भले ही व्यक्ति का भाव सकारात्मक है अथवा नहीं। देखने में आया है कि यदि जानबूझकर के किसी प्रकार की भाव को मन में चेहरे पर लाते हैं, तो वह उस भाव को पैदा करने के भी अपने फायदे हैं। शोध से तो यह भी पता चला है कि यदि हम झूठ में ही कोई भाव पैदा कर रहे हैं तो आंतरिक रूप से उस भाव को पैदा करने के लिए हमारे भीतर से वास्तव में प्रेरणा पैदा होती है। इसी तरीके से चेहरे पर जबरदस्ती मुस्कुराहट का भाव ले आए तो उसका फायदा हमें मिलता है। हमें अंदर से भी सच में मुस्कुराहट के भाव पैदा होगा।

      मुस्कुराहट एवं स्वास्थ्य – Smile and Health

      शोध से यह भी ज्ञात हुआ है कि मुस्कुराने से हमें तनाव के नकारात्मक प्रभाव को कम करने में मदद मिलती है। तनाव से शरीर के प्रतिरोधक क्षमता में कमी होती है। यदि हम मुस्कुराते हैं, तो इससे तनाव को कम करते हैं। इस प्रकार से हम अपने इम्यून सिस्टम को बनाए रखने में मदद करते हैं। हम यह कह सकते हैं कि जब हम मुस्कुराते हैं तो एक प्रकार से अपने प्रतिरोधक क्षमता में बढ़ोतरी करते हैं। मुस्कुराहट वास्तविक रूप में है तो यह कमी अधिक होता है। किंतु यदि मुस्कुराहट बनावटी है तो भी तनाव में कुछ न कुछ कमी होता है।

      वास्तविक मुस्कुराहट पैदा करना –

      जब व्यक्ति किसी भी प्रकार से सकारात्मकता का अनुभव नहीं कर रहा होता है तो उस स्थिति में मुस्कुराना काफी कठिन कार्य होता है। किन्तु शांत भाव से मुस्कुराना कहीं न कहीं एक सकारात्मक प्रभाव ही डालता है। इससे कुछ लाभ ही मिलता है। कुछ ऐसे तौर तरीके हैं जिसकी मदद से हम हंस एवं मुस्कुरा सकते हैं। इसके लिए हम कुछ ऐसे विचारों को याद कर सकते हैं जो कि सुखद रहे हो। विविध प्रकार के ऐसे दृष्य देख सकते है जो कि मुस्कुराने के कारण होते हैं । इसी प्रकार स ऐसे घटनाक्रम को भी हम याद कर सकते हैं जो कि हमें खुश किए थे और जिस पर हंसी आई थी। खुश रहने पर हमारे साथ रहने वाले लोग भी हंसी-खुशी का भाव महसूस करते हैं।

      हमें अपने बातचीत में भी मुस्कुराहट को शामिल करना चाहिए। जब कभी भी इस प्रकार के मुस्कुराहट को हम शामिल करके संवाद करते है तो उसका एक सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। यह पूरे वातावरण के एक ताजगी भर देता है। बातचीत के आरम्भ में इस प्रकार का सन्देश से हम सामने वाले के साथ सकारात्मक ढंग से व्यवहार करते है। यह व्यक्ति द्वारा किये जाने वाले कार्य एवं निजी जिन्दगी में हर प्रकार से सकारात्मक है। अल्प समय के भेंट मुलाकात में सिर्फ मुस्कुरा कर के सकारात्मक तौर पर काफी कुछ संदेश दे दिया जाता है।

      मुस्कुराने का सही समय, सन्दर्भ एवं स्थान –

      मुस्कुराने के सन्दर्भ में यह आवश्यक है कि व्यक्ति को इस बात की सही जानकारी हो कि कहाॅं पर मुस्कुराना है एवं कहाॅं पर मुस्कुराना नही है। कई बार गलत समय पर एवं गलत स्थिति में मुस्कुराना बहुत ही नकारात्मक प्रभाव उत्पन्न करता है। किसी की दुःखद, खराब या अटपटी स्थिति होने पर यदि उसे देख करके यदि कोई व्यक्ति मुस्कुरा रहा है तो फिर यह दूसरे व्यक्ति के लिए अपमानजनक बात हो सकती है। ऐसा करना उस व्यक्ति को चिढ़ाने के समान है। इसलिए किसी भी व्यक्ति को इस बात की अवश्य समझ होनी चाहिए कि कब कहाॅ पर किस स्थिति में मुस्कुराना है तो फिर वह इसे सही प्रकार से संप्रेषित कर सकता है।

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      Dr. Arvind Kumar Singh

      Dr. Arvind Kumar Singh

      Media Specialist and Writer , UGC NET and JRF, SRF Fellow, Ph.D. in Mass Communication and Journalism subject (Area -Development communication) from BHU in 1997. Experience of Teaching in Various Universities and other academic Institutions including BHU as UGC JRF and SRF fellow, Lucknow university as guest faculty and Allahabad university as visiting fellow. Members of various Media professional organizations. Participation in various national and international Seminar and Conferences. Written several books on electronic and digital media

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